Greater Noida Authority News : "ग्रेटर नोएडा में अवैध ठेलियों पर चला बुलडोजर, टेकजोन-4 से लेकर इकोटेक-3 तक सख्त एक्शन, रेहड़ी-पटरी वालों में मचा हड़कंप"

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
शहर की सड़कों को कब्जा मुक्त और ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एक्शन मोड में है। अर्बन सर्विसेज विभाग ने टेकजोन-4 की मेफेयर सोसाइटी के सामने अवैध रूप से चल रही ठेली-पटरी व्यवस्था पर बड़ी कार्रवाई की है। प्राधिकरण की यह मुहिम सिर्फ चेतावनी तक सीमित नहीं रही बल्कि ठेलियों को जब्त कर, दोबारा लौटने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
अवैध कब्जों पर जीरो टॉलरेंस की नीति
प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक मनोज कुमार सचान के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई, जिसमें 12 से अधिक रेहड़ियां-पटरियां जब्त की गईं। टीम ने मौके पर मौजूद विक्रेताओं को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि अगली बार दोबारा अवैध कब्जा करने पर उनके खिलाफ जुर्माने के साथ जब्तीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
इकोटेक-3 में फैब्रिकेटर्स को हटाया गया
कार्रवाई सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रही। सेक्टर इकोटेक-3 में भी सड़क किनारे अवैध रूप से कार्य कर रहे फैब्रिकेटर्स को हटाया गया। इन लोगों द्वारा की जा रही सड़कों की अतिक्रमण से स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे अतिक्रमण न केवल ट्रैफिक की सुगमता में बाधक हैं, बल्कि यह सुनियोजित शहरीकरण को भी चुनौती देते हैं।
ACEO की दो टूक चेतावनी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि, “सड़क किनारे कोई भी अवैध रेहड़ी-पटरी, फैब्रिकेटर्स या अस्थायी निर्माण अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। यह अभियान आगे भी अनवरत जारी रहेगा। जो भी अवैध कब्जे में लिप्त पाया जाएगा, उस पर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”
प्राधिकरण की सख्ती से मची हलचल
इस कार्रवाई से इलाके में अवैध कारोबारियों के बीच खलबली मच गई है। कई ठेले वाले मौके से भाग खड़े हुए, वहीं कुछ स्थानीय व्यापारियों ने प्राधिकरण की इस मुहिम का स्वागत किया और इसे जनहित में बताया। उनका कहना है कि व्यवस्थित और साफ-सुथरे बाजारों से न केवल नागरिकों को राहत मिलती है, बल्कि व्यापार भी बेहतर होता है।
क्यों जरूरी है ऐसी कार्रवाई?
ग्रेटर नोएडा जैसे योजनाबद्ध शहर में सड़क किनारे अतिक्रमण, ट्रैफिक जाम, पैदल यात्रियों के लिए खतरा और साफ-सफाई की बदहाल स्थिति जैसी कई समस्याओं को जन्म देता है। प्राधिकरण की यह मुहिम इस ओर एक अहम कदम है ताकि शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर व्यवस्थित बना रहे और नागरिकों को सुगम व सुरक्षित वातावरण मिल सके।
RWA और स्थानीय नागरिकों का समर्थन
कई सेक्टरों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने प्राधिकरण के इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि शहर में बार-बार शिकायतों के बावजूद कई जगहों पर रेहड़ी-पटरी वालों द्वारा कब्जा कर लिया जाता है। इससे ट्रैफिक जाम के साथ-साथ स्थानीय दुकानों की बिक्री पर भी असर पड़ता है।
आने वाले समय में क्या हो सकता है?
- नियमित निरीक्षण होंगे और दोबारा अतिक्रमण पाए जाने पर जुर्माना और सामान जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
- स्थायी वेंडिंग जोन की स्थापना पर भी विचार किया जा सकता है, जिससे ठेले वालों को तय स्थान पर व्यापार करने की अनुमति मिले और अराजकता खत्म हो।
- सामाजिक संगठनों और RWA को भी अभियान में जोड़ा जाएगा ताकि अवैध गतिविधियों की जानकारी समय रहते मिले।
📌 निष्कर्ष
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का यह अभियान केवल सड़कों को खाली कराने का कार्य नहीं है, बल्कि यह शहर को व्यवस्थित, स्वच्छ और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। यदि इसी प्रकार निरंतरता बनी रही, तो आने वाले समय में ग्रेटर नोएडा एक स्मार्ट और अनुशासित सिटी के रूप में उभर सकता है।
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