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Strategy is necessary to deal with deadly pollution – Expert said – Studying the basic sources of pollution twice a year and stopping them can be the solution | विशेषज्ञ ने कहा – साल में दो बार प्रदूषण के मूल स्रोतों का अध्ययन कर उस पर रोक लगाने से हो सकता है समाधान

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नई दिल्लीएक घंटा पहलेलेखक: शेखर घोष

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दिल्ली के आनंद विहार और शादीपुर में हवा का स्तर गंभीर बना हुआ है। - Dainik Bhaskar

दिल्ली के आनंद विहार और शादीपुर में हवा का स्तर गंभीर बना हुआ है।

दिल्ली सरकार के द्वारा प्रदूषण से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों के बाद भी दिनों-दिन दिल्ली में बढ़ता जा रहा जानलेवा प्रदूषण का कारण विशेषज्ञों ने विभागों व सरकार के द्वारा बिना ठोस अध्ययन के द्वारा किए गए जा रहे कार्यों और लापरवाही बरतना बताया है। पर्यावरण विशेषज्ञ सचिन पवार ने बताया कि दिल्ली जैसे हॉट स्पॉट में प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार को ठोस रणनीति बनानी होगी।

दिल्ली के भौगोलिक स्थिति को पहले समझना होगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली की भौगोलिक बनावट संकीर्ण घाटी की तरह है। उन्होंने बताया कि दिल्ली संकीर्ण घाटी के तरह है। इसलिए बिना प्राकृतिक उपायों तेज हवा, बारिश, उचित तापमान के दिल्ली में प्रदूषण खत्म होना मुश्किल है।

दिल्ली में जब तेज सर्दी पड़ती है तापमान 10 डिग्री से कम होगी तो हवा ठंठी होने के कारण भारी होगी और उसमें सड़कों, पार्को, वाहनों के वधुओं से उत्पन्न होने वाले पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा रहेगी प्रदूषण होगा। जब तापमान बढ़ेगी मौसम गर्म होगा, वायु हवा गर्म होने के बाद उपरी वायुमंडल में जाकर मिल जाती है। बाहर से आने वाली हवा दिल्ली के ऊपर मौजूद प्रदूषित हवा को बहा कर अपने साथ ले जाती है।

प्रदूषण खत्म करने के लिए लेना होगा ठोस निर्णय
पर्यावरण विशेषज्ञ ने बताया कि दिल्ली में पराली से होने वाले प्रदूषण का स्तर 4 से 5 प्रतिशत नहीं है जिसका उदाहरण आज सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को दिया है। सचिन पवार ने बताया कि जब दिल्ली में पांच दिन पहले प्रदूषण चरम पर थी तो दिल्ली सरकार स्कूल, कॉलेज, कार्यालय कुछ नहीं बंद किया।

पर दिल्ली में जब तीन दिनों से हवा चल रही है दिल्ली के एक दो जगहों को छोड़कर सभी जगह हवा का स्तर ‘गंभीर’ से ‘कमजोर’ दर्ज हो रही है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्कूल, ऑफिस बंद करने, निर्माण, भट्ठी करने का निर्णय ले रही है। उन्होंने बताया कि सरकार को यह खुद पांच दिन पहले निर्णय लेना चाहिए।

साल में दो बार प्रदूषण के स्रोतों को रोकना होगा
पर्यावरण विशेषज्ञ ने बताया कि दिल्ली सरकार को वर्ष में दो बार सर्दी और गर्मी में प्रदूषण उत्पन्न करने वाले स्रोतों का अध्ययन कर उसे रोकने के लिए एक मेकेनिज्म तैयार करना चाहिए। इसके साथ ही प्रदूषण को रोकने के लिए जनता को वृहद स्तर पर जागरूकता, हिस्सेदारी और जिम्मेदारी भी सख्ती से तय करनी होगी। तभी प्रदूषण को कंट्रोल करने में सफलता मिल सकती है।

यह करने होंगे उपाय
1.
कूड़े का निस्तारण सही से हो कूड़ा जलाने से रोका जाए, वर्टिकल गार्डन बनाने का कोई फायदा नहीं मिल रही क्योंकि फुटपाथ से डस्ट उड़ती है।
2. डस्ट से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सड़कों के फुटपाथ, मीडियम बोल्डर सहित खुले जगहों को ग्रास से ढका जाए, ग्रीन टाइल्स लगाया जाए।
3. दिल्ली के थोक बाजारों, सदर बजार, गांधी नगर, खारी बाबली को लैंड यूज को चेंज कर शहर से दूर किया जाए। कारण लोग, बड़ी संख्या में वाहनों के चलने से धूल उड़ती है और वायुमंडल प्रदूषित होता है।

15 दिनों से प्रदूषण से बुरा हाल
दिल्ली-एनसीआर में पिछले 15 दिनों से प्रदूषण जानलेवा बना हुआ है। दिल्ली का कोई भी कोना प्रदूषण के कारण सांस लेने के लिहाज से आज भी असुरक्षित बना हुआ है। सोमवार को भी दिल्ली के आनंद विहार और शादीपुर में हवा का स्तर गंभीर बनी हुई है।

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