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More Investigation Of Corona In Delhi, That’s Why More Patients Are Getting: Health Minister – दिल्ली में कोरोना की ज्यादा जांच, इसलिए मिल रहे अधिक मरीज : स्वास्थ्य मंत्री

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नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली में कोरोना की ज्यादा जांच हो रही हैं, इसलिए अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इस बयान के बाद जब अमर उजाला ने कोरोना जांच के आंकड़े जुटाने शुरू किए तो पता चला कि आठ दिन में केवल एक दिन सबसे अधिक जांच हुई है, जिसके चलते संक्रमण दर दोगुनी तक पहुंच गई। पड़ताल के दौरान यह भी पता चला है कि 22 से 29 दिसंबर के बीच राजधानी में कोरोना की दैनिक जांच का आंकड़ा 15 हजार तक कम दर्ज हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक कोरोना है। अगर एक दिन में 80 हजार से एक लाख नमूनों तक की जांच की जाए तो तस्वीर साफ पता चलेगी। दिल्ली में मौजूदा जांच क्षमता एक लाख नमूनों से भी कहीं अधिक है।
22 दिसंबर को जब दिल्ली में कोरोना की दैनिक संक्रमण दर 0.29 फीसदी दर्ज की गई, उस दौरान 63313 नमूनों की जांच हुई थी। इसके बाद दो दिन 23 और 24 दिसंबर तक रोज 60 हजार से अधिक नमूनों की जांच होती रही, जिसके कारण कोरोना मरीजों की संख्या में उछाल आया, लेकिन इसके बाद 25 से 27 दिसंबर तक लगातार जांच का ग्राफ नीचे आता चला गया।
स्थिति यह रही कि इन सात दिन में 27 दिसंबर को सबसे कम जांच 48589 दर्ज की गई। 27 दिसंबर को ही संक्रमण दर 0.68 फीसदी रही और दैनिक मामले 331 दर्ज किए गए थे। हालांकि 28 दिसंबर को जांच के आंकड़ों में थोड़ा बहुत सुधार आया और यह संख्या फिर से 55865 तक पहुंची। महज सात हजार नमूने बढ़ते ही संक्रमण दर भी 0.68 से बढ़कर 0.89 फीसदी तक पहुंची और दैनिक मामले 331 से बढ़कर 496 तक पहुंच गए। 29 दिसंबर को ही एक दिन में 71 हजार से अधिक नमूनों की जांच हुई है।
कुल क्षमता का केवल 50 फीसदी इस्तेमाल
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दिल्ली के पास एक दिन में एक लाख से भी कहीं अधिक नमूनों की जांच करने की क्षमता है। इसी साल अप्रैल से मई के बीच दिल्ली ने 1.14 लाख से भी अधिक नमूनों की जांच एक दिन में की थी। 29 सितंबर को पहली बार दिल्ली में सबसे अधिक 1.37 लाख नमूनों की जांच हुई लेकिन वर्तमान में यह संख्या 60 हजार से भी नीचे है। 29 दिसंबर को एक दिन में 71696 नमूनों की जांच हुई थी जोकि कुल क्षमता का करीब करीब 50 फीसदी इस्तेमाल है।
जांच बढ़ाना ही सबसे बेहतर विकल्प
सफदरजंग अस्पताल के डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि कोरोना महामारी की निगरानी बढ़ाने के लिए जांच सबसे बेहतर विकल्प है। सही संख्या पता चलने से मरीजों को क्वारंटीन समय रहते किया जा सकता है और संक्रमण स्रोत तक पहुंचा भी जा सकता है, इसलिए जांच बढ़ाना ही सबसे बेहतर विकल्प है।
गुणवत्ता पर बेहतर काम कर रही सरकार
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दिल्ली में अभी 90 फीसदी तक नमूनों की जांच आरटी पीसीआर के जरिये की जा रही है। केंद्र सरकार ने आरटी पीसीआर और एंटीजन जांच के बीच 60:40 का अनुपात रखा है, यानी एक दिन में 60 फीसदी नमूनों की जांच आरटी पीसीआर से होनी चाहिए और बाकी 40 फीसदी एंटीजन से कर सकते हैं, लेकिन दिल्ली इस समय 90:10 तक का अनुपात रख रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि आरटी पीसीआर गोल्डन जांच है और सरकार गुणवत्ता पर बेहतर काम कर रही है।

नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली में कोरोना की ज्यादा जांच हो रही हैं, इसलिए अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इस बयान के बाद जब अमर उजाला ने कोरोना जांच के आंकड़े जुटाने शुरू किए तो पता चला कि आठ दिन में केवल एक दिन सबसे अधिक जांच हुई है, जिसके चलते संक्रमण दर दोगुनी तक पहुंच गई। पड़ताल के दौरान यह भी पता चला है कि 22 से 29 दिसंबर के बीच राजधानी में कोरोना की दैनिक जांच का आंकड़ा 15 हजार तक कम दर्ज हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक कोरोना है। अगर एक दिन में 80 हजार से एक लाख नमूनों तक की जांच की जाए तो तस्वीर साफ पता चलेगी। दिल्ली में मौजूदा जांच क्षमता एक लाख नमूनों से भी कहीं अधिक है।

22 दिसंबर को जब दिल्ली में कोरोना की दैनिक संक्रमण दर 0.29 फीसदी दर्ज की गई, उस दौरान 63313 नमूनों की जांच हुई थी। इसके बाद दो दिन 23 और 24 दिसंबर तक रोज 60 हजार से अधिक नमूनों की जांच होती रही, जिसके कारण कोरोना मरीजों की संख्या में उछाल आया, लेकिन इसके बाद 25 से 27 दिसंबर तक लगातार जांच का ग्राफ नीचे आता चला गया।

स्थिति यह रही कि इन सात दिन में 27 दिसंबर को सबसे कम जांच 48589 दर्ज की गई। 27 दिसंबर को ही संक्रमण दर 0.68 फीसदी रही और दैनिक मामले 331 दर्ज किए गए थे। हालांकि 28 दिसंबर को जांच के आंकड़ों में थोड़ा बहुत सुधार आया और यह संख्या फिर से 55865 तक पहुंची। महज सात हजार नमूने बढ़ते ही संक्रमण दर भी 0.68 से बढ़कर 0.89 फीसदी तक पहुंची और दैनिक मामले 331 से बढ़कर 496 तक पहुंच गए। 29 दिसंबर को ही एक दिन में 71 हजार से अधिक नमूनों की जांच हुई है।

कुल क्षमता का केवल 50 फीसदी इस्तेमाल

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दिल्ली के पास एक दिन में एक लाख से भी कहीं अधिक नमूनों की जांच करने की क्षमता है। इसी साल अप्रैल से मई के बीच दिल्ली ने 1.14 लाख से भी अधिक नमूनों की जांच एक दिन में की थी। 29 सितंबर को पहली बार दिल्ली में सबसे अधिक 1.37 लाख नमूनों की जांच हुई लेकिन वर्तमान में यह संख्या 60 हजार से भी नीचे है। 29 दिसंबर को एक दिन में 71696 नमूनों की जांच हुई थी जोकि कुल क्षमता का करीब करीब 50 फीसदी इस्तेमाल है।

जांच बढ़ाना ही सबसे बेहतर विकल्प

सफदरजंग अस्पताल के डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि कोरोना महामारी की निगरानी बढ़ाने के लिए जांच सबसे बेहतर विकल्प है। सही संख्या पता चलने से मरीजों को क्वारंटीन समय रहते किया जा सकता है और संक्रमण स्रोत तक पहुंचा भी जा सकता है, इसलिए जांच बढ़ाना ही सबसे बेहतर विकल्प है।

गुणवत्ता पर बेहतर काम कर रही सरकार

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दिल्ली में अभी 90 फीसदी तक नमूनों की जांच आरटी पीसीआर के जरिये की जा रही है। केंद्र सरकार ने आरटी पीसीआर और एंटीजन जांच के बीच 60:40 का अनुपात रखा है, यानी एक दिन में 60 फीसदी नमूनों की जांच आरटी पीसीआर से होनी चाहिए और बाकी 40 फीसदी एंटीजन से कर सकते हैं, लेकिन दिल्ली इस समय 90:10 तक का अनुपात रख रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि आरटी पीसीआर गोल्डन जांच है और सरकार गुणवत्ता पर बेहतर काम कर रही है।

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