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First Read The Guru Granth Sahib On The Ghazipur Border And Then Farmers Caught The Path Of Home – किसानों की घर वापसी : गाजीपुर बॉर्डर पर पहले किया गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ, फिर पकड़ी राह

सार

बॉर्डर खाली होने के अंतिम दिन तक चलेगा लंगर, रसोईघर में बचा है रसद। 

किसानों के जत्थे ने गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया
– फोटो : अमर उजाला

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गाजीपुर बॉर्डर पर शनिवार को किसानों के जत्थे ने गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया। पाठ के बाद किसान बॉर्डर से घरों की ओर कूच करते दिखे। हालांकि, अब भी बॉर्डर पर कुछ किसानों का जत्था मौजूद है जो टैंट हटाने के साथ बॉर्डर को साफ करने का काम कर रहा है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक बॉर्डर पूरी तरह से खाली हो सकता है। 

बॉर्डर पर शनिवार को सुबह पाठ के बाद किसानों ने लंगर खाया और घर वापसी के लिए तैयारी शुरू कर दी। उत्तराखंड के रहने वाले किसान गुरप्रीत सिंह ने कहा कि वह पिछले साल यहां आए थे। तब से अब तक सिर्फ दो बार ही घर लौटे थे। अब सरकार सभी मांगों को मानने  के लिए तैयार हो गई है तो घर वापसी के लिए तैयारी शुरू कर दी है। एक अन्य किसान वीर सिंह प्रताप ने कहा कि उन्होंने आंदोलन स्थल से अपने बड़े भाइयों को वापस घर भेज दिया है। अब सामान के साथ खुद लौटेंगे। सामान को साथ ले जाने के लिए एक ट्रक को भी बुक किया है। 

3 से 4 दिन में खाली हो जाएगा बॉर्डर
किसानों के मुताबिक, आंदोलन स्थल पूरी तरह से खाली होने में तीन से चार दिन का समय लगेगा। ऐसे में आंदोलन स्थल पर अंतिम दिन तक लंगर की सुविधा जारी रहेगी। इस कड़ी में शनिवार को भी दिनभर लंगर के साथ मिठाइयां बंटने का दौर जारी रहा। वहीं, टेंट हटाने में किसान एक दूसरे की मदद करते दिखे।

बैरिकेडिंग हटाने के लिए पुलिस भी कर रही तैयारी
बॉर्डर से बैरिकेडिंग समेत अन्य अवरोध को पुलिस ने हटाना शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी पूरी तरह से बैरिकेडिंग नहीं हटाई गई है। किसानों को जाने देने के लिए कुछ जगह दी गई है। जब तक किसान पूरी तरह से नहीं हट जाते तब तक बॉर्डर पर पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग को पूरी तरह से नहीं हटाया जाएगा।

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में एक साल तक आंदोलन चलाकर किसान अब घर लौटने लगे हैं। शनिवार को जिलेभर में दिल्ली से लौट रहे किसानों का जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान गांव-गांव में उन पर फूल बरसाए गए और मिठाइयां बांटकर कृषि कानून वापस होने पर खुशी मनाई गई।

 कई जगहों इस खुशी का इजहार करने के लिए डीजे भी लगाया गया। यहां हरियाणा व पंजाब के किसानों ने जमकर डांस किया। इधर, जींद के खटकड़ टोल प्लाजा का धरना 14 दिसंबर तक चलेगा। 14 दिसंबर को किसान नेता राकेश टिकैत व गुरनाम सिंह चढूनी धरने पर आएंगे और इसके बाद धरना समाप्त होगा। धरना कमेटी 15 दिसंबर को टोल प्लाजा प्रशासन को सुपुर्द करेगी।

दिल्ली से पंजाब की ओर जाने वाले किसानों ने रोहतक-जींद व गोहाना-जींद का मार्ग अपनाया हुआ है। सुबह से ही किसानों के जत्थे पहुंचने शुरू हो गए। हालांकि सुबह 11 बजे से ही विभिन्न स्थानों पर किसानों पर फूल बरसाने शुरू किए। इसके लिए मुख्य रूप से जींद के नए बस स्टैंड के पास, जुलाना, निडाना गांव के बस स्टॉप, चीनी मिल के सामने किसान लंगर, खटकड़ टोल, उचाना व नरवाना में स्वागत समारोह हुए। दिल्ली से लौट रहे किसानों का हरियाणा के किसानों ने दिल खोल कर स्वागत किया।

स्वागत के चलते पंजाब के किसान भी खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने जमकर डांस किया। इस दौरान महिला किसानों ने भी पंजाब के लोकगीत गाकर खुशी का इजहार किया। खटकड़ टोल पर आसपास के गांवों से भारी तादाद में लोग मौजूद रहे। किसानों ने हरियाणा, पंजाब भाईचारा जिंदाबाद के नारे लगाते हुए पंजाब, हरियाणा के किसान आपस में गले मिले। 

