जनपद दीवानी एवम फौजदारी बार एसोशिएशन की पहल, अधिवक्ताओं को बांटे गए नए कानून की पुस्तकें, बार एसोशिएशन ने नए कानून की पुस्तकें डीएम साहब को भी उनके दफ्तर में भेट कीं
बार एसोशिएशन ने नए कानून की पुस्तकें डीएम साहब को भी उनके दफ्तर में भेट कीं
ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।: जनपद दीवानी एवम फौजदारी बार एसोशिएशन के अध्यक्ष उमेश भाटी और सचिव धीरेंद्र भाटी ने एक महत्वपूर्ण पहल के तहत नए कानून का मेजर एक्ट सभी अधिवक्ता चैंबर में बांटे। इस अवसर पर एसोशिएशन के सभी कार्यकारिणी सदस्य भी उपस्थित रहे।
अधिवक्ताओं के लिए नए कानून की पुस्तकें
इस पहल के तहत, एसोशिएशन के सदस्यों ने सभी अधिवक्ता चैंबर में नए कानून की पुस्तकें वितरित कीं। इस कदम का उद्देश्य अधिवक्ताओं को नवीनतम कानूनी जानकारी से सुसज्जित करना है, जिससे वे अपने मामलों को अधिक प्रभावी ढंग से संभाल सकें।
DM को भी भेट की पुस्तकें
बार एसोशिएशन ने नए कानून की पुस्तकें डीएम साहब को भी उनके दफ्तर में भेट कीं। यह कदम अधिकारियों और अधिवक्ताओं के बीच बेहतर तालमेल और समझ को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। डीएम साहब ने इस पहल की सराहना की और इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश भाटी का वक्तव्य
बार एसोशिएशन के अध्यक्ष उमेश भाटी ने इस अवसर पर कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हमारे अधिवक्ता नवीनतम कानूनों और प्रावधानों से अवगत रहें। इससे उन्हें न्यायालय में अपने मामलों को और अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी।”
बार एसोसिएशन के सचिव धीरेंद्र भाटी की प्रतिक्रिया
सचिव धीरेंद्र भाटी ने कहा, “हमारी कोशिश है कि हर अधिवक्ता को सही और अद्यतित जानकारी मिल सके। इससे न केवल उनके काम में सुधार होगा बल्कि न्यायिक प्रक्रिया भी सुचारू रूप से चलेगी।”
कार्यकारिणी सदस्यों का सहयोग
इस पहल को सफल बनाने में एसोशिएशन के सभी कार्यकारिणी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने पुस्तकों के वितरण में सक्रिय भूमिका निभाई और यह सुनिश्चित किया कि हर अधिवक्ता चैंबर में पुस्तकें पहुंचे।
अधिवक्ताओं की प्रतिक्रिया
अधिवक्ताओं ने इस पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि इससे उन्हें अपने मामलों को बेहतर ढंग से समझने और प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी। जनपद दीवानी एवम फौजदारी बार एसोशिएशन की यह पहल निश्चित रूप से कानूनी पेशेवरों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे अधिवक्ताओं को नए कानूनों और प्रावधानों की जानकारी मिलेगी और वे अपने मामलों को और अधिक प्रभावी ढंग से संभाल सकेंगे। अधिकारियों और अधिवक्ताओं के बीच बेहतर तालमेल और समझ भी इस पहल का एक सकारात्मक पहलू है।