Yumana Authority News : यमुना प्राधिकरण की ऐतिहासिक 85वीं बैठक, किसानों से लेकर कारोबारी तक, हर वर्ग के लिए आई विकास की सौगातें, बदलेगा नोएडा-मथुरा-अलीगढ़ का भविष्य!
किसानों से लेकर रेहड़ी-पटरी वालों तक और लॉजिस्टिक्स से लेकर लीजबैक तक – प्रस्तावों की झड़ी, बदलेगा वेस्ट यूपी का नक्शा

जेवर/मथुरा/अलीगढ़, रफ़्तार टुडे।
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक और शहरी विकास की दिशा में एक और क्रांतिकारी कदम बढ़ चुका है। बुधवार को आयोजित यमुना प्राधिकरण (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) की 85वीं बोर्ड बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक बन गई। यह बैठक प्रमुख सचिव एवं यीडा के चेयरमैन आलोक कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें ग्रेटर नोएडा, मथुरा और अलीगढ़ के हजारों नागरिकों, किसानों, व्यवसायियों और श्रमिकों के जीवन को प्रभावित करने वाले प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।
किसानों को मिली बड़ी राहत: लीजबैक और शिफ्टिंग पर प्रस्ताव पारित!
यीडा की बैठक में सबसे पहले चर्चा का विषय बने किसानों के भूमि संबंधी मुद्दे।
बीते कई वर्षों से किसानों की आबादी क्षेत्र की लीजबैक व्यवस्था और गांवों के शिफ्टिंग की प्रक्रिया को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।
अब बोर्ड की मंजूरी के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि किसानों को आबादी की वैधता, री-पट्टा प्रक्रिया, और स्थानांतरण योजनाओं में नई उम्मीद मिलेगी।
इस फैसले से हजारों किसान परिवारों को विधिक सुरक्षा, भू-स्वामी अधिकारों की पुनर्प्राप्ति और पुनर्वास योजनाओं का लाभ मिलेगा। यह निर्णय प्राधिकरण और किसानों के बीच विश्वास निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
मथुरा-गोवर्धन में “हेरिटेज सिटी” और अलीगढ़ में “लॉजिस्टिक्स पार्क” को मिलेगी रफ्तार
बैठक में दो बड़े मेगा प्रोजेक्ट्स पर भी अहम फैसले लिए गए:
- मथुरा में “हेरिटेज सिटी” प्रोजेक्ट: धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर मथुरा के लिए यह प्रोजेक्ट पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बनेगा।
इसमें पर्यटन, आवास और धरोहर संरक्षण को एक साथ समाहित किया जाएगा। - अलीगढ़ में “मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क”: यह प्रोजेक्ट क्षेत्रीय औद्योगिक नेटवर्क को मजबूत करेगा, जिससे कारोबार, ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज की व्यवस्था अधिक सुदृढ़ होगी।
इन दोनों योजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की दरें, मुआवज़ा नीति और आवंटन प्रक्रिया को लेकर स्पष्ट निर्णय लिया गया, जिससे अधिग्रहण प्रक्रिया को गति मिलेगी।
“वन टाइम सेटलमेंट” स्कीम: आवंटियों को भारी राहत
यीडा ने एक बार फिर OTS (One Time Settlement) योजना लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
इस योजना के तहत वे सभी आवंटी जो समय पर अतिरिक्त मुआवज़ा या किस्तें जमा नहीं कर पाए हैं, उन्हें दंडात्मक ब्याज से राहत दी जाएगी।
OTS योजना रिहायशी, ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक और संस्थागत सभी कैटेगरी में लागू की जाएगी।
इससे प्राधिकरण को बकाया रकम मिलने में तेजी आएगी और आवंटियों को कानूनी विवादों से मुक्ति मिलेगी।
8,000 छोटे भूखंडों की योजना: रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा पक्का पता
यीडा की इस बैठक में एक और मानवीय पहल की गई।
30 वर्ग मीटर के 8,000 भूखंडों की योजना को स्वीकृति के लिए रखा गया, जिसका उद्देश्य है:
- रेहड़ी-पटरी लगाने वाले
- स्थानीय फैक्ट्री वर्कर्स
- निम्न आय वर्ग के परिवार
इस योजना से हजारों लोगों को स्वतंत्र और वैध व्यवसायिक स्थल मिल सकेगा, जो न केवल आजीविका को सुरक्षित करेगा, बल्कि शहरी अतिक्रमण को भी कम करेगा।
जेपी स्पेशल डेवेलपमेंट ज़ोन के सब-लीज़ धारकों को भी राहत
बैठक में जेपी एसडीजेड (Special Development Zone) के अंतर्गत आने वाले सब-लीज़ धारकों और आवंटियों के आवेदनों पर भी चर्चा की गई।
इनमें से कई केस वर्षों से लंबित थे। अब बोर्ड ने इन्हें प्राथमिकता से निस्तारित करने की दिशा में संकेत दिए हैं, जिससे फ्लैट खरीदारों को राहत मिलने की पूरी उम्मीद है।
📣 विकास का डेटा डायरी: जानिए किन-किन वर्गों को क्या मिला
वर्ग | प्रस्ताव | लाभ |
---|---|---|
किसान | लीजबैक और शिफ्टिंग | वैध भूमि अधिकार |
व्यापारी | OTS योजना | ब्याज से राहत |
रेहड़ी-पटरी वाले | 30 मीटर भूखंड योजना | स्थायी रोजगार स्थल |
पर्यटक | हेरिटेज सिटी | बेहतर अनुभव |
उद्योग | लॉजिस्टिक्स पार्क | तेज सप्लाई चेन |
फ्लैट खरीदार | JP SDZ प्रस्ताव | फ्लैट पजेशन और लीज |
जनता की प्रतिक्रिया: “अब वादे नहीं, फैसले ज़मीन पर दिखें”
बागपत के किसान राजेंद्र शर्मा ने कहा,
“लीजबैक का फैसला ऐतिहासिक है। हम वर्षों से इसी का इंतजार कर रहे थे।”
मथुरा के व्यापारी जितेंद्र अग्रवाल बोले,
“हेरिटेज सिटी बनती है तो शहर में कारोबार तीन गुना बढ़ेगा। पर्यटक ठहरेंगे, पैसा लगेगा।”
अलीगढ़ की उद्यमी भावना चौधरी का कहना है,
“लॉजिस्टिक्स पार्क से महिलाओं के लिए भी इंडस्ट्री सेक्टर में मौके बढ़ेंगे।”
क्या आगे और बड़े फैसले आएंगे?
प्राधिकरण के सूत्रों के अनुसार, अगली बोर्ड मीटिंग में भी निम्नलिखित प्रस्ताव आ सकते हैं:
- “नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर” को हरी झंडी
- “हाउसिंग फॉर ऑल” के तहत नई सब्सिडी स्कीम
- “ग्रीन एनर्जी इंडस्ट्री क्लस्टर” की नई परियोजना
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