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SEC members not satisfied with the primary data, asked to present clinical trial data | प्राथमिक तौर पर दिए आंकड़े से एसईसी के सदस्य संतुष्ट नहीं, क्लीनिकल ट्रायल का आंकड़ा पेश करने को कहा

नई दिल्ली43 मिनट पहलेलेखक: पवन कुमार

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सीडीएससीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीसरे डोज का अध्ययन कर नतीजों में कम से कम तीन माह का समय लग जाएगा। - Dainik Bhaskar

सीडीएससीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीसरे डोज का अध्ययन कर नतीजों में कम से कम तीन माह का समय लग जाएगा।

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से पूछा है कि बूस्टर डोज क्यों जरूरी है। सीरम पहले बूस्टर डोज का स्थानीय स्तर पर क्लीनिकल ट्रायल का आंकड़ा पेश करें। शुक्रवार को एसईसी की बैठक में कंपनी की ओर से बूस्टर के पक्ष में प्राथमिक तौर पर जो आंकड़े दिए गए उससे एसईसी के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए।

एसईसी ने सीरम की ओर से यूके में 75 लोगों पर तीसरी डोज के रूप में दी वैक्सीन के नतीजाें को नाकाफी बताया। एसईसी ने कहा यह बहुत छोटी संख्या है। कंपनी अब एक बार फिर से प्रोटोकॉल बना कर देश में तीसरे डोज का क्लीनिकल ट्रायल करेगी। कंपनी की ओर से 500 से 5 हजार लोगों पर अध्ययन किया जा सकता है।

सिर्फ एंटीबाॅडी जांचना काफी नहीं
इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो.संजय रॉय का कहना है कि सिर्फ एंटीबॉडी जांच कर यह निर्णय लेना उपयुक्त नहीं होगा। यह भी देखना होगा कि तीसरी डोज लगने के बाद यदि किसी व्यक्ति को कोविड होता है तो उसकी बीमारी की गंभीरता किस तरह की रहती है। यह जांचने में ज्यादा वक्त लग सकता है।

अध्ययन और नतीजे में तीन महीने लगेंगे
सीडीएससीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीसरे डोज का अध्ययन कर नतीजों में कम से कम तीन माह का समय लग जाएगा। तीसरी डोज के 28 दिन बाद एंटीबॉडी टेस्ट कर रिपोर्ट दी जा सकती है, सिर्फ 28 दिनों की रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय नहीं होगा।

मिक्सिंग ऑफ डोज पर नहीं हुआ निर्णय
बायोलॉजिकल ई. ने अर्जी दी थी कि कोविशील्ड-कोवैक्सीन की दोनों डोज के बाद तीसरी डोज के रूप में बायोलॉजिकल वैक्सीन देकर क्लीनिकल ट्रायल करने की इजाजत दी जाए। एसईसी ने इसे खारिज कर कहा, कंपनी पहले आपात इस्तेमाल की इजाजत ले ले।

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