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Gang Who Hacked Online Exams Busted – ऑनलाइन परीक्षाओं को हैक करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

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नई दिल्ली। ऑनलाइन परीक्षाएं करवाने वाली आईटी कंपनियां बेशक अपने सिस्टम को फुल प्रूफ बताती हों, लेकिन हैकर्स के पास सिस्टम को तोड़ने की कुंजी मौजूद है। दिल्ली पुलिस ने एक ही एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। आरोपी आईटी इंडस्ट्री में टेक्निकल स्किल को अपग्रेड करने और विभिन्न नौकरियों के लिए होने वाली ऑनलाइन परीक्षाओं को हैक करते थे। फिर, मुंहमांगी रकम लेकर प्रतियोगियों को परीक्षा पास करवा देते थे। गैंग प्रतियोगियों को सफल होने की 100 फीसदी गारंटी देता था। साइबर सेल ने इस मामले में पिता-पुत्र समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों की पहचान गुजरात निवासी दीप शाह (19) और पिता राजेश शाह, जबकि तीसरे की पहचान दिल्ली के शाहीन बाग निवासी मोहम्मद अखलाक आलम (29) के रूप में हुई। दीप शाह को 24 नवंबर को गुजरात से, राजेश शाह को 25 नवंबर को अहमदाबाद से और 27 नवंबर को मोहम्मद अखलाक आलम को शाहीन बाग से गिरफ्तार किया गया। दीप शाह और राजेश शाह अहमदाबाद में संस्थान चलाते हैं, जबकि अखलाक नोएडा के सेक्टर-2 में आईटी संस्थान चलाता है। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन मोबाइल और तीन लैपटॉप बरामद किए हैं। अभी गैंग का सहारा लेकर कई परीक्षाओं को पास करने वाले देशभर के करीब 200 प्रतियोगियों का पता चला है। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ कर रही है।
साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि उनकी टीम को डार्कनेट और दूसरे माध्यमों से जानकारी मिली थी कि कुछ लोग प्रतियोगी परीक्षाओं और इन-हाउस प्रमोशन के लिए होने वाली कई लेवल की परीक्षाओं को हैक कर पास करवाते हैं। उसके बदले गैंग के लोग मोटी रकम ऐंठते हैं। फौरन इंस्पेक्टर भानू प्रताप, एसआई पवन, विपिन व अन्य की टीम ने छानबीन शुरू की।
पुलिस ने इंटरनेट कॉल कर हैकर से संपर्क किया
डार्कनेट पर मिले नंबर के आधार पर पुलिस ने इंटरनेट कॉल कर हैकर से संपर्क किया। हैकर से ए (प्लस)-सर्टिफिकेट (कोर-1) एग्जाम को पास करवाने की बात की गई। हैकर ने जितने रुपयों की मांग की, उतनी की रकम बैंक खाते में ट्रांसफर करवा दी गई। इसके बाद हैकर के दिशा निर्देश पर परीक्षा देने वाले फर्जी छात्र ने कुछ सॉफ्टवेयर डाउनलोड किए। इसके बाद आरोपी ने फर्जी छात्र के कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस ले लिया। 25 अक्तूबर को फर्जी छात्र परीक्षा में बैठा। हैकर ने उसकी परीक्षा खुद करवाई। इसके बाद जितना पुलिस की ओर से एग्जाम में स्कोर देने के लिए कहा गया था, उतना ही स्कोर 736 मिला। सब कुछ साफ होने के बाद फोन स्पेेशल सेल ने इस संबंध में मामला दर्ज किया। बाद में फर्जी छात्र के सिस्टम से मिले सॉफ्टवेयर और टेक्निकल सर्विलांस, बैंक खाते की मदद से आरोपियों की पहचान की गई। जांच में पता चला कि गुजरात के अहमदाबाद में यह गोरखधंधा चल रहा है।
परीक्षाएं पास करवाने के लिए 10 हजार से लेकर कई लाख तक वसूलते थे
