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Yogi Adityanath Oath Ceremony: योगी 2.0 में भी डिप्टी सीएम रहेंगे केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा, असीम अरुण-महेंद्र सिंह बनेंगे मंत्री

इन एक्टर और उद्योगपतियों के मिलेगा योगी के शपथ ग्रहण में आने का मौका, योगी का मंत्रिमंडल होगा यूथ से भरपूर, पढ़िए मंत्रिमंडल की पूरी लिस्ट, पति व एक्टरों की पूरी लिस्ट

लखनऊ, रफ्तार टुडे । योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। योगी 2.0 के शपथ ग्रहण समारोह में आने वाले मेहमानों की लिस्ट काफी लंबी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्री, बीजेपी राज्यों के मुख्यमंत्री, 5 उप मुख्यमंत्री के अलावा देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों को भी न्योता भेजा गया।

सूत्रों के मुताबिक योगी मंत्रिमंडल में दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा रिपीट होंगे. इसके अलावा महेंद्र सिंह और असीम अरुण को भी मंत्री बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ जिन-जिन मंत्रियों को शपथ लेनी है उन्हें आज सूचित कर दिया जाएगा। शुक्रवार सुबह दस बजे मुख्यमंत्री आवास पर शपथ लेने वाले मंत्रियों को चाय पर आमंत्रण दिया जाएगा।

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का 25 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 के मंत्रिमंडल को लेकर कयासबाजी चरम पर है। दो या तीन उप मुख्यमंत्रियों के साथ ही मंत्रिमंडल में किन विधायकों को जगह मिलेगी इस पर चर्चा ने जोर पकड़ा है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व के साथ ही उत्तर प्रदेश की इकाई भी लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के मंथन में लगी है। चंद घंटों के बाद तस्वीर सभी के सामने होगी, लेकिन नए मंत्रियों के नाम के अनुमान को लेकर सट्टा बाजार भी सक्रिय हो गया है।

करीब चार दर्जन मंत्रियों को शपथ:

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने 273 सीट पर जीत दर्ज की है। इनमें 255 विधायक तो भाजपा के ही हैं। अपना दल (एस) के 12 तथा निषाद पार्टी के छह विधायक हैं। विधायकों के साथ ही विधान परिषद के सदस्यों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। माना जा रहा है कि अभी तो करीब चार दर्जन विधायक ही मंत्री पद की शपथ लेंगे। करीब चार दर्जन मंत्रियों (कैबिनेट, स्वतंत्र दर्जा प्राप्त और राज्यमंत्री) को शपथ दिलाई जा सकती

उप मुख्यमंत्री की संख्या को लेकर भी कयासबाजी :

योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल 2.0 में उप मुख्यमंत्री कद की संख्या को लेकर भी कयासबाजी चल रही है। कौशांबी के सिराथू से चुनाव हारने के बाद भी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद को इस पद से हटाना मुश्किल है। वह पिछड़ों के प्रमुख नेताओं में शामिल हैं। उनका ही प्रभाव रहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी में जाने के बाद भी पिछड़ा वर्ग का वोट भाजपा को मिला। ऐसे में केशव इसी पद पर दूसरी पारी शुरू कर सकते हैं। पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने के बाद भी उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाए जाने से इस बात की संभावना और बढ़ गई है। अगर कोई गुजाइंश बनती भी है तो भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का नाम इस पद के लिए सामने लाया जा सकता है। पिछड़ों के ही नेता के रूप में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का नाम पार्टी में है, लेकिन इस बार कुर्मी वोट भाजपा से छिटका है। स्वतंत्र देव कुर्मी वर्ग से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए इस वर्ग को करीब लाने और संगठन की मेहनत का इनाम उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाकर दिया जा सकता है। केशव प्रसाद मौर्य या फिर स्वतंत्र देव सिंह को उप मुख्यमंत्री पद मिल सकता है।

