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Two Arrested For Cheating Businessmen Of Crores On B2b Platform – बी2बी प्लेटफॉर्म पर कारोबारियों से करोड़ों की धोखाधड़ी में दो गिरफ्तार

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नई दिल्ली। बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) प्लेटफॉर्म पर नामी कंपनियों से मेटल (धातु) खरीदकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गैंग का उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तीन दिन तक लगातार दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आरोपियों का पीछा कर दो को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान पंचकूला के पिंजौर निवासी गुरप्रीत सिंह उर्फ बॉबी उर्फ शंटी और हिमाचल प्रदेश के ऊना निवासी काका उर्फ विजय के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 10 मोबाइल, दो लाख रुपये, 500 किलो रांगा (सोल्डर), एक लैपटॉप, छह डेबिट कार्ड, सात चेकबुक, मोहर व कई दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपी वर्ष 2012 से ठगी की घटनाओं में शामिल रहे हैं। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर उत्तरी जिला पुलिस को एक शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता पंकज पांडेय ने बताया था कि वह बी2बी प्लेटफॉर्म पर कारोबार करते हैं। उनसे एक ईमेल के जरिये 9.92 लाख का माल खरीदा गया। आरोपी विवेक भदौरिया ने कैब से माल भेजने और बदले में डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) से पेमेंट की बात की तो पंकज इसके लिए तैयार हो गए। माल लेने के बाद डीडी कैब चालक को दिया गया, जो फर्जी निकला।
फर्जी आईडी पर ले रखे थे नंबर
जांच के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। साइबर थाना प्रभारी अजय दलाल व एसआई रोहित सरासवत व अन्य की टीम ने जांच शुरू की। टेक्निकल सर्विलांस से आरोपी का पता लगाने का प्रयास शुरू हुआ। जिन नंबरों से बात हुई थी, वह सभी फर्जी आईडी पर निकले। इसके अलावा जिस सिस्टम से ईमेल किया गया, उससे भी आरोपी का पता नहीं चल पा रहा था, लेकिन पुलिस को आरोपी की लोकेशन का पता चल गया। आरोपी की लोकेशन पिंजौर-हरियाणा, नालागढ़, हिमाचल प्रदेश की मिली। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी ने कैब चालक से माल मुरथल में लिया था। इसके बाद वह वहां से मुंबई के एक कारोबारी का माल लेने ग्वालियर के लिए निकला था। आरोपी ने मुंबई के कारोबारी से भी 30 लाख का माल ठग लिया। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला कि आरोपी हल्द्वानी से देहरादून होते हुए पिंजौर जा रहा था। टीम पीछा करते हुए आरोपी के घर पिंजौर पहुंच गई, जहां से आरोपी को माल के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बताया कि यह माल बंगलूरू के एक कारोबारी से ठगा था। इससे पूछताछ के बाद आरोपी के दूसरे साथ काका उर्फ विजय को गिरफ्तार कर लिया।
आठवीं पास आरोपी को कंप्यूटर में महारत हासिल
आरोपी गुरप्रीत महज आठवीं पास है। उसे कंप्यूटर के काम में महारत हासिल है। आरोपी ने अलग-अलग बैंक में फर्जी आईडी से खाते खोलने के अलावा फर्जी पतों पर सिमकार्ड भी लिया हुआ था। उसने कई फर्जी ईमेल आईडी बनाईं। इसके बाद बी2बी प्लेटफॉर्म के जरिये कारोबारियों से संपर्क कर उनसे माल खरीदने का झांसा दिया। ज्यादातर आरोपी धातु खरीदता था। कंप्यूटर और दस्तावेज की मदद से आरोपी फर्जी डीडी बना लेता था। इसके बाद माल लेकर उसे कारोबारियों को दे देता था। आरोपी के खिलाफ चंडीगढ़, मोहाली में ठगी के तीन मामले दर्ज हैं। एक मामले में उसे जेल भी हो चुकी है। फिलहाल वह जमानत पर बाहर है। आरोपी ने बंगलूरू, मुंबई, कोलकाता समेत देश के कई राज्यों में कारोबारियों से करोड़ों की ठगी की है।

नई दिल्ली। बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) प्लेटफॉर्म पर नामी कंपनियों से मेटल (धातु) खरीदकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गैंग का उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तीन दिन तक लगातार दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में आरोपियों का पीछा कर दो को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान पंचकूला के पिंजौर निवासी गुरप्रीत सिंह उर्फ बॉबी उर्फ शंटी और हिमाचल प्रदेश के ऊना निवासी काका उर्फ विजय के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 10 मोबाइल, दो लाख रुपये, 500 किलो रांगा (सोल्डर), एक लैपटॉप, छह डेबिट कार्ड, सात चेकबुक, मोहर व कई दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपी वर्ष 2012 से ठगी की घटनाओं में शामिल रहे हैं। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।

उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर उत्तरी जिला पुलिस को एक शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता पंकज पांडेय ने बताया था कि वह बी2बी प्लेटफॉर्म पर कारोबार करते हैं। उनसे एक ईमेल के जरिये 9.92 लाख का माल खरीदा गया। आरोपी विवेक भदौरिया ने कैब से माल भेजने और बदले में डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) से पेमेंट की बात की तो पंकज इसके लिए तैयार हो गए। माल लेने के बाद डीडी कैब चालक को दिया गया, जो फर्जी निकला।

फर्जी आईडी पर ले रखे थे नंबर

जांच के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। साइबर थाना प्रभारी अजय दलाल व एसआई रोहित सरासवत व अन्य की टीम ने जांच शुरू की। टेक्निकल सर्विलांस से आरोपी का पता लगाने का प्रयास शुरू हुआ। जिन नंबरों से बात हुई थी, वह सभी फर्जी आईडी पर निकले। इसके अलावा जिस सिस्टम से ईमेल किया गया, उससे भी आरोपी का पता नहीं चल पा रहा था, लेकिन पुलिस को आरोपी की लोकेशन का पता चल गया। आरोपी की लोकेशन पिंजौर-हरियाणा, नालागढ़, हिमाचल प्रदेश की मिली। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी ने कैब चालक से माल मुरथल में लिया था। इसके बाद वह वहां से मुंबई के एक कारोबारी का माल लेने ग्वालियर के लिए निकला था। आरोपी ने मुंबई के कारोबारी से भी 30 लाख का माल ठग लिया। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला कि आरोपी हल्द्वानी से देहरादून होते हुए पिंजौर जा रहा था। टीम पीछा करते हुए आरोपी के घर पिंजौर पहुंच गई, जहां से आरोपी को माल के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बताया कि यह माल बंगलूरू के एक कारोबारी से ठगा था। इससे पूछताछ के बाद आरोपी के दूसरे साथ काका उर्फ विजय को गिरफ्तार कर लिया।

आठवीं पास आरोपी को कंप्यूटर में महारत हासिल

आरोपी गुरप्रीत महज आठवीं पास है। उसे कंप्यूटर के काम में महारत हासिल है। आरोपी ने अलग-अलग बैंक में फर्जी आईडी से खाते खोलने के अलावा फर्जी पतों पर सिमकार्ड भी लिया हुआ था। उसने कई फर्जी ईमेल आईडी बनाईं। इसके बाद बी2बी प्लेटफॉर्म के जरिये कारोबारियों से संपर्क कर उनसे माल खरीदने का झांसा दिया। ज्यादातर आरोपी धातु खरीदता था। कंप्यूटर और दस्तावेज की मदद से आरोपी फर्जी डीडी बना लेता था। इसके बाद माल लेकर उसे कारोबारियों को दे देता था। आरोपी के खिलाफ चंडीगढ़, मोहाली में ठगी के तीन मामले दर्ज हैं। एक मामले में उसे जेल भी हो चुकी है। फिलहाल वह जमानत पर बाहर है। आरोपी ने बंगलूरू, मुंबई, कोलकाता समेत देश के कई राज्यों में कारोबारियों से करोड़ों की ठगी की है।

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