कोर्ट परिसर में आने जाने वालों की जानकारी जुटाने के बाद पुलिस की नजर आरोपी कटारिया पर पड़ी। संदिग्ध लगने के बाद छानबीन की गई। जिसमें पता चला कि आरोपी भारत भूषण कटारिया की कोर्ट में पेशी थी। उसका वकील अमित वशिष्ठ से विवाद चल रहा है। जो उसके मकान के भूतल पर रहता है। जहां बम रखा गया था, उसके आगे ही वकील बैठा हुआ था।
दिल्ली पुलिस ने कटारिया के घर से कई फाइल कवर से लेकर कुछ आपत्तिजनक सामग्री, दस्तावेज, इलेक्ट्रानिक डिवाइस जैसे लैपटॉप व मोबाइल बरामद किये। साथ ही घटना के समय जो काले रंग का कोट और पैंट पहन रखा था उसे भी जब्त किया। शुरुआती पूछताछ में उसने बताया कि उसका वकील अमित वशिष्ठ से विवाद चल रहा है। जिसका बदला लेने के लिए उसने घटना को अंजाम दिया।
चालीस दिन से रच रहा था साजिश
रोहिणी अदालत में धमाका करने के लिए आरोपी वैज्ञानिक 40 दिन से साजिश रच रहा था। बम को तैैयार करने के लिए उसने अलग-अलग जगहों से सामान खरीदे थे। कुछ सामान की उसने ऑनलाइन खरीदारी की थी। इसके बाद उसने रिमोट से संचालित होने वाला विस्फोटक तैयार कर लिया। विस्फोटक की जांच में पता चला कि विस्फोट वाली सामग्री में नहीं बल्कि डेटोनेटर में धमाका हुआ था। इसलिए नुकसान कम हुआ।
अगर पूरी तरह से धमाका होता तो नुकसान काफी होता। वैज्ञानिक ने टिफिन बम को रिमोट आधारित बनाया। इसमें लोहे की कील, छर्रे और मोटरसाइकिल में इस्तेमाल होने वाली बैटरी, कांच के टुकड़े, वायर सर्किट, रिमोट और सफेद रंग का अमोनियम नाइट्रेट पाउडर का इस्तेमाल किया था। बम को प्लांट करने के लिए उसने वकील के कोर्ट पहुंचने समय का पता किया। उसके आने के बाद वह उसकी कुर्सी के पीछे बैग को रख दिया और रिमोट से उसमें धमाका कर दिया।
दस साल से आरोपी और वकील का चल रहा विवाद
रोहिणी कोर्ट धमाके की जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी भारत भूषण का वकील अमित वशिष्ठ के साथ करीब दस साल से ज्यादा समय से विवाद चल रहा है। दोनों ने एक दूसरे पर 12 आपराधिक और सिविल केस दर्ज करवा रखे हैं। आरोपी और वकील दोनों ही एक ही बिल्डर फ्लैट में रहते हैं। इनके बीच कभी पानी तो कभी दूसरे मुद्दे को लेकर झगड़ा होता रहता था। नौ दिसंबर को आरोपी इन्हीं एक मामले में आरोपी की कोर्ट में पेशी थी। अमित ने सुबह सवा दस बजे उसे कोर्ट रूम में देखा था। आरोपी ने अमित की कुर्सी के पीछे बम वाला बैग रख दिया और रिमोट की मदद से धमाका कर दिया।
कानूनी लड़ाई से परेशान होकर उठाया कदम : शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह कानूनी लड़ाई से परेशान हो गया था। इससे उसके करियर पर असर पड़ रहा था। साथ ही परिवार वाले भी मानसिक रूप से परेेशान हो गए थे। वह परेशान होकर वकील अमित वशिष्ठ का मारना चाहता था। उसने बताया कि बम बनाने में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। कुछ सामान और रिमोट को उसने ऑनलाइन खरीदा था। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इस साजिश में वैज्ञानिक के अलावा कोई और तो शामिल नहीं है।
सुबह 9: 33 पर कोर्ट में परिसर में हुआ था दाखिल
रोहिणी अदालत में हुए आईईडी धमाके के मामले में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जांच में पुलिस को पता चला कि आरोपी भारत भूषण कटारिया सुबह 9 बजकर 33 मिनट पर अदालत परिसर में दाखिल हुआ था। वह काले रंग का कोर्ट पहनकर आया था। उसके हाथ में एक बैग था, जबकि लैपटॉप बैग को कंधे से लटकाए हुए था। वह पहले गेट नंबर सात से अदालत परिसर में दाखिल हुआ। कोर्ट परिसर में दोनों बैग रखने के बाद वह इसी गेट से बाहर भी निकल गया।
इसके कुछ देर बाद वह फिर से गेट नंबर आठ से अंदर घुसा। आखिर में वह 10 बजकर 35 मिनट पर काफी हड़बड़ी में गेट नंबर आठ से बाहर निकलता हुआ दिखा। इस बार उसके हाथ में बैग नहीं था। केवल लैपटॉप बैग ही उसके कंधे पर था। धमाके को अंजाम देने के बाद वह कोर्ट परिसर से पैदल ही रिंग रोड की तरफ निकल गया, जहां वह कार से घर तक पहुंचा।