इस बार उम्मीदों का बोझ बढ़ना तय युवा चेहरों के साथ महिलाओं


भाजपा का फोकस युवा चेहरों के साथ महिलाओं को भी मंत्रिमंडल में अधिक संख्या में शामिल करने का है। शीर्ष नेतृत्व से इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ भी चर्चा कर चुके हैं। महिलाओं में सरिता भदौरिया, डा. सुरभि, अदिति सिंह, अपर्णा बिष्ट यादव, केतकी सिंह तथा युवाओं में शलभमणि त्रिपाठी, नितिन अग्रवाल, पंकज सिंह, सुनील शर्मा, राजेश्वर सिंह, आशीष सिंह पटेल, जय वीर सिंह, दयाशंकर सिंह, मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, राकेश तिवारी, असीम राय के साथ कुंवर ब्रजेश भी हैं। सहयोगी दल निषाद पार्टी के डा. संजय निषाद के अलावा भाजपा के रामचंद्र यादव, राजेश त्रिपाठी तथा विजय बहादुर पाठक भी मंत्री पद की दौड़ में हैं।

पुराने व अनुभवी चेहरों को दोबारा जगह मिलना स्वाभाविक:

मंत्रिमंडल में रहे पुराने व अनुभवी चेहरों के अलावा योगी आदित्यनाथ सरकार के कई कैबिनेट मंत्रियों को दोबारा जगह मिलना स्वाभाविक है। उल्लेखनीय है कि 60 मंत्रियों में से योगी आदित्यनाथ सहित पचास मंत्री चुनाव लड़े, जिनमें से 11 हार गए। तीन मंत्री सपा में जा चुके हैं, जबकि तीन का भाजपा ने टिकट काट दिया था। इस तरह सीधे-सीधे 17 सीटें खाली नजर आ रही हैं। यदि मंत्रिमंडल का यही आकार भी रखा गया तो विरोधी खेमे के दिग्गजों को हराने वाले कुछ नए विधायक और चुनाव में संगठन का पराक्रम दिखाने वाले पदाधिकारियों को मंत्री बनाया जा सकता है। इनके साथ ही 15 पुराने मंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य, सुरेश कुमार खन्ना, ब्रजेश पाठक, सतीश महाना, सिद्धार्थ नाथ सिंह, सूर्य प्रताप शाही, श्रीकांत शर्मा, जय प्रताप सिंह, सिद्धार्थनाथ सिंह, आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’, भूपेन्द्र चौधरी, अनिल राजभर, आशुतोष टंडन, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, कपिल देव अग्रवाल, जितिन प्रसाद, रविंद्र जायसवाल तथा चौधरी लक्ष्मीनारायण का तो मंत्री बनना लगभग तय है। अप्रत्याशित ढंग से भारतीय पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति में आकर चुनाव जीतने वाले असीम अरुण और प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक रहे राजेश्वर सिंह के अलावा दयाशंकर सिंह और बलिया के बांसडीह की केतकी सिंह भी इस कतार में हैं।

भाजपा दलित वर्ग के नेता विधान परिषद सदस्य विद्याराम सोनकर और लक्ष्मण आचार्य को भी संगठन या सरकार में ला सकती है। इनके साथ ही कन्नौज विधायक असीम अरुण या फिर हाथरस विधायक अंजुला माहौर को भी दलित चेहरे के रूप में मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। बीते वर्ष योगी आदित्यनाथ सरकार मंत्रिमंडल के अंतिम विस्तार में राज्यमंत्री बनाए गए संजीव गोंड अनुसूचित जनजाति से हैं। इस बार इनका ओहदा बढ़ाया जा सकता है।

दूसरे उप मुख्यमंत्री : दूसरे उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा को भी हटाकर संगठन में लाया जा सकता है। इसके विपरीत ब्राह्मण नेता के रूप में उनकी उपयोगिता को देखते हुए उनको भी इस पद पर बरकरार रखा जा सकता है। अगर वह डिप्टी सीएम के पद से हटे तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। इसके साथ संभावना यह भी है कि यदि पार्टी आगरा ग्रामीण से विधायक बनीं उत्तराखंड की पूर्व राच्यपाल बेबी रानी मौर्य को डिप्टी सीएम बनाने की बजाए विधानसभा अध्यक्ष बना दे और दिनेश शर्मा उसी पद पर रहें तो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी दलित नेता को दी जा सकती है।