नई दिल्ली। अच्छी तकनीकी पढ़ाई व आईटी प्रोफेशनल मोहम्मद अखलाक आलम चंद ही मिनटों में फुलप्रूफ सुरक्षा से लैस ऑनलाइन परीक्षाओं के सिस्टम हैक कर लेता था। इससे पहले वह किसी भी सिस्टम में घुसकर उसे रिमोट एक्सेस पर लेता था। इसके बाद ऑनलाइन परीक्षा लेने वाली कंपनियों को पता भी नहीं चलता था और अखलाक अपना काम कर लेता था। इस काम के लिए अखलाक को 12 साल का अनुभव है। अखलाक ने हिमाचल प्रदेश के एक विश्वविद्यालय से बीटेक आईटी में कर रखी है। वह दिल्ली के शाहीन बाग में रहने के साथ नोएडा के सेक्टर-2 में ‘7 नेटवर्क सर्विसेज’ के नाम से संस्थान चलाता है। वहीं पुलिस के हत्थे चढ़े राजेश शाह और दीप शाह का अहमदाबाद में ‘ग्रॉस सॉल्यूशन’ के नाम से संस्थान है। दीप शाह बीएससी इंजीनियरिंग कर रहा है। राजेश शाह एमबीए पास है। आरोपी अलग-अलग ग्रेड की परीक्षाएं पास करवाने के लिए 10 हजार रुपये से लेकर कई लाख रुपये तक वसूलते थे।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईटी इंडस्ट्री में अपने कर्मचारियों के टेक्निकल स्किल को अपग्रेड करने के लिए कंपनियां ऑनलाइन परीक्षाएं लेती हैं। ज्यादातर एग्जाम CISCO Certifications, CompTIA Certifications ¥õÚU EC-Council Certification जैसे नामी संस्थान व अन्य से करवाए जाते हैं। इनकी परीक्षाएं पास करने के बाद कंपनियों में प्रमोशन और नौकरियां दी जाती हैं। ऑनलाइन परीक्षा के लिए प्रतियोगी को पहले रजिस्टर्ड करना होता है। इसके बाद कंपनी के दिशा निर्देशों पर सॉफ्टवेयर को डाउनलोड किया जाता है। माना यह जाता है कि यह सॉफ्टवेयर हैक नहीं हो सकता। इसके बाद जिस कमरे में प्रतियोगी की परीक्षा होती है, वहां की जांच और प्रतियोगी के डिवाइस की जांच होती है। परीक्षा समाप्त होने के बाद उसका ऑनलाइन ही स्कोर आता है, जिसके बाद सर्टिफिकेट दिया जाता है। आरोपी अखलाक पहले ही सिस्टम में अपने सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवा लेता था, जिसे एग्जाम करवाने वाली कंपनियों के सॉफ्टवेयर पकड़ नहीं पाते थे।
एग्जाम शुरू होते ही खुद परीक्षा देने वाले का सिस्टम अपने कंट्रोल में ले लेता था। इसके बाद खुद ही उसकी परीक्षा को सॉल्व कर देता था। बाद में परीक्षा देने वाले को वादे के अनुसार या उससे भी ज्यादा अंक मिलते थे। आरोपी अलग-अलग ग्रेड की परीक्षाओं के लिए 10 हजार रुपये से कई लाख रुपये तक चार्ज कर लिया करते थे। फिलहाल इनके अभी 200 प्रतियोगियों को परीक्षा पास करवाने का पता चला है। माना जा रहा है कि यह संख्या हजारों में जा सकती है। दूसरी ओर दीप शाह और राजेश शाह अपने इंस्टीट्यूट में प्रतियोगियों से पास करवाने की बात कर पैसे लेते थे। इसके बाद सारी जानकारी अखलाक को उपलब्ध करवाई जाती थी। अखलाक ही उनकी मदद करता था। माना जा रहा है कि इसमें कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं।
पिता-पुत्र की डार्कनेट पर हुई अखलाक से पहचान
छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि डार्कनेट पर आरोपियों राजेश शाह और दीप शाह की पहचान मो. अखलाक आलम से हुई। अखलाक से डील कर ली गई। अखलाक Amazon Web Services (AWS) , Azure, CompTIA A+, PMP, CISM, Cyber Ethical Hacking (CEH) जैसी परीक्षाओं को हैक कर उनको पास करवाता था।

