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Pollution In Delhi Ncr Faridabad Is The Most Polluted City Across The Country, Delhi At Second Place – Pollution : हवाओं की सुस्त चाल और मौसम के हाल से गंभीर हुई हवा, फरीदाबाद देशभर में सबसे प्रदूषित, दिल्ली दूसरे स्थान पर

सार

सफर का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिनों तक दमघोंटू हवा से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। हवा का स्तर बहुत खराब से गंभीर श्रेणी के बीच बना रहेगा। 

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मौसमी दशाओं व हवा की रफ्तार का साथ न देने की वजह से दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। एनसीआर में शामिल फरीदाबाद देश का सबसे प्रदूषित व दिल्ली दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रिकॉर्ड किया गया है। 

सफर का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिनों तक दमघोंटू हवा से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। हवा का स्तर बहुत खराब से गंभीर श्रेणी के बीच बना रहेगा। 
सफर के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पंजाब में 34, हरियाणा में 37 व उत्तरप्रदेश में 87 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। इससे उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5 की प्रदूषण में छह फीसदी हिस्सेदारी रही। पराली के धुएं की हिस्सेदारी अधिक न होने के बाद भी प्रदूषण बढ़ने पर विशेषज्ञों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर होने वाला प्रदूषण दिल्ली की हवा को प्रदूषित कर रहा है। 

साथ ही स्थानीय स्तर पर चलने वाली हवाओं की रफ्तार कम होने व मौसमी दशाओं के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। हवा में पीएम 10 का स्तर 366 व पीएम 2.5 का स्तर 208 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया है। सामान्य तौर पर पीएम 10 का स्तर 100 से कम व पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर सुरक्षित माना जाता है। 

सफर का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिनों तक हवा की रफ्तार कम रहेगी। वहीं, मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स पर भी प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रदूषण के बढ़ते स्तर से लोगों को राहत नहीं मिलने की उम्मीद है। 29 नवंबर से तेज हवाओं का दौर जारी होगा। इससे कुछ हद तक प्रदूषण को कम होने में मदद मिलेगी, जिससे लोगों को राहत की सांस मिल सकती है। 
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान(आईआईटीएम) के मुताबिक, बृहस्पतिवार को मिक्सिंग हाइट एक हजार मीटर रिकॉर्ड की गई है। वहीं, अगले दो दिनों तक यह 1100 मीटर के आसपास बने रहने की संभावना है। बृहस्पतिवार को दिनभर हवाओं का दौर जारी रहा व हवा की रफ्तार 10 किमी प्रतिघंटा रिकॉर्ड की गई।

अगले दो दिनों में हवा की रफ्तार छह से आठ किमी प्रतिघंटा दर्ज की जा सकती है। मिक्सिंग हाइट व हवा की रफ्तार के अनुपात के कारण वेंटिलेशन इंडेक्स 500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रिकॉर्ड किया जा सकता है। बृहस्पतिवार को दिल्ली में वेंटिलेशन इंडेक्स का स्तर 1500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड दर्ज किया गया। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के मुताबिक,  बीते 24 घंटे में दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 361 से खिसक कर 400 पर पहुंच गया। फरीदाबाद में 406 एक्यूआई के आंकड़े के साथ देशभर में सबसे खराब हवा रिकॉर्ड की गई है। एक दिन पहले फरीदाबाद का एक्यूआई 367 रिकॉर्ड किया गया था। दरभंगा में हवा का एक्यूआई 366 के आकंड़े के साथ देशभर में तीसरे स्थान पर खराब हवा का स्तर रहा है। 
          25 नवंबर          24 नवंबर 
दिल्ली-    400               361
फरीदाबाद  406              367
गाजियाबाद  356             366
ग्रेटर नोएडा  323             312
गुरुग्राम      334              305
नोएडा       345              325

देशभर के सबसे प्रदूषित शहर 
फरीदाबाद-406
दिल्ली-     400
दरभंगा-    366

दिल्ली के पांच हॉटस्पॉट
जहांगीरपुरी
दिल्ली विश्वविद्यालय
रोहिणी
नरेला
अलीपुर              

उत्तरी हिमालय में बर्फबारी के साथ मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ रही है। बृहस्पतिवार को लुढ़के पारे की वजह से सुबह-शाम ठिठुरन का अहसास हुआ।  मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि सप्ताह की शुरुआत से बढ़ी हुई सर्दी के साथ होगी। अगले सप्ताह तक रात के साथ दिन भी सर्द होने लगेंगे। मौसम विभाग के मुताबिक, अधिकतम तापमान सामान्य से एक अधिक 27.8 व न्यूनतम तापमान सामान्य से दो कम 9.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। हवा में नमी का स्तर 42 से 95 फीसदी रहा। सुबह के समय कोहरे ने लोगों की परेशानी बढ़ाई। 

विस्तार

मौसमी दशाओं व हवा की रफ्तार का साथ न देने की वजह से दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। एनसीआर में शामिल फरीदाबाद देश का सबसे प्रदूषित व दिल्ली दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रिकॉर्ड किया गया है। 

सफर का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिनों तक दमघोंटू हवा से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। हवा का स्तर बहुत खराब से गंभीर श्रेणी के बीच बना रहेगा। 

सफर के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पंजाब में 34, हरियाणा में 37 व उत्तरप्रदेश में 87 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। इससे उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5 की प्रदूषण में छह फीसदी हिस्सेदारी रही। पराली के धुएं की हिस्सेदारी अधिक न होने के बाद भी प्रदूषण बढ़ने पर विशेषज्ञों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर होने वाला प्रदूषण दिल्ली की हवा को प्रदूषित कर रहा है। 

साथ ही स्थानीय स्तर पर चलने वाली हवाओं की रफ्तार कम होने व मौसमी दशाओं के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। हवा में पीएम 10 का स्तर 366 व पीएम 2.5 का स्तर 208 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया है। सामान्य तौर पर पीएम 10 का स्तर 100 से कम व पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर सुरक्षित माना जाता है। 

सफर का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिनों तक हवा की रफ्तार कम रहेगी। वहीं, मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स पर भी प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रदूषण के बढ़ते स्तर से लोगों को राहत नहीं मिलने की उम्मीद है। 29 नवंबर से तेज हवाओं का दौर जारी होगा। इससे कुछ हद तक प्रदूषण को कम होने में मदद मिलेगी, जिससे लोगों को राहत की सांस मिल सकती है। 

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