युवा चेहरों के साथ महिलाओं :
भाजपा का फोकस युवा चेहरों के साथ महिलाओं को भी मंत्रिमंडल में अधिक संख्या में शामिल करने का है। शीर्ष नेतृत्व से इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ भी चर्चा कर चुके हैं। महिलाओं में सरिता भदौरिया, डा. सुरभि, अदिति सिंह, अपर्णा बिष्ट यादव, केतकी सिंह तथा युवाओं में शलभमणि त्रिपाठी, नितिन अग्रवाल, पंकज सिंह, सुनील शर्मा, राजेश्वर सिंह, आशीष सिंह पटेल, जय वीर सिंह, दयाशंकर सिंह, मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, राकेश तिवारी, असीम राय के साथ कुंवर ब्रजेश भी हैं। सहयोगी दल निषाद पार्टी के डा. संजय निषाद के अलावा भाजपा के रामचंद्र यादव, राजेश त्रिपाठी तथा विजय बहादुर पाठक भी मंत्री पद की दौड़ में हैं।

किन हस्तियों को दिया गया न्योता

अक्षय कुमार

कंगना रनौत

अजय देवगन

बोनी कपूर

अनुपम खेर

विवेक अग्निहोत्री

तनम्य चक्रवती, टाटा ग्रुप

नीरज अंबानी, अंबानी ग्रुप

कुमार मंगलम बिरला, आदित्य बिरला ग्रुप

गौतम अडाणी, अडाणी ग्रुप

दर्शन हीरानंदानी,
हीरानंदानी ग्रुप

आनंद महिंद्रा, महिंद्रा ग्रुप

सीएम शिवराज सिंह चौहान

सीएम मनोहर लाल खट्टर

सीएम पेमा खांड

सीएम एन बिरेन सिंह

सीएम जयराम ठाकुर

सीएम बिप्लव कुमार देव

सीएम प्रमोद सावंत

सीएम हेमंत बिस्वा शर्मा

सीएम बसावराज बोम्मई

सीएम भूपेंद्र पटेल

सीएम पुष्कर सिंह धामी

अरुणाचल प्रदेश के
उपमुख्यमंत्री चोना मीन
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद
समारोह को भव्य बनाने की जोरदार तैयारियां हो रही हैं। इस समारोह में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। उनके तीन हेलिकॉप्टर के लिए लखनऊ के इकाना स्टेडियम के बगल में ही हेलीपैड बनाया जा रहा है. इकाना स्टेडियम के अंदर और क्या कुछ चल रहा है, आइए आपको बताते हैं ग्राउंड जीरो से.

शपथ ग्रहण की भव्य तैयारियों के बीच मंच बन गया है और कुर्सियां लगाई जा रही हैं। बड़े-बड़े पंखे रखे जा रहे हैं और हेलिपैड बनाने का काम जोरों पर हैं।
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में 25 मार्च को योगी सरकार का दूसरा शपथ ग्रहण समारोह होना है।

लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में करीब 50 हजार लोगों की क्षमता है लेकिन स्टेडियम की दर्शक दीर्घा के अलावा मैदान में भी कुर्सियां लगाई जा रही हैं।
इकना स्टेडियम में अबतक 70 हज़ार लोगों के बैठने की व्यवस्था हो चुकी है, जिसको बढ़ाया जा सकता है।
पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और देश प्रदेश के अध्यात्म और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोग इसमें शामिल होंगे।
योगी सरकार के भव्य शपथ ग्रहण समारोह में चूंकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे, लिहाजा इकाना स्टेडियम और इसके आसपास 9 हेलिपैड बनाए जा रहे हैं।

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