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Person Demanded Job And Compensation Lost Parrents In 1984 Anti-sikh Riots Sought Answers From Central And State Government – दिल्ली: 1984 सिख विरोधी दंगा में माता-पिता को खाने वाले ने नौकरी व मुआवजे की मांग की, केंद्र व राज्य सरकार से मांगा जवाब

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: सुशील कुमार
Updated Tue, 21 Dec 2021 09:18 PM IST

सार

अदालत ने यह भी कहा था कि 1984 के सिख दंगों में मारे गए लोगों के बच्चों या परिवार के सदस्यों को आवेदकों के उचित सत्यापन के बाद और रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों के आधार पर रोजगार दिया जाएगा।

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उच्च न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में अपने माता-पिता को खोने वाले एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याची ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक परिपत्र का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार को उसे रोजगार प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में उनकी पात्रता की तारीख से उनकी आय के नुकसान के लिए दिल्ली सरकार से मुआवजे की भी मांग की गई है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने संबंधित पक्षों को मामले में चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

पंकज बक्शी द्वारा अधिवक्ता गगन गांधी के माध्यम से दायर याचिका में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन बनाम केंद्र सरकार और अन्य के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा पारित 27 नवंबर 2019 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अदालत ने निर्देश दिया था कि संबंधित पक्ष कानून, नियम विनियमों और सरकारी नीति के अनुसार गृह मंत्रालय द्वारा 16 जनवरी, 2006 को जारी परिपत्र का पालन करें। 

अदालत ने यह भी कहा था कि 1984 के सिख दंगों में मारे गए लोगों के बच्चों या परिवार के सदस्यों को आवेदकों के उचित सत्यापन के बाद और रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों के आधार पर रोजगार दिया जाएगा। याची ने कहा उसने 17 जुलाई 2019 को रोजगार मांगने व मुआवजे के लिए दिल्ली सरकार को ज्ञापन दिया बावजूद उसके कोई जवाब नहीं मिला। याची ने कहा उसे रोजगार प्रदान न करने से गहरा नुकसान व देरी के चलते मानसिक तनाव और आय की हानि हो रही है। याची ने कहा पहले दंगा व फिर कोविड-19 महामारी के कारण वह काफी परेशान है। याची ने वर्ष 2006 से वेतन की गणना कर मुआवजा प्रदान करने का भी निर्देश दिया जाए।

विस्तार

उच्च न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में अपने माता-पिता को खोने वाले एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याची ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक परिपत्र का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार को उसे रोजगार प्रदान करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

याचिका में उनकी पात्रता की तारीख से उनकी आय के नुकसान के लिए दिल्ली सरकार से मुआवजे की भी मांग की गई है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने संबंधित पक्षों को मामले में चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

पंकज बक्शी द्वारा अधिवक्ता गगन गांधी के माध्यम से दायर याचिका में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन बनाम केंद्र सरकार और अन्य के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा पारित 27 नवंबर 2019 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अदालत ने निर्देश दिया था कि संबंधित पक्ष कानून, नियम विनियमों और सरकारी नीति के अनुसार गृह मंत्रालय द्वारा 16 जनवरी, 2006 को जारी परिपत्र का पालन करें। 

अदालत ने यह भी कहा था कि 1984 के सिख दंगों में मारे गए लोगों के बच्चों या परिवार के सदस्यों को आवेदकों के उचित सत्यापन के बाद और रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों के आधार पर रोजगार दिया जाएगा। याची ने कहा उसने 17 जुलाई 2019 को रोजगार मांगने व मुआवजे के लिए दिल्ली सरकार को ज्ञापन दिया बावजूद उसके कोई जवाब नहीं मिला। याची ने कहा उसे रोजगार प्रदान न करने से गहरा नुकसान व देरी के चलते मानसिक तनाव और आय की हानि हो रही है। याची ने कहा पहले दंगा व फिर कोविड-19 महामारी के कारण वह काफी परेशान है। याची ने वर्ष 2006 से वेतन की गणना कर मुआवजा प्रदान करने का भी निर्देश दिया जाए।

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