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Opd Will Remain Closed Today In Hospitals Across The Country Including Delhi – दिल्ली समेत देशभर के अस्पतालों में आज ओपीडी रहेगी बंद

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नई दिल्ली। नीट काउंसलिंग में देरी के खिलाफ शनिवार को देशभर के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहेंगी। शुक्रवार को डॉक्टरों के राष्ट्रीय संगठनों ने इसकी घोषणा की है, जिसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टरों ने 27 नवंबर को ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं करने का फैसला लिया है। दिल्ली के अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित देश के कई राज्यों में भी रेजीडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल को समर्थन देने का फैसला लिया है। एनसीआर के शहरों में भी रेजीडेंट डॉक्टरों ने दिल्ली पहुंचकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की जानकारी दी है।
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फेमा) के अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन ने बताया कि नीट पीजी की काउंसलिंग को अस्थायी तौर पर आगे बढ़ा दिया है। देशभर में युवा डॉक्टर पहले से ही अतिरिक्त बोझ और दिन-रात ड्यूटी दे रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी चिकित्सीय शिक्षा भी प्रभावित हुई है। ऐसे में चार सप्ताह और काउंसलिंग को आगे बढ़ाने का केंद्र सरकार का यह फैसला गलत है। इसके खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर शाम 5 बजे डॉक्टर विरोध प्रदर्शन करेंगे। सभी अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों से ओपीडी बंद रखने की अपील की गई है। वहीं, फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
फोर्डा के अनुसार, देश के रेजीडेंट डॉक्टर कोविड-19 महामारी के कारण पहले से ही बोझ से दबे और थके हुए हैं। बावजूद, वे अभी तक पीजी 2021 काउंसलिंग की धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्हें शारीरिक और मानसिक संकट से कोई राहत नहीं मिल रही है। अब अगली सुनवाई 6 जनवरी 2022 को निर्धारित है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द इस पर कोई फैसला नहीं लिया तो देशभर के अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रहेगी। जानकारी मिली है कि रेजीडेंट डॉक्टरों के इस विरोध प्रदर्शन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी समर्थन दिया है।

नई दिल्ली। नीट काउंसलिंग में देरी के खिलाफ शनिवार को देशभर के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहेंगी। शुक्रवार को डॉक्टरों के राष्ट्रीय संगठनों ने इसकी घोषणा की है, जिसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टरों ने 27 नवंबर को ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं करने का फैसला लिया है। दिल्ली के अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित देश के कई राज्यों में भी रेजीडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल को समर्थन देने का फैसला लिया है। एनसीआर के शहरों में भी रेजीडेंट डॉक्टरों ने दिल्ली पहुंचकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की जानकारी दी है।

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फेमा) के अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन ने बताया कि नीट पीजी की काउंसलिंग को अस्थायी तौर पर आगे बढ़ा दिया है। देशभर में युवा डॉक्टर पहले से ही अतिरिक्त बोझ और दिन-रात ड्यूटी दे रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी चिकित्सीय शिक्षा भी प्रभावित हुई है। ऐसे में चार सप्ताह और काउंसलिंग को आगे बढ़ाने का केंद्र सरकार का यह फैसला गलत है। इसके खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुका है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर शाम 5 बजे डॉक्टर विरोध प्रदर्शन करेंगे। सभी अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों से ओपीडी बंद रखने की अपील की गई है। वहीं, फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।

फोर्डा के अनुसार, देश के रेजीडेंट डॉक्टर कोविड-19 महामारी के कारण पहले से ही बोझ से दबे और थके हुए हैं। बावजूद, वे अभी तक पीजी 2021 काउंसलिंग की धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्हें शारीरिक और मानसिक संकट से कोई राहत नहीं मिल रही है। अब अगली सुनवाई 6 जनवरी 2022 को निर्धारित है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द इस पर कोई फैसला नहीं लिया तो देशभर के अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रहेगी। जानकारी मिली है कि रेजीडेंट डॉक्टरों के इस विरोध प्रदर्शन को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी समर्थन दिया है।

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