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In the name of getting a job in HCH, acquaintance with the former chairman of Central Cooperative Bank grabbed 1 crore, the deal was settled for three crores, the paper was not cleared | सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन से परिचित ने ही हड़पी रकम; 3 करोड़ में तय हुआ था सौदा, पेपर नहीं हो पाया क्लीयर

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रोहतक2 घंटे पहले

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सांकेतिक चित्र - Dainik Bhaskar

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हरियाणा के रोहतक जिले में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन से उनके भतीजे का हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) में सिलेक्शन करवाने के नाम पर एक करोड़ रुपए ठग लिए गए।

ठगी करने वाला शख्स पूर्व चेयरमैन का परिचित है और उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर यह ठगी की। आरोपियों ने HCS का पेपर क्लीयर कराने से लेकर नौकरी जॉइन कराने तक की पूरी जिम्मेदारी ली थी। रोहतक जिले में नौकरी दिलाने के नाम पर यह ठगी के सबसे बड़े मामलों में से एक है।

सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन ने एसपी को शिकायत दी है। एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच पुलिस के इकॉनोमिक सेल को सौंप दी हे। बता दें कि पीड़ित रोहतक कोर्ट में वकालत करते हैं और बेरी विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ चुके हैं।

तीन करोड़ में तय हुआ था सौदा

पुलिस को दी गई शिकायत में सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन ने बताया कि उनका भतीजा प्रदीप कुछ समय से हरियाणा सिविल सर्विस (HCS) की तैयारी कर रहा है। कुछ महीने पहले दिल्ली के न्यू राजेंद्र नगर में रहने वाला उनका एक परिचित घर आया और कहने लगा कि वह HPSC का पेपर पास करवाकर प्रदीप का सिलेक्शन HCS में करवा सकता है। उसने बताया कि उसका एक दोस्त झज्जर के हसनपुर गांव का रहने वाला है और दूसरा उत्तराखंड का। ये दोनों HPSC के मेंबर और चेयरमैन के नजदीकी हैं। पूर्व चेयरमैन के अनुसार, वह परिचित की बातों में आ गए। उनके बीच 3 करोड़ रुपए में भतीजे प्रदीप को HCS की नौकरी लगवाने का सौदा तय हो गया।

एक करोड़ रुपए एडवांस लिए

सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन के अनुसार, आरोपी 50 लाख रुपए एडवांस लेकर चला गया। कुछ दिन बाद उसका दिल्ली से फोन आया और हसनपुर में रहने वाले अपने दोस्त से फोन पर बात करने को कहा। पूर्व चेयरमैन ने फोन किया तो आरोपियों ने उन्हें 24 मार्च को गुरुग्राम के एक होटल में बुलाया और कहा कि 50 लाख रुपए एडवांस देने पड़ेंगे। उन्होंने 30 मार्च को 20 लाख रुपए, दो अप्रैल को 20 लाख रुपए और फिर 10 लाख रुपए भेज दिए। वह आरोपियों को एडवांस में एक करोड़ रुपए दे चुके थे। इसी बीच HPSC की ओर से पेपर का शेड्यूल जारी हो गया। उनके भतीजे प्रदीप का सेंटर हिसार में आया। प्रदीप ने 12 सितंबर को हिसार में पेपर दिया, जिसका रिजल्ट 26 सितंबर को आ गया। लेकिन प्रदीप यह पेपर क्लीयर नहीं कर पाया। इसके बाद जब उन्होंने आरोपियों से अपनी रकम वापस मांगी तो वह टाल-मटोल करने लगे।

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