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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने पंजाब के स्कूलों को दिल्ली की तरह बेहतर करने का दावा किया है। कहा है कि पंजाब के स्कूलों को ठीक कर 24 लाख बच्चों का भविष्य सुनहरा बनाएंगे। साथ ही, दिल्ली का शिक्षा मॉडल इतना बेहतर हुआ है कि 2.50 लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि पंजाब में सरकारी स्कूलों की बुरी हालत है। वहां पढ़ने वाले 24 लाख गरीब और एससी भाईचारे के बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। पंजाब के अध्यापक बहुत अच्छे हैं, लेकिन वो भी बहुत परेशान हैं। सरकारी स्कूलों को शानदार बनाने के लिए सिर्फ पंजाब के लोगों का साथ चाहिए। केजरीवाल ने पंजाब के सरकारी स्कूल की व्यवस्था पर भी तंज कसा है। कहा है कि पंजाब में शिक्षा का बहुत बुरा हाल है। सरकारी स्कूलों में बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं होती है। बदहाल स्कूलों में पढ़ने वाले इन 24 लाख बच्चों का क्या भविष्य है? पहले पंजाब की तरह दिल्ली के सरकारी स्कूल भी बहुत खराब हुआ करते थे, लेकिन मेहनत करके दिल्ली के बदहाल स्कूलों को बढ़िया बनाया है। दिल्ली के सरकारी स्कूल इतने अच्छे हो गए हैं कि इस साल 2.50 लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में दाखिले लिए हैं। तो क्या पंजाब के स्कूल भी दिल्ली की तरह बढ़िया होने चाहिए या नहीं होने चाहिए?
पंजाब के मुख्यमंत्री पर भी साधा निशाना
केजरीवाल ने वीडियो संदेश में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर भी निशाना साधा। कहा कि चन्नी साहब कहते हैं कि पंजाब के सरकारी स्कूल पूरे देश के सरकारी स्कूलों से बढ़िया हैं। इन्हें ठीक करने की कोई जरूरत नहीं है। पंजाब के लोगों से पूछा कि क्या आप को लगता है कि सरकारी स्कूल सचमुच देश में सबसे बढ़िया हैं? केजरीवाल ने आगे कहा कि पिछले 75 साल से राजनीतिक पार्टियों ने जानबूझकर सरकारी स्कूलों को खराब रखा, ताकि गरीब और एससी भाईचारे के लोग आगे न बढ़ सकें। बकौल केजरीवाल, ‘मुझे सियासत नहीं आती है। मुझे तो सिर्फ पंजाब के अंदर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 24 लाख बच्चों के भविष्य की फिक्र है। हम इन बच्चों का भविष्य और खराब नहीं होने देंगे। हम सब मिलकर सरकारी स्कूलों को ठीक करेंगे। शानदार स्कूल बनाएंगे और इन बच्चों को सुनहरा भविष्य देंगे। इसके लिए सिर्फ आप सभी का हमें साथ चाहिए।’
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने पंजाब के स्कूलों को दिल्ली की तरह बेहतर करने का दावा किया है। कहा है कि पंजाब के स्कूलों को ठीक कर 24 लाख बच्चों का भविष्य सुनहरा बनाएंगे। साथ ही, दिल्ली का शिक्षा मॉडल इतना बेहतर हुआ है कि 2.50 लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि पंजाब में सरकारी स्कूलों की बुरी हालत है। वहां पढ़ने वाले 24 लाख गरीब और एससी भाईचारे के बच्चों का भविष्य अंधकारमय है। पंजाब के अध्यापक बहुत अच्छे हैं, लेकिन वो भी बहुत परेशान हैं। सरकारी स्कूलों को शानदार बनाने के लिए सिर्फ पंजाब के लोगों का साथ चाहिए। केजरीवाल ने पंजाब के सरकारी स्कूल की व्यवस्था पर भी तंज कसा है। कहा है कि पंजाब में शिक्षा का बहुत बुरा हाल है। सरकारी स्कूलों में बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं होती है। बदहाल स्कूलों में पढ़ने वाले इन 24 लाख बच्चों का क्या भविष्य है? पहले पंजाब की तरह दिल्ली के सरकारी स्कूल भी बहुत खराब हुआ करते थे, लेकिन मेहनत करके दिल्ली के बदहाल स्कूलों को बढ़िया बनाया है। दिल्ली के सरकारी स्कूल इतने अच्छे हो गए हैं कि इस साल 2.50 लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में दाखिले लिए हैं। तो क्या पंजाब के स्कूल भी दिल्ली की तरह बढ़िया होने चाहिए या नहीं होने चाहिए?
पंजाब के मुख्यमंत्री पर भी साधा निशाना
केजरीवाल ने वीडियो संदेश में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर भी निशाना साधा। कहा कि चन्नी साहब कहते हैं कि पंजाब के सरकारी स्कूल पूरे देश के सरकारी स्कूलों से बढ़िया हैं। इन्हें ठीक करने की कोई जरूरत नहीं है। पंजाब के लोगों से पूछा कि क्या आप को लगता है कि सरकारी स्कूल सचमुच देश में सबसे बढ़िया हैं? केजरीवाल ने आगे कहा कि पिछले 75 साल से राजनीतिक पार्टियों ने जानबूझकर सरकारी स्कूलों को खराब रखा, ताकि गरीब और एससी भाईचारे के लोग आगे न बढ़ सकें। बकौल केजरीवाल, ‘मुझे सियासत नहीं आती है। मुझे तो सिर्फ पंजाब के अंदर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 24 लाख बच्चों के भविष्य की फिक्र है। हम इन बच्चों का भविष्य और खराब नहीं होने देंगे। हम सब मिलकर सरकारी स्कूलों को ठीक करेंगे। शानदार स्कूल बनाएंगे और इन बच्चों को सुनहरा भविष्य देंगे। इसके लिए सिर्फ आप सभी का हमें साथ चाहिए।’