नई दिल्ली। ऑनलाइन परीक्षाएं करवाने वाली आईटी कंपनियां बेशक अपने सिस्टम को फुल प्रूफ बताती हों, लेकिन हैकर्स के पास सिस्टम को तोड़ने की कुंजी मौजूद है। दिल्ली पुलिस ने एक ही एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। आरोपी आईटी इंडस्ट्री में टेक्निकल स्किल को अपग्रेड करने और विभिन्न नौकरियों के लिए होने वाली ऑनलाइन परीक्षाओं को हैक करते थे। फिर, मुंहमांगी रकम लेकर प्रतियोगियों को परीक्षा पास करवा देते थे। गैंग प्रतियोगियों को सफल होने की 100 फीसदी गारंटी देता था। साइबर सेल ने इस मामले में पिता-पुत्र समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

आरोपियों की पहचान गुजरात निवासी दीप शाह (19) और पिता राजेश शाह, जबकि तीसरे की पहचान दिल्ली के शाहीन बाग निवासी मोहम्मद अखलाक आलम (29) के रूप में हुई। दीप शाह को 24 नवंबर को गुजरात से, राजेश शाह को 25 नवंबर को अहमदाबाद से और 27 नवंबर को मोहम्मद अखलाक आलम को शाहीन बाग से गिरफ्तार किया गया। दीप शाह और राजेश शाह अहमदाबाद में संस्थान चलाते हैं, जबकि अखलाक नोएडा के सेक्टर-2 में आईटी संस्थान चलाता है। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन मोबाइल और तीन लैपटॉप बरामद किए हैं। अभी गैंग का सहारा लेकर कई परीक्षाओं को पास करने वाले देशभर के करीब 200 प्रतियोगियों का पता चला है। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ कर रही है।

साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि उनकी टीम को डार्कनेट और दूसरे माध्यमों से जानकारी मिली थी कि कुछ लोग प्रतियोगी परीक्षाओं और इन-हाउस प्रमोशन के लिए होने वाली कई लेवल की परीक्षाओं को हैक कर पास करवाते हैं। उसके बदले गैंग के लोग मोटी रकम ऐंठते हैं। फौरन इंस्पेक्टर भानू प्रताप, एसआई पवन, विपिन व अन्य की टीम ने छानबीन शुरू की।

पुलिस ने इंटरनेट कॉल कर हैकर से संपर्क किया

डार्कनेट पर मिले नंबर के आधार पर पुलिस ने इंटरनेट कॉल कर हैकर से संपर्क किया। हैकर से ए (प्लस)-सर्टिफिकेट (कोर-1) एग्जाम को पास करवाने की बात की गई। हैकर ने जितने रुपयों की मांग की, उतनी की रकम बैंक खाते में ट्रांसफर करवा दी गई। इसके बाद हैकर के दिशा निर्देश पर परीक्षा देने वाले फर्जी छात्र ने कुछ सॉफ्टवेयर डाउनलोड किए। इसके बाद आरोपी ने फर्जी छात्र के कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस ले लिया। 25 अक्तूबर को फर्जी छात्र परीक्षा में बैठा। हैकर ने उसकी परीक्षा खुद करवाई। इसके बाद जितना पुलिस की ओर से एग्जाम में स्कोर देने के लिए कहा गया था, उतना ही स्कोर 736 मिला। सब कुछ साफ होने के बाद फोन स्पेेशल सेल ने इस संबंध में मामला दर्ज किया। बाद में फर्जी छात्र के सिस्टम से मिले सॉफ्टवेयर और टेक्निकल सर्विलांस, बैंक खाते की मदद से आरोपियों की पहचान की गई। जांच में पता चला कि गुजरात के अहमदाबाद में यह गोरखधंधा चल रहा है।

परीक्षाएं पास करवाने के लिए 10 हजार से लेकर कई लाख तक वसूलते थे

नई दिल्ली। अच्छी तकनीकी पढ़ाई व आईटी प्रोफेशनल मोहम्मद अखलाक आलम चंद ही मिनटों में फुलप्रूफ सुरक्षा से लैस ऑनलाइन परीक्षाओं के सिस्टम हैक कर लेता था। इससे पहले वह किसी भी सिस्टम में घुसकर उसे रिमोट एक्सेस पर लेता था। इसके बाद ऑनलाइन परीक्षा लेने वाली कंपनियों को पता भी नहीं चलता था और अखलाक अपना काम कर लेता था। इस काम के लिए अखलाक को 12 साल का अनुभव है। अखलाक ने हिमाचल प्रदेश के एक विश्वविद्यालय से बीटेक आईटी में कर रखी है। वह दिल्ली के शाहीन बाग में रहने के साथ नोएडा के सेक्टर-2 में ‘7 नेटवर्क सर्विसेज’ के नाम से संस्थान चलाता है। वहीं पुलिस के हत्थे चढ़े राजेश शाह और दीप शाह का अहमदाबाद में ‘ग्रॉस सॉल्यूशन’ के नाम से संस्थान है। दीप शाह बीएससी इंजीनियरिंग कर रहा है। राजेश शाह एमबीए पास है। आरोपी अलग-अलग ग्रेड की परीक्षाएं पास करवाने के लिए 10 हजार रुपये से लेकर कई लाख रुपये तक वसूलते थे।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईटी इंडस्ट्री में अपने कर्मचारियों के टेक्निकल स्किल को अपग्रेड करने के लिए कंपनियां ऑनलाइन परीक्षाएं लेती हैं। ज्यादातर एग्जाम CISCO Certifications, CompTIA Certifications ¥õÚU EC-Council Certification जैसे नामी संस्थान व अन्य से करवाए जाते हैं। इनकी परीक्षाएं पास करने के बाद कंपनियों में प्रमोशन और नौकरियां दी जाती हैं। ऑनलाइन परीक्षा के लिए प्रतियोगी को पहले रजिस्टर्ड करना होता है। इसके बाद कंपनी के दिशा निर्देशों पर सॉफ्टवेयर को डाउनलोड किया जाता है। माना यह जाता है कि यह सॉफ्टवेयर हैक नहीं हो सकता। इसके बाद जिस कमरे में प्रतियोगी की परीक्षा होती है, वहां की जांच और प्रतियोगी के डिवाइस की जांच होती है। परीक्षा समाप्त होने के बाद उसका ऑनलाइन ही स्कोर आता है, जिसके बाद सर्टिफिकेट दिया जाता है। आरोपी अखलाक पहले ही सिस्टम में अपने सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवा लेता था, जिसे एग्जाम करवाने वाली कंपनियों के सॉफ्टवेयर पकड़ नहीं पाते थे।

एग्जाम शुरू होते ही खुद परीक्षा देने वाले का सिस्टम अपने कंट्रोल में ले लेता था। इसके बाद खुद ही उसकी परीक्षा को सॉल्व कर देता था। बाद में परीक्षा देने वाले को वादे के अनुसार या उससे भी ज्यादा अंक मिलते थे। आरोपी अलग-अलग ग्रेड की परीक्षाओं के लिए 10 हजार रुपये से कई लाख रुपये तक चार्ज कर लिया करते थे। फिलहाल इनके अभी 200 प्रतियोगियों को परीक्षा पास करवाने का पता चला है। माना जा रहा है कि यह संख्या हजारों में जा सकती है। दूसरी ओर दीप शाह और राजेश शाह अपने इंस्टीट्यूट में प्रतियोगियों से पास करवाने की बात कर पैसे लेते थे। इसके बाद सारी जानकारी अखलाक को उपलब्ध करवाई जाती थी। अखलाक ही उनकी मदद करता था। माना जा रहा है कि इसमें कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं।

पिता-पुत्र की डार्कनेट पर हुई अखलाक से पहचान

छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि डार्कनेट पर आरोपियों राजेश शाह और दीप शाह की पहचान मो. अखलाक आलम से हुई। अखलाक से डील कर ली गई। अखलाक Amazon Web Services (AWS) , Azure, CompTIA A+, PMP, CISM, Cyber Ethical Hacking (CEH) जैसी परीक्षाओं को हैक कर उनको पास करवाता था।

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