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The Chautala then turned to the family; Deputy CM touches feet of grandfather OP Chautala at BJP leader’s daughter’s reception | भाजपा नेता की बेटी के रिसेप्शन में डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने छुए दादा ओम प्रकाश चौटाला के पैर

रेवाड़ीएक घंटा पहले

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दो दिल फिर मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके… सियासी लड़ाई में 3 साल पहले दोफाड़ हुए चौटाला परिवार की राह अब ज्यादा समय तक जुदा नहीं रह सकती। इसके संकेत गाहे-बगाहे मिलने भी शुरू हो गए हैं। रविवार की रात गुरुग्राम में भाजपा नेता की बेटी की शादी के रिसेप्शन से एक ऐसी तस्वीर बाहर निकलकर आई, जिसने सिसायत में नई चर्चा पैदा कर दी है।

इस रिसेप्शन में हरियाणा के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला अपने दादा पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पैर छूते हुए नजर आए। वहीं दादा ने भी अपने पोते के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। 3 दिन पहले जन नायक जनता पार्टी (JJP) के संयोजक और ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला भी बड़े चौटाला की झोली में गेंद डाल परिवार के एक होने की बात कह चुके है।

बता दें कि आज से 3 साल पहले 7 अक्टूबर 2018 को सोनीपत के गोहाना में हुई रैली के दौरान ही इनेलो के दोफाड़ होने की नींव रखी गई थी। इस रैली के बाद चौटाला परिवार में ऐसी फूट पड़ी कि ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला के बीच की खींचतान सड़क तक आ गई थी। राजनीतिक महात्वकांक्षा के चलते ओपी चौटाला के दोनों बेटों ने अपनी राजनीतिक राह अलग चुन ली।

इनेलो की कमान अभय चौटाला के हाथ में आई और उन्हें अपने पिता ओपी चौटाला का साथ मिला। वहीं अजय चौटाला ने जन नायक जनता पार्टी का गठन करके अपने दोनों बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को राजनीति में बैटिंग करने के लिए खुलकर मैदान में उतार दिया। इनेलो धीरे-धीरे राजनीतिक सफर में काफी नीचे खिसक गई और जजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में बहुत कम समय के भीतर ही 10 विधानसभा सीटें जीतकर भाजपा के साथ गठबंधन का सहयोगी बनकर सत्ता में भागीदारी भी पा ली।

कई दिनों से चल रही सुबगुबाहट

हाल ही में ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के वक्त चौटाला परिवार के रिश्तों की कड़वाहट साफ दिखी थी। एक तरफ इस्तीफा देकर अभय चौटाला खुद चुनावी मैदान में थे और दूसरी तरफ उनके बड़े भाई अजय चौटाला और दोनों भतीजे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला गठबंधन के उम्मीदवार गोबिंद कांडा के लिए वोट मांग रहे थे और चाचा पर भी जमकर जुबानी तीर चला रहे थे, लेकिन चौटाला परिवार में फिर से रिश्तों की मिठास घोलने के लिए 3 दिन पहले अजय चौटाला ने बड़ा बयान दिया था। अजय ने कहा था कि बड़े चौटाला यानि उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला कहते हैं कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता। यदि बड़े चौटाला विचार करें तो हम भी सोचेंगे। चौटाला परिवार एक हो सकता है। इसके साथ ही कुछ दिन से दोनों भाइयों के बीच कुछ नरमी भी नजर आ रही है।

पूर्व सीएम चौटाला टटोल रहे मन

पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को सियासत का मंझा हुआ खिलाड़ी कहा जाता है। जेबीटी शिक्षक घोटाले में मिली सजा पूरी होने पर रिहा होने के बाद से वे लगातार प्रदेशभर का दौरा कर रहे है। इनेलो के पुराने कैडर को वापस जोड़ने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की जयंती पर सितंबर में ओमप्रकाश चौटाला ने जींद में विशाल रैली की, जिसमें देशभर के कई बड़े नेता एक मंच पर आए। वे तीसरा मोर्चा बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। हालांकि सियासी हाशिये पर चल रही इनेलो को मजबूत बनाने की कड़ी में कुछ राहत ऐलनाबाद उपचुनाव में अभय चौटाला की जीत से भी मिली है।

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