अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Tue, 30 Nov 2021 05:59 AM IST
सार
एक तरफ सभी ट्रेनों में खाने की सुविधा अभी शुरू नहीं की गई वहीं ‘पेट पूजा’ नाम से जो पैक्ड फूड अभी मिल भी रहा है, उसमें मात्रा के हिसाब से भोजन कम है।
सफर के दौरान खाने को लेकर यात्रियों की दुविधा बनी हुई है। एक तरफ सभी ट्रेनों में खाने की सुविधा अभी शुरू नहीं की गई वहीं ‘पेट पूजा’ नाम से जो पैक्ड फूड अभी मिल भी रहा है, उसमें मात्रा के हिसाब से भोजन कम है। नतीजन आधे पेट खाना खाकर मुसाफिरों को सफर करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला स्वर्ण शताब्दी ट्रेन में सामने आया है। यात्री ने इसकी शिकायत रेल प्रशासन को की है।
कोविड की वजह से रेलवे ने ट्रेन में पेंट्री कार पूरी तरह से शुरू नहीं कर पाई है। ऑनलाइन खाने की सुविधा तो दी गई है, लेकिन जो खाने की सामग्री दी जा रही है उसके भी आइटम में कमीं रह रही है। इस मामले की शिकायत लखनऊ-नई दिल्ली स्वर्ण शताब्दी के यात्री अमित सिन्हा ने दिए गए वाट्सएप नंबर पर की है।
दरअसल पेट पूजा नाम से एक पूरा पैकेट तैयार किया गया है जिसमें एक कचौड़ी, एक समोसा, एक ब्रांडेड जूस, कैचअप, टिशू पेपर, एक पीस नमकीन और एक पीस स्वीट ट्रेन के यात्रियों को दिया जा रहा है। चाय के साथ इस बॉक्स की कीमत 70 रुपये यात्रियों से एक नामी कंपनी के साथ कॉमसम ले रहा है।
ट्रेन के यात्री सिन्हा इस पूरे पैकेट की तस्वीर साझा करते हुए बताया कि पैकेट में आइटम तो भरपूर लिखा गया है, लेकिन इस पैकेट को खोलने पर पता चला कि आधे-अधूरे ही खाने की सामग्री पैकेट में मिली। उन्होंने बताया कि पैकेट पर दिए गए वाट्सएप नंबर पर इसकी शिकायत कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि कैटरिंग सुविधा कोविड की वजह ट्रेन में नहीं मिलने की वजह से यात्री ऑन लाइन खाने का पैकेट बुक करा रहे है। स्टेशन पर खुले रेस्टोरेंट से पैक्ड फूड यात्रियों को दिया जा रहा है।
विस्तार
सफर के दौरान खाने को लेकर यात्रियों की दुविधा बनी हुई है। एक तरफ सभी ट्रेनों में खाने की सुविधा अभी शुरू नहीं की गई वहीं ‘पेट पूजा’ नाम से जो पैक्ड फूड अभी मिल भी रहा है, उसमें मात्रा के हिसाब से भोजन कम है। नतीजन आधे पेट खाना खाकर मुसाफिरों को सफर करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला स्वर्ण शताब्दी ट्रेन में सामने आया है। यात्री ने इसकी शिकायत रेल प्रशासन को की है।
कोविड की वजह से रेलवे ने ट्रेन में पेंट्री कार पूरी तरह से शुरू नहीं कर पाई है। ऑनलाइन खाने की सुविधा तो दी गई है, लेकिन जो खाने की सामग्री दी जा रही है उसके भी आइटम में कमीं रह रही है। इस मामले की शिकायत लखनऊ-नई दिल्ली स्वर्ण शताब्दी के यात्री अमित सिन्हा ने दिए गए वाट्सएप नंबर पर की है।
दरअसल पेट पूजा नाम से एक पूरा पैकेट तैयार किया गया है जिसमें एक कचौड़ी, एक समोसा, एक ब्रांडेड जूस, कैचअप, टिशू पेपर, एक पीस नमकीन और एक पीस स्वीट ट्रेन के यात्रियों को दिया जा रहा है। चाय के साथ इस बॉक्स की कीमत 70 रुपये यात्रियों से एक नामी कंपनी के साथ कॉमसम ले रहा है।
ट्रेन के यात्री सिन्हा इस पूरे पैकेट की तस्वीर साझा करते हुए बताया कि पैकेट में आइटम तो भरपूर लिखा गया है, लेकिन इस पैकेट को खोलने पर पता चला कि आधे-अधूरे ही खाने की सामग्री पैकेट में मिली। उन्होंने बताया कि पैकेट पर दिए गए वाट्सएप नंबर पर इसकी शिकायत कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि कैटरिंग सुविधा कोविड की वजह ट्रेन में नहीं मिलने की वजह से यात्री ऑन लाइन खाने का पैकेट बुक करा रहे है। स्टेशन पर खुले रेस्टोरेंट से पैक्ड फूड यात्रियों को दिया जा रहा है।
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