ताजातरीनप्रदेश

Delhi Police Engaged In Washing The Stains Of Failure – जद्दोजहद : नाकामी के दाग धोने में जुटी दिल्ली पुलिस, खुफिया तंत्र को किया जा रहा है अपग्रेड

पुरुषोत्तम वर्मा, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Mon, 29 Nov 2021 05:27 AM IST

सार

पुलिस की स्पेशल ब्रांच अब मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगा सकेगी। किसान आंदोलन में खुफिया तंत्र के फेल होने पर उठाए गए कई कदम। 

दिल्ली : प्रदर्शन करते किसान।
– फोटो : PTI

ख़बर सुनें

दिल्ली दंगों व किसान आंदोलन के दौरान फेल साबित हुए पुलिस के खुफिया तंत्र से नाकामी के दाग धोने की कवायद शुरू हो गई है। दिल्ली पुलिस के खुफिया तंत्र यानी स्पेशल ब्रांच को दिल्ली पुलिस की आतंक निरोधक स्पेशल सेल की तर्ज पर हर तरह से अपग्रेड किया जा रहा है। सबसे बड़ा फैसला ये है कि स्पेशल ब्रांच अब मोबाइल फोनों को सर्विलांस पर लगा सकेगी। यानी स्पेशल ब्रांच के पास कॉलिंग मॉनिटरिंग सिस्टम(सीएमएस) की सुविधा होगी। स्पेशल ब्रांच अब आधुनिक तरीके से जहां खुफिया जानकारी एकत्रित करेगी वहीं आतंकी व बदमाशों को भी पकड़ सकेगी। 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच दिल्ली पुलिस के लिए खुफिया जानकारी एकत्रित करती है। गौरतलब है कि किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस का खुफिया तंत्र बहुत बुरी तरह फेल हो गया था। खुफिया तंत्र के फेल होने के कारण किसान दिल्ली में प्रवेश करने में सफल हो गए थे। यहां तक की लालकिले पर धार्मिक झंडा भी फहरा दिया गया था।

दिल्ली दंगों के दौरान भी खुफिया तंत्र फेल हो गया था।  इसकी वजह मानी जा रही कि स्पेशल ब्रांच ठीक से खुफिया जानकारी नहीं जुटा पाई थी। साथ ही स्पेशल ब्रांच के पास किसी के मोबाइल को भी सर्विलांस पर लेने के लिए अधिकारी व सिस्टम नहीं है और न ही उसके पास आधुनिक उपकरण हैं। स्पेशल ब्रांच किसी भी किसान नेता का फोन सविलांस पर नहीं लगा सकी थी। दिल्ली दंगे व किसान आंदोलन के दौरान खुफिया तंत्र की असफलता देखते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने स्पेशल ब्रांच को अपगेड करने का निर्णय लिया है। इसके लिए एसओपी जारी कर दी गई है।

पुलिस आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी आदेश के तहत स्पेशल ब्रांच में अब दो नई यूनिट काउंटर इंटेलीजेंस सेल(सीआईएस) और इंटेलीजेंस फ्यूजन एण्ड स्ट्रेटीजिक ऑपेरशन(आईएफएसओ) बनाई गई है। सीआईसी वहीं काम करेगी जो स्पेशल सेल करती है और आईएफएसओ साइपैड आईएफएसओ वाला काम करेगी।  सीआईसी को मोबाइल को सर्विलांस पर लगाने का अधिकारी होगा, साथ ही उसके पास आधुनिक उपकरण व साफ्टवेयर होंगे। आईएफएसओ जैसे आधुनिक साफ्टेवयर होंगे।

सीआईसी आतंकी भी पकड़ सकेगी
अभी तक स्पेशल ब्रांच दिल्ली पुलिस के लिए बिना मोबाइल सर्विलांस व आधुनिक उपकरणों के लिए खुफिया जानकारी एकत्रित करती थी। इस कारण दिल्ली पुलिस का खुफिया तंत्र हमेशा फेल हो जाता था। मगर अब सीआईसी खुफिया जानकारी के साथ-साथ आतंकी व बदमाशों को पकड़ सकेगी। स्पेशल ब्रांच सोशल मीडिया के मामलों की जांच भी कर सकेगी। साथ ही सीआईसी नारको टेरिज्म पर भी काम करेगी। स्पेशल ब्रांच(सीआईसी) में एक सीएमएस सिस्टम लगाया जा चुका है। 

200 से ज्यादा तेजतर्रार इंस्पेक्टर तैनात किए जाएंगे
स्पेशल ब्रांच को अपगेड करने के फैसले के साथ ही वहां पर दिल्ली पुलिस की तेजतर्रार इंस्पेक्टरों की तैनात की जाएगी। अभी तक चार इंस्पेक्टरों की तैनात की जा चुकी है। स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस, स्पेशल सेल, साइबर यूनिट व अपराध शाखा से करीब 200 इंस्पेक्टरों को स्पेशल ब्रांच में तैनात किया जाएगा। बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की सभी यूनिटों से तेजतर्रार इंस्पेक्टर व सब- इंस्पेक्टर को तैनात किया जाएगा। इस यूनिट में बीटेक करने वाले दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया जाएगा। 