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक आंदोलन के 380वें दिन शनिवार सुबह किसानों ने कुंडली, टीकरी और सिंघु बॉर्डर से वापसी शुरू कर दी। इससे पहले उन्होंने धरनास्थल पर जमकर जश्न मनाया और जीत के नारों व धूम धड़ाके के बीच फतेह मार्च निकाला। कुंडली बॉर्डर से लेकर मुरथल तक ट्रैक्टर-ट्रालियों, कारों व जीपों के काफिले के कारण माहौल देखते ही बना। उधर, किसानों की रवानगी से टीकरी बॉर्डर भी लगभग खाली हो गया है।

पंजाब के किसानों को विजय विदाई देने व फतेह मार्च में शामिल होने के लिए केजीपी-केएमपी के जीरो प्वाइंट पर भारी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों के अलावा दूरदराज से भी किसान पहुंचे। इस दौरान किसानों पर पुष्प वर्षा की गई। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर पूरा दिन अलग-अलग जत्थों में किसान रवाना होते रहे, जिससे जीटी रोड पर लंबा जाम लगा रहा। 

किसान आंदोलन समाप्त होने पर टीकरी बॉर्डर से ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर पंजाब के मुक्तसर लौट रहे दो किसानों की हिसार में सड़क हादसे में मौत हो गई। ट्रक चालक को नींद आने की वजह से हादसा शनिवार अलसुबह करीब चार बजे ढंढूर के पास नेश्नल हाईवे पर हुआ। सूचना मिलते ही सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने पंजाब के अबोहर निवासी ट्रक चालक गुरचरण सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। 

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह ढंढूर के पास करीब 12 किसानों से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को पंजाब नंबर के एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में मुक्तसर के गांव आशाबुटर निवासी करीब 36 वर्षीय सुखदेव सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं हादसे में करीब 32 वर्षीय अजयप्रीत, करीब 55 वर्षीय रघुवीर, करीब 55 वर्षीय दारा सिंह, करीब 55 वर्षीय हरबंस सिंह, गौरी व बिकर सिंह घायल हो गए। पुलिस ने सुखदेव सिंह के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हिसार नागरिक अस्पताल के शवगृह में भिजवाया। बाकी घायलों को चूड़ामणी अस्पताल में दाखिल करवाया।

हादसे में गंभीर रूप से घायल अजयप्रीत की भी दोपहर को उपचार के दौरान मौत हो गई। रघुबीर सिंह की गंभीर हालत को देखते हुए उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया। वहीं दोनों के शव को पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। मामले में ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक जगमीत सिंह के बयान पर केस दर्ज किया गया है।

विस्तार

गाजीपुर बॉर्डर पर शनिवार को किसानों के जत्थे ने गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया। पाठ के बाद किसान बॉर्डर से घरों की ओर कूच करते दिखे। हालांकि, अब भी बॉर्डर पर कुछ किसानों का जत्था मौजूद है जो टैंट हटाने के साथ बॉर्डर को साफ करने का काम कर रहा है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक बॉर्डर पूरी तरह से खाली हो सकता है। 

बॉर्डर पर शनिवार को सुबह पाठ के बाद किसानों ने लंगर खाया और घर वापसी के लिए तैयारी शुरू कर दी। उत्तराखंड के रहने वाले किसान गुरप्रीत सिंह ने कहा कि वह पिछले साल यहां आए थे। तब से अब तक सिर्फ दो बार ही घर लौटे थे। अब सरकार सभी मांगों को मानने  के लिए तैयार हो गई है तो घर वापसी के लिए तैयारी शुरू कर दी है। एक अन्य किसान वीर सिंह प्रताप ने कहा कि उन्होंने आंदोलन स्थल से अपने बड़े भाइयों को वापस घर भेज दिया है। अब सामान के साथ खुद लौटेंगे। सामान को साथ ले जाने के लिए एक ट्रक को भी बुक किया है। 

3 से 4 दिन में खाली हो जाएगा बॉर्डर

किसानों के मुताबिक, आंदोलन स्थल पूरी तरह से खाली होने में तीन से चार दिन का समय लगेगा। ऐसे में आंदोलन स्थल पर अंतिम दिन तक लंगर की सुविधा जारी रहेगी। इस कड़ी में शनिवार को भी दिनभर लंगर के साथ मिठाइयां बंटने का दौर जारी रहा। वहीं, टेंट हटाने में किसान एक दूसरे की मदद करते दिखे।

बैरिकेडिंग हटाने के लिए पुलिस भी कर रही तैयारी

बॉर्डर से बैरिकेडिंग समेत अन्य अवरोध को पुलिस ने हटाना शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी पूरी तरह से बैरिकेडिंग नहीं हटाई गई है। किसानों को जाने देने के लिए कुछ जगह दी गई है। जब तक किसान पूरी तरह से नहीं हट जाते तब तक बॉर्डर पर पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग को पूरी तरह से नहीं हटाया जाएगा।

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