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Teachers union of MDU came out in protest against the decision of not direct recruitment in universities | MDU के शिक्षक और गैर शिक्षक संघ ने कहा- विश्वविद्यालय के बाहर अडाणी और अंबानी का बोर्ड लगानी चाहती है सरकार

रोहतक34 मिनट पहले

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सरकार की मंशा यूनिवर्सिटी का भी निजीकरण करने की है। - Dainik Bhaskar

सरकार की मंशा यूनिवर्सिटी का भी निजीकरण करने की है।

हरियाणा सरकार के विश्वविद्यालयों में भर्ती सीधे न करके स्टाफ सेलेक्शन द्वारा भर्ती करने के फैसले पर एमडीयू के शिक्षक व गैर शिक्षक संघ ने रोष जताया है। दोनों संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता खत्म की तो वे आंदोलन करेंगे और कोर्ट का सहारा लेंगे। उन्होंने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन व स्टाफ सलेक्शन कमीशन में भर्तियों में घोटाले हो रहे हैं, जबकि विश्वविद्यालयों की भर्तियों में कभी कोई कोर्ट केस नहीं हुआ है।

सरकार भर्ती न करके कॉन्ट्रैक्ट पर यूनिवर्सिटी में भर्ती कर रही, क्योंकि सरकार की मंशा यूनिवर्सिटी का भी निजीकरण करने की है। दरअसल, हरियाणा सरकार जल्द ही नए नियमों के अनुसार विश्वविद्यालयों में टीचिंग स्टाफ व नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्तियों को हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन व स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा करने जा रही है, जिसके लिए सीएम मनोहर लाल ने स्पष्ट कह दिया है। वहीं विधानसभा में प्रस्ताव लाकर मुहर भी लगाने वाली है।

एमडीयू के टीचिंग स्टाफ संघ के प्रधान डॉ. विकास सिवाच।

एमडीयू के टीचिंग स्टाफ संघ के प्रधान डॉ. विकास सिवाच।

होगा पुरजोर विरोध
एमडीयू के टीचिंग स्टाफ संघ के प्रधान डॉ. विकास सिवाच ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार हरियाणा में यूनिवर्सिटी की स्वायत्तता को खत्म करना चाहती है। उसका हम विरोध करते हैं। सरकार यूनिवर्सिटी का निजीकरण करना चाहती है। सरकार यूनिवर्सिटी को निजी हाथों में सौंपने जा रही है। जब हरियाणा सरकार प्रोमोशन को लेकर आवेदन मांगती है और यूनिवर्सिटी के कर्मचारी आवेदन करते हैं तो सरकार यह कहती कि यूनिवर्सिटी के कर्मचारी हरियाणा सरकार के कर्मचारी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट भी कहता है यूनिवर्सिटी एक स्वायत्ता संस्था है, जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं।

नॉन टीचिंग स्टाफ संघ प्रधान सुमेर अहलावत।

नॉन टीचिंग स्टाफ संघ प्रधान सुमेर अहलावत।

अडाणी-अंबानी का बोर्ड लगानी चाहती है सरकार

वहींनॉन टीचिंग स्टाफ संघ प्रधान सुमेर अहलावत ने कहा कि सरकार हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन व स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा भर्ती करने जा रही है। यह फैसला गलत है। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन व स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की भर्तियों में घोटाले व भ्रष्टाचार उजागर हो चुके है। उन पर सरकार का कंट्रोल है। लेकिन आज तक यूनिवर्सिटी की किसी भी भर्ती ओर कोर्ट केस नहीं है। कॉलेजों में चार हजार से पद ज्यादा खाली पड़े हैं, उन पर भर्ती सरकार कर नहीं रही है। सरकार अंबानी व अडाणी का बोर्ड यूनिवर्सिटी के बाहर लगाना चाहती है। सरकार के इस फैसले का विरोध करेंगे। यूनिवर्सिटी में हड़ताल व कोर्ट तक का सहारा लिया जाएगा।

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