विस्तार

दिल्ली दंगों व किसान आंदोलन के दौरान फेल साबित हुए पुलिस के खुफिया तंत्र से नाकामी के दाग धोने की कवायद शुरू हो गई है। दिल्ली पुलिस के खुफिया तंत्र यानी स्पेशल ब्रांच को दिल्ली पुलिस की आतंक निरोधक स्पेशल सेल की तर्ज पर हर तरह से अपग्रेड किया जा रहा है। सबसे बड़ा फैसला ये है कि स्पेशल ब्रांच अब मोबाइल फोनों को सर्विलांस पर लगा सकेगी। यानी स्पेशल ब्रांच के पास कॉलिंग मॉनिटरिंग सिस्टम(सीएमएस) की सुविधा होगी। स्पेशल ब्रांच अब आधुनिक तरीके से जहां खुफिया जानकारी एकत्रित करेगी वहीं आतंकी व बदमाशों को भी पकड़ सकेगी। 

दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच दिल्ली पुलिस के लिए खुफिया जानकारी एकत्रित करती है। गौरतलब है कि किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली पुलिस का खुफिया तंत्र बहुत बुरी तरह फेल हो गया था। खुफिया तंत्र के फेल होने के कारण किसान दिल्ली में प्रवेश करने में सफल हो गए थे। यहां तक की लालकिले पर धार्मिक झंडा भी फहरा दिया गया था।

दिल्ली दंगों के दौरान भी खुफिया तंत्र फेल हो गया था।  इसकी वजह मानी जा रही कि स्पेशल ब्रांच ठीक से खुफिया जानकारी नहीं जुटा पाई थी। साथ ही स्पेशल ब्रांच के पास किसी के मोबाइल को भी सर्विलांस पर लेने के लिए अधिकारी व सिस्टम नहीं है और न ही उसके पास आधुनिक उपकरण हैं। स्पेशल ब्रांच किसी भी किसान नेता का फोन सविलांस पर नहीं लगा सकी थी। दिल्ली दंगे व किसान आंदोलन के दौरान खुफिया तंत्र की असफलता देखते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने स्पेशल ब्रांच को अपगेड करने का निर्णय लिया है। इसके लिए एसओपी जारी कर दी गई है।

पुलिस आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी आदेश के तहत स्पेशल ब्रांच में अब दो नई यूनिट काउंटर इंटेलीजेंस सेल(सीआईएस) और इंटेलीजेंस फ्यूजन एण्ड स्ट्रेटीजिक ऑपेरशन(आईएफएसओ) बनाई गई है। सीआईसी वहीं काम करेगी जो स्पेशल सेल करती है और आईएफएसओ साइपैड आईएफएसओ वाला काम करेगी।  सीआईसी को मोबाइल को सर्विलांस पर लगाने का अधिकारी होगा, साथ ही उसके पास आधुनिक उपकरण व साफ्टवेयर होंगे। आईएफएसओ जैसे आधुनिक साफ्टेवयर होंगे।

सीआईसी आतंकी भी पकड़ सकेगी

अभी तक स्पेशल ब्रांच दिल्ली पुलिस के लिए बिना मोबाइल सर्विलांस व आधुनिक उपकरणों के लिए खुफिया जानकारी एकत्रित करती थी। इस कारण दिल्ली पुलिस का खुफिया तंत्र हमेशा फेल हो जाता था। मगर अब सीआईसी खुफिया जानकारी के साथ-साथ आतंकी व बदमाशों को पकड़ सकेगी। स्पेशल ब्रांच सोशल मीडिया के मामलों की जांच भी कर सकेगी। साथ ही सीआईसी नारको टेरिज्म पर भी काम करेगी। स्पेशल ब्रांच(सीआईसी) में एक सीएमएस सिस्टम लगाया जा चुका है। 

200 से ज्यादा तेजतर्रार इंस्पेक्टर तैनात किए जाएंगे

स्पेशल ब्रांच को अपगेड करने के फैसले के साथ ही वहां पर दिल्ली पुलिस की तेजतर्रार इंस्पेक्टरों की तैनात की जाएगी। अभी तक चार इंस्पेक्टरों की तैनात की जा चुकी है। स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस, स्पेशल सेल, साइबर यूनिट व अपराध शाखा से करीब 200 इंस्पेक्टरों को स्पेशल ब्रांच में तैनात किया जाएगा। बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की सभी यूनिटों से तेजतर्रार इंस्पेक्टर व सब- इंस्पेक्टर को तैनात किया जाएगा। इस यूनिट में बीटेक करने वाले दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया जाएगा। 

Source link

Related Articles

Back to top button