न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar
Updated Fri, 12 Nov 2021 10:45 PM IST
सार
पुलिस के अनुसार शाम चार बजकर 20 मिनट पर चंडीगढ़ से यूके 707 विमान के जरिए दिल इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन पर पहुंचा। यहां से दिल्ली पुलिस ने एम्स परिसर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया था।
कोरोना महामारी के बीच इस साल दिल्ली एम्स में पहला हार्ट ट्रांसप्लांट शुक्रवार देर रात तक जारी रहा। चंडीगढ़ से दिल्ली एम्स आया दिल 26 मिनट में एयरपोर्ट से लाया गया। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने बकायदा ग्रीन कॉरिडोर बनाया था।
पुलिस के अनुसार शाम चार बजकर 20 मिनट पर चंडीगढ़ से यूके 707 विमान के जरिए दिल इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन पर पहुंचा। यहां से दिल्ली पुलिस ने एम्स परिसर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया था। पुलिस का कहना है कि सामान्य तौर पर शाम के वक्त यह दूरी तय करने में करीब 60 से 65 मिनट का वक्त लग जाता है लेकिन ग्रीन कॉरिडोर की मदद से दिल समय पर पहुंचा।
वहीं एम्स से मिली जानकारी के अनुसार देर शाम तक डॉक्टरों की टीम प्रत्यारोपण में व्यस्त रही जिसकी वजह से इस केस के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि पिछले साल दिसंबर माह में हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ था। इसके बाद दूसरी लहर आने के चलते लंबे समय तक एम्स की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं लेकिन शुक्रवार को एम्स के ऑर्बो विभाग ने दिल्ली पुलिस को सूचित किया था जिसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
विस्तार
कोरोना महामारी के बीच इस साल दिल्ली एम्स में पहला हार्ट ट्रांसप्लांट शुक्रवार देर रात तक जारी रहा। चंडीगढ़ से दिल्ली एम्स आया दिल 26 मिनट में एयरपोर्ट से लाया गया। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने बकायदा ग्रीन कॉरिडोर बनाया था।
पुलिस के अनुसार शाम चार बजकर 20 मिनट पर चंडीगढ़ से यूके 707 विमान के जरिए दिल इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन पर पहुंचा। यहां से दिल्ली पुलिस ने एम्स परिसर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया था। पुलिस का कहना है कि सामान्य तौर पर शाम के वक्त यह दूरी तय करने में करीब 60 से 65 मिनट का वक्त लग जाता है लेकिन ग्रीन कॉरिडोर की मदद से दिल समय पर पहुंचा।
वहीं एम्स से मिली जानकारी के अनुसार देर शाम तक डॉक्टरों की टीम प्रत्यारोपण में व्यस्त रही जिसकी वजह से इस केस के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि पिछले साल दिसंबर माह में हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ था। इसके बाद दूसरी लहर आने के चलते लंबे समय तक एम्स की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं लेकिन शुक्रवार को एम्स के ऑर्बो विभाग ने दिल्ली पुलिस को सूचित किया था जिसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
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