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Success Is Not Easy, Hard Work, Sacrifice Comes: Padma Shri Warrior – सफलता आसान नहीं होती, कड़ी मेहनत, बलिदान से मिलती : पद्मश्री वारियर

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नई दिल्ली। जिस कैंपस से रासायनिक इंजीनियरिंग में डिग्री ली और वहीं 40 साल बाद डिग्री देना एक रोेमांचकारी अनुभव है। आप जैसा इस वक्त महसूस कर रहे हैं, वैसा ही मैंने भी किया था। हालांकि इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था। सफलता आसान नहीं होती है। यह कड़ी मेहनत, बलिदान और निराशाओं के बीच से निकलती है।
यह बात आईआईटी दिल्ली के 52वें दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि, पूर्व छात्रा और प्रतिष्ठित संस्थान फैबल की सीईओ व पद्मश्री वारियर ने छात्रों से संबोधन में कही।
आईआईटी दिल्ली कैंपस स्थित डोगरा हॉल में दीक्षांत समारोह आयोजित किया। पद्मश्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने पिछले डेढ़ साल में अचानक बहुत कुछ बदल दिया है। आज रहने, खाने, पढ़ाई, काम से लेकर हर चीज का तरीका बदल चुका है। ऐसे मुश्किल वक्त में सबकी राह प्रौद्योगिकी व तकनीक ने बदली है। यदि आप समस्या-समाधान क्षमताओं के बारे में आश्वस्त हैं तो आप किसी भी उद्योग में किसी भी भूमिका में सफल हो सकते हैं। समस्या को सुलझाने के कौशल आपके जीवन को लचीला बनाने के काम आता हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया के प्रीमियम संस्थानों में शुमार आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग में स्नातक होने के नाते जिस भविष्य में हम रहेंगे उसकी योजना और निर्माण आपके द्वारा किया जाएगा। प्रौद्योगिकीविदों के रूप में दुनिया के शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक से स्नातक होने के नाते आपको खुद से पूछना चाहिए कि आप क्या बनाएंगे? प्रौद्योगिकी की शक्ति के साथ आप हमें भविष्य में कैसे ले जाएंगे?
कार्यक्रम का आगाज संस्थान के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने वार्षिक रिपोर्ट से किया। इसमें उन्होंने शोध, पढ़ाई से लेकर अन्य कार्यों की जानकारी दी। प्रो. राव ने कहा कि यह हमारे लिए बेहद खुशी का मौका है कि संस्थान की पूर्व छात्रा हमारी मुख्य अतिथि हैं। यही नहीं, विश्व स्तर पर शीर्ष स्थान पर जगह भी बना चुकी हैं। जब हम आईआईटी में बेटियों को आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं, ऐसे में पूर्व छात्रा का मार्गदर्शन अन्य बेटियों को आगे बढ़ने में बेहद सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए एक दर्जन से अधिक पुरस्कार स्थापित किए गए हैं। इनमें से 3 पुरस्कार विशिष्ट क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस के लिए हैं। इनमें से कई पुरस्कार संस्थान के सेवानिवृत्त संकाय द्वारा स्थापित किए गए थे।
उन्होंने कहा कि संस्थान के शिक्षण, अध्ययन और अन्य अकादमिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए कई नए ई-संसाधन जोड़े गए। केंद्रीय पुस्तकालय ने उपयोगकर्ताओं के लिए कंप्यूटर लैब का नवीनीकरण भी किया है। स्टाफ रीचार्ज प्रोग्राम के अंतर्गत पुस्तकालय द्वारा कई आंतरिक सेमीनारों, वेबिनारों का आयोजन किया गया। ये पुस्तकालय प्रशिक्षुओं और स्टाफ सदस्यों द्वारा दिए गए हैं।

नई दिल्ली। जिस कैंपस से रासायनिक इंजीनियरिंग में डिग्री ली और वहीं 40 साल बाद डिग्री देना एक रोेमांचकारी अनुभव है। आप जैसा इस वक्त महसूस कर रहे हैं, वैसा ही मैंने भी किया था। हालांकि इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था। सफलता आसान नहीं होती है। यह कड़ी मेहनत, बलिदान और निराशाओं के बीच से निकलती है।

यह बात आईआईटी दिल्ली के 52वें दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि, पूर्व छात्रा और प्रतिष्ठित संस्थान फैबल की सीईओ व पद्मश्री वारियर ने छात्रों से संबोधन में कही।

आईआईटी दिल्ली कैंपस स्थित डोगरा हॉल में दीक्षांत समारोह आयोजित किया। पद्मश्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने पिछले डेढ़ साल में अचानक बहुत कुछ बदल दिया है। आज रहने, खाने, पढ़ाई, काम से लेकर हर चीज का तरीका बदल चुका है। ऐसे मुश्किल वक्त में सबकी राह प्रौद्योगिकी व तकनीक ने बदली है। यदि आप समस्या-समाधान क्षमताओं के बारे में आश्वस्त हैं तो आप किसी भी उद्योग में किसी भी भूमिका में सफल हो सकते हैं। समस्या को सुलझाने के कौशल आपके जीवन को लचीला बनाने के काम आता हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया के प्रीमियम संस्थानों में शुमार आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग में स्नातक होने के नाते जिस भविष्य में हम रहेंगे उसकी योजना और निर्माण आपके द्वारा किया जाएगा। प्रौद्योगिकीविदों के रूप में दुनिया के शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक से स्नातक होने के नाते आपको खुद से पूछना चाहिए कि आप क्या बनाएंगे? प्रौद्योगिकी की शक्ति के साथ आप हमें भविष्य में कैसे ले जाएंगे?

कार्यक्रम का आगाज संस्थान के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने वार्षिक रिपोर्ट से किया। इसमें उन्होंने शोध, पढ़ाई से लेकर अन्य कार्यों की जानकारी दी। प्रो. राव ने कहा कि यह हमारे लिए बेहद खुशी का मौका है कि संस्थान की पूर्व छात्रा हमारी मुख्य अतिथि हैं। यही नहीं, विश्व स्तर पर शीर्ष स्थान पर जगह भी बना चुकी हैं। जब हम आईआईटी में बेटियों को आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं, ऐसे में पूर्व छात्रा का मार्गदर्शन अन्य बेटियों को आगे बढ़ने में बेहद सहायक होगा।

उन्होंने कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए एक दर्जन से अधिक पुरस्कार स्थापित किए गए हैं। इनमें से 3 पुरस्कार विशिष्ट क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस के लिए हैं। इनमें से कई पुरस्कार संस्थान के सेवानिवृत्त संकाय द्वारा स्थापित किए गए थे।

उन्होंने कहा कि संस्थान के शिक्षण, अध्ययन और अन्य अकादमिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए कई नए ई-संसाधन जोड़े गए। केंद्रीय पुस्तकालय ने उपयोगकर्ताओं के लिए कंप्यूटर लैब का नवीनीकरण भी किया है। स्टाफ रीचार्ज प्रोग्राम के अंतर्गत पुस्तकालय द्वारा कई आंतरिक सेमीनारों, वेबिनारों का आयोजन किया गया। ये पुस्तकालय प्रशिक्षुओं और स्टाफ सदस्यों द्वारा दिए गए हैं।

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