अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: सुशील कुमार
Updated Sat, 27 Nov 2021 10:40 PM IST
सार
दिल्ली पुलिस ने भी अपील का विरोध करते हुए कहा कि दोषियों की सजा निलंबित करने से पीड़ितों को भारी मानसिक पीड़ा और दुख होगा। दोषियों को सजा मिलने से पीड़ितों को सांत्वना मिली थी और उनका विश्वास न्यायिक तंत्र में दोबारा कायम हो सका था, वह भी 24 साल बाद।
अदालत ने अंसल बंधुओं को मिली सात साल की सजा के निलंबन के मुद्दे पर फैसला तीन दिसंबर तक सुरक्षित रख लिया। अदालत ने उपहार सिनेमा अग्निकांड से जुड़े साक्ष्यों से छेड़छाड़ मामले में सुशील और गोपाल अंसल समेत पांच दोषियों को सात साल कैद की सजा सुनाई थी। उपहार सिनेमा अग्निकांड में 59 लोगों की जान चली गई थी।
पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल ने निचली अदालत के फैसले और सजा के खिलाफ अंसल बंधुओं की अपील पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालती फैसले को चुनौती देने के साथ ही अंसल बंधुओं ने अपील के निपटारे तक उनकी सजा को निलंबित रखने का आग्रह किया है।
उपहार हादसे पीड़ितों की संस्था अवूत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अंसल बंधुओं की अपील का विरोध करते हुए कहा कि साक्ष्यों से छेड़छाड़ एक गंभीर प्रकृति का अपराध है और ये पूरे न्यायिक तंत्र को प्रभावित करता है।
दिल्ली पुलिस ने भी अपील का विरोध करते हुए कहा कि दोषियों की सजा निलंबित करने से पीड़ितों को भारी मानसिक पीड़ा और दुख होगा। दोषियों को सजा मिलने से पीड़ितों को सांत्वना मिली थी और उनका विश्वास न्यायिक तंत्र में दोबारा कायम हो सका था, वह भी 24 साल बाद।
पुलिस की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक एटी अंसारी ने कहा कि अगर दोषियों को सजा मिलने के एक माह ही उनकी सजा निलंबित हो जाती है तो इससे आपराधिक न्याय तंत्र में आम आदमी का विश्वास डगमगाएगा। अदालत ने सात साल कैद के साथ प्रत्येक अंसल बंधु पर सवा दो करोड़ का जुर्माना भी लगाया था। वहीं कोर्ट के पूर्व स्टाफ दिनेश चंद शर्मा, पीपी बत्रा व अनूप सिंह को सात साल कैद के साथ तीन-तीन लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
विस्तार
अदालत ने अंसल बंधुओं को मिली सात साल की सजा के निलंबन के मुद्दे पर फैसला तीन दिसंबर तक सुरक्षित रख लिया। अदालत ने उपहार सिनेमा अग्निकांड से जुड़े साक्ष्यों से छेड़छाड़ मामले में सुशील और गोपाल अंसल समेत पांच दोषियों को सात साल कैद की सजा सुनाई थी। उपहार सिनेमा अग्निकांड में 59 लोगों की जान चली गई थी।
पटियाला हाउस अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल ने निचली अदालत के फैसले और सजा के खिलाफ अंसल बंधुओं की अपील पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालती फैसले को चुनौती देने के साथ ही अंसल बंधुओं ने अपील के निपटारे तक उनकी सजा को निलंबित रखने का आग्रह किया है।
उपहार हादसे पीड़ितों की संस्था अवूत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अंसल बंधुओं की अपील का विरोध करते हुए कहा कि साक्ष्यों से छेड़छाड़ एक गंभीर प्रकृति का अपराध है और ये पूरे न्यायिक तंत्र को प्रभावित करता है।
दिल्ली पुलिस ने भी अपील का विरोध करते हुए कहा कि दोषियों की सजा निलंबित करने से पीड़ितों को भारी मानसिक पीड़ा और दुख होगा। दोषियों को सजा मिलने से पीड़ितों को सांत्वना मिली थी और उनका विश्वास न्यायिक तंत्र में दोबारा कायम हो सका था, वह भी 24 साल बाद।
पुलिस की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक एटी अंसारी ने कहा कि अगर दोषियों को सजा मिलने के एक माह ही उनकी सजा निलंबित हो जाती है तो इससे आपराधिक न्याय तंत्र में आम आदमी का विश्वास डगमगाएगा। अदालत ने सात साल कैद के साथ प्रत्येक अंसल बंधु पर सवा दो करोड़ का जुर्माना भी लगाया था। वहीं कोर्ट के पूर्व स्टाफ दिनेश चंद शर्मा, पीपी बत्रा व अनूप सिंह को सात साल कैद के साथ तीन-तीन लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
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