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Greater Noida West Ace City News : “ग्रेटर नोएडा वेस्ट में नया खर्चा बना सिरदर्द, ‘मेंटेनेंस’ के बाद अब ‘सिंकिंग फंड’ की मांग, निवासियों ने उठाई आवाज़!”, निवासियों में असंतोष और एकजुटता

ग्रेटर नोएडा वेस्ट, रफ़्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ऐस सिटी सोसायटी में एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जिसने यहां के निवासियों के बीच तनाव और आक्रोश को जन्म दिया है। इस बार विवाद का कारण है ‘सिंकिंग फंड’, जिसे सोसाइटी की एओए (एसोसिएशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स) ने हाल ही में लागू किया है। निवासियों का कहना है कि मेंटेनेंस चार्ज के अलावा हर महीने 200 रुपये ‘सिंकिंग फंड’ के रूप में वसूले जाने का प्रावधान अनुचित है।

निवासियों का विरोध और समस्या की जड़

निवासीयों का कहना है कि अब तक सोसायटी में हर महीने मेंटेनेंस चार्ज लिया जाता था, जो कि निवासियों के रोजमर्रा के खर्चों को देखते हुए अनिवार्य है। लेकिन अब एओए ने एक नया ‘सिंकिंग फंड’ लागू किया है, जिसके तहत हर महीने प्रत्येक परिवार से अतिरिक्त 200 रुपये वसूले जाएंगे। इस फंड का उद्देश्य बिल्डिंग की मरम्मत और विकास कार्यों के लिए वित्तीय संकलन करना है। दिवाली के मौके पर शुरू हुए इस फंड को लेकर निवासियों का गुस्सा भड़क उठा है।

क्या है ‘सिंकिंग फंड’ और क्यों है यह विवादित?

निवासियों का मानना है कि इस फंड को मेंटेनेंस चार्ज के साथ जोड़कर उन्हें अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने का प्रयास किया जा रहा है। वे कहते हैं कि पहले से ही मेंटेनेंस के नाम पर भुगतान कर रहे हैं, फिर इस ‘सिंकिंग फंड’ की आवश्यकता क्यों है? निवासियों का तर्क है कि इसे एक स्वैच्छिक योगदान के रूप में रखा जाना चाहिए, न कि सभी के ऊपर थोपना चाहिए।

बढ़ता हुआ आक्रोश: डिप्टी रजिस्ट्रार तक पहुंचने की चेतावनी

सोसायटी में इस नए शुल्क के खिलाफ बढ़ता विरोध निवासियों के असंतोष को दिखाता है। निवासियों का कहना है कि अगर एओए इस फंड को मेंटेनेंस चार्ज से अलग नहीं करती, तो वे डिप्टी रजिस्ट्रार से इसकी शिकायत करेंगे। उनका कहना है कि एओए की इस नीतियों से लोग परेशान हो रहे हैं, और यह फैसला निवासियों की इच्छा के खिलाफ है। एओए को इस मामले में निवासियों की राय का भी सम्मान करना चाहिए।

प्रशासन से निवासियों की अपील

निवासियों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब उन्हें अतिरिक्त चार्ज का बोझ सहना पड़ रहा है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले का संज्ञान ले और यह सुनिश्चित करे कि सोसायटी के निवासियों पर किसी भी प्रकार का गैर-जरूरी आर्थिक बोझ न पड़े। निवासियों का यह भी कहना है कि प्रशासन को सोसायटी एओए की कार्यवाहियों पर नज़र रखनी चाहिए ताकि इस तरह के मुद्दे भविष्य में न उभरें।

निवासियों में असंतोष और एकजुटता

इस घटना के बाद ऐस सिटी सोसायटी के निवासियों में काफी असंतोष है। सभी निवासियों ने एकजुट होकर इस नए चार्ज का विरोध करना शुरू कर दिया है। वे कहते हैं कि एओए का यह कदम पूरी तरह से अनुचित है, और अगर इसे वापस नहीं लिया गया, तो वे बड़े स्तर पर विरोध करेंगे।

निष्कर्ष: क्या होगा आगे?

ऐस सिटी सोसायटी में इस नए ‘सिंकिंग फंड’ के चलते विवाद ने अब प्रशासनिक स्तर पर भी ध्यान खींचा है। निवासियों का कहना है कि वे अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं और किसी भी तरह की अनुचित वसूली को स्वीकार नहीं करेंगे।

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रफ़्तार टुडे की न्यूज़

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