नोएडाटॉप न्यूजदिल्ली एनसीआर

नाथद्वारा का गौरव: ‘विश्वास स्वरूपम’ (स्टैच्यू ऑफ बिलीफ) ने 15 लाख पर्यटकों का आंकड़ा पार किया

नाथद्वारा, राजस्थान, रफ़्तार टुडे। राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित ‘विश्वास स्वरूपम’, जिसे ‘स्टैच्यू ऑफ बिलीफ’ के