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नई दिल्ली। वाहनों के लिए नंबर शृंखला के तीन अक्षरों के मिलने से बनने वाले एक शब्द से परेशान युवती ने नई स्कूटी का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया। गिफ्ट में पिता से मिली स्कूटी को युवती ने इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि नंबर प्लेट पर दर्ज एक शब्द के कारण लोगों के ताने सुनकर शर्मिंदगी का अहसास होने लगा था। इस हालात से बचने के लिए युवती मेट्रो में सफर करने लगी है।
नई स्कूटी के लिए जनरेटेड नंबर (डीएल3एस.ई.एक्स) युवती को मिला। जैसे ही वह स्कूटी से जनकपुरी से नोएडा के लिए निकली, तो कई लोगों ने मजाक उड़ाया। इस पर युवती ने पिता को पूरी बात बताई तो उसकी खुशियां परेशानी में बदली हुई नजर आईं। परिवहन विभाग ने इस पर संज्ञान लेते हुए तत्काल इस नंबर शृंखला पर रोक लगा दी है। प्रमुख सचिव (परिवहन) और परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा कि नंबर ऑटो जनरेटेड होते हैं। लोगों की भावनाओं को देखते हुए इस शृंखला पर रोक लगा दी गई है। इसकी जगह अब दूसरी शृंखला जारी होगी।
फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने वाली युवती ने जनकपुरी से नोएडा के बीच लंबी दूरी और भीड़भाड़ से बचने के लिए पिता से गिफ्ट में स्कूटी देने को कहा था। पिता ने बेटी को स्कूटी दिलवा दी, मगर नंबर प्लेट से युवती सहित पूरे परिवार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। अब स्कूटी छोड़कर युवती ने आने जाने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली। वाहनों के लिए नंबर शृंखला के तीन अक्षरों के मिलने से बनने वाले एक शब्द से परेशान युवती ने नई स्कूटी का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया। गिफ्ट में पिता से मिली स्कूटी को युवती ने इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि नंबर प्लेट पर दर्ज एक शब्द के कारण लोगों के ताने सुनकर शर्मिंदगी का अहसास होने लगा था। इस हालात से बचने के लिए युवती मेट्रो में सफर करने लगी है।
नई स्कूटी के लिए जनरेटेड नंबर (डीएल3एस.ई.एक्स) युवती को मिला। जैसे ही वह स्कूटी से जनकपुरी से नोएडा के लिए निकली, तो कई लोगों ने मजाक उड़ाया। इस पर युवती ने पिता को पूरी बात बताई तो उसकी खुशियां परेशानी में बदली हुई नजर आईं। परिवहन विभाग ने इस पर संज्ञान लेते हुए तत्काल इस नंबर शृंखला पर रोक लगा दी है। प्रमुख सचिव (परिवहन) और परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कहा कि नंबर ऑटो जनरेटेड होते हैं। लोगों की भावनाओं को देखते हुए इस शृंखला पर रोक लगा दी गई है। इसकी जगह अब दूसरी शृंखला जारी होगी।
फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने वाली युवती ने जनकपुरी से नोएडा के बीच लंबी दूरी और भीड़भाड़ से बचने के लिए पिता से गिफ्ट में स्कूटी देने को कहा था। पिता ने बेटी को स्कूटी दिलवा दी, मगर नंबर प्लेट से युवती सहित पूरे परिवार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। अब स्कूटी छोड़कर युवती ने आने जाने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।