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Traders Protest Against Increase In Gst On Readymade Garments Announced Mahapanchayat – दिल्ली: रेडीमेड गारमेंट्स पर जीएसटी बढ़ने का व्यापारियों ने किया विरोध, महापंचायत का एलान

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Mon, 22 Nov 2021 06:17 PM IST

सार

दिल्ली में करीब 2 लाख कपड़ा व्यापारी हैं। इसमें महिला कारोबारियों की भी अच्छी संख्या है। मुख्य रूप से व्यापार दिल्ली के चांदनी चौक, गांधी नगर, लाजपत नगर, करोल बाग, ओखला, पीतमपुरा, रोहिणी, राजौरी गार्डन, साउथ एक्स, शांति मोहल्ला और सरोजिनी नगर में कपड़े एवं गारमेंट्स का कारोबार होता है। 

सांकेतिक तस्वीर

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– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

कपड़े व रेडीमेट गारमेंट्स पर जीएसटी दर बढ़ाने का आरोप व्यापारिक संगठन ने केंद्र सरकार पर लगाया है। कहा है कि केंद्र सरकार के प्रभुत्व वाली जीएसटी काउंसिल ने कपड़े व रेडीमेड गारमेन्ट्स पर जीएसटी की दरों को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया है। व्यापारियों ने इसे लेकर महापंचायत करने का एलान किया है।

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने कपड़ों पर लगने वाले 12 प्रतिशत जीएसटी का विरोध किया है। सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल व अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली के कपड़ा व्यापारी नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से परेशान हैं। जीएसटी से पहले वैट का दौर था, उस समय कपड़े पर टैक्स नहीं लगता था। जीएसटी आने पर 1000 रुपये से कम के कपड़े पर 5 प्रतिशत टैक्स लगा दिया गया। अब 1 जनवरी 2022 से सभी कपड़ों पर 12 प्रतिशत जीएसटी वसूला जाएगा। इससे महंगाई बढ़ेगी। छोटे व्यापारियों के आगे मुश्किल आएंगी। 

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बृजेश गोयल ने कहा कि एक तरह से कफन पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है। अभी सभी कारोबारी आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं और अगले हफ्ते कपड़ा व्यापारियों के साथ सीटीआई ने महापंचायत बुलाई है। सरकार से इस नोटिफिकेशन को वापस लेने की मांग की जाएगी। सरकार ने व्यापारियों की बात नहीं मानी तो व्यापारी आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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