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For the first time, admissions in government schools increased by 7% and in private decreased by 9%; Reason – 62% changed school due to lack of money | पहली बार सरकारी स्कूलों में एडमिशन 7% बढ़े और निजी में 9% घटे; वजह- 62% ने पैसों की तंगी के कारण स्कूल बदला

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नई दिल्ली36 मिनट पहले

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एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2021 में सामने आया कि यूपी के सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन सबसे ज्यादा 13% बढ़ा है। - Dainik Bhaskar

एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2021 में सामने आया कि यूपी के सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन सबसे ज्यादा 13% बढ़ा है।

कोरोना ने स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर सबसे ज्यादा असर डाला है। नतीजा यह कि पहली बार सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने वाले 6-14 साल के बच्चों की संख्या बढ़कर 2021 में 70.3% तक पहुंच गई। 2018 में यह 64.3% थी। वहीं, निजी स्कूलों में एडमिशन लेने वालों की संख्या घटकर 24.4% पर सिमट गई, जो 2018 में 32.5% थी। इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह रही आर्थिक तंगी। क्योंकि, सबसे ज्यादा 62.5% मामलों में अभिभावकों ने पैसों की कमी के कारण स्कूल बदला।

यूपी के सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन सबसे ज्यादा करीब 13% बढ़ा। इस सूची में केरल (11.9%) दूसरे, तमिलनाडु (9.6%) तीसरे और राजस्थान (9.4%) चौथे नंबर पर रहा। देश के 25 राज्यों, 581 जिलों और 3 केंद्रशासित राज्यों के 17,184 गांवों में स्थित 7,299 स्कूलों के सर्वे असर (एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2021) में यह बात सामने आई है। सर्वे सितंबर-अक्टूबर 21 के दौरान किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक पहली और दूसरी कक्षा के करीब 36% बच्चों ने अभी स्कूल ही नहीं देखा है।

11 साल पीछे खिसके निजी स्कूल
निजी स्कूलों के नामांकन में पहली बार 2020 से कमी आई। तब यह 6-14 आयु वर्ग में 2018 के 32.5% से लुढ़ककर 28.8% पर आ गया। इससे पहले 2006 से 2014 के बीच इसमें लगातार बढ़ोतरी हुई। 2018 तक यह 30% के आस-पास रहा। अब यह फिर 2010 के स्तर (25%) के पास आ गया है। वहीं, सरकारी स्कूलों में नामांकन 2006 से 2018 तक लगातार गिरा, फिर 65% पर स्थिर हो गया। 2021 में पहली बार 70% के पार हुआ।

पेड ट्यूशन लेने वाले बच्चे 40% तक पहुंचे
2018 में जहां 28.6% बच्चे पेड ट्यूशन लेते थे, वहीं 2021 में यह आंकड़ा 39.2% तक पहुंच गया। जो माता-पिता कम पढ़े-लिखे (प्राइमरी शिक्षा या कम) थे, उनके द्वारा ट्यूशन लगाने में 12.6% और जो माता-पिता अधिक पढ़े-लिखे (कक्षा 9 से ज्यादा) थे, उनमें 7.2% की वृद्धि हुई। जो स्कूल नहीं खुले, वहां के 41% बच्चे और जो खुल गए, वहां के 38% ट्यूशन ले रहे हैं।

बदलाव के 5 बड़े कारण
62.4% आर्थिक तंगी
49.1% मुफ्त सुविधाएं
40.4% पढ़ाई नहीं होना
15.5% पलायन
5.3% शादी/रोजगार

नोट: निजी स्कूलों की जगह सरकारी को तरजीह क्यों दी जा रही, इसके कारणों पर सर्वे में शामिल शिक्षकों और प्राध्यापकों ने अपनी राय दी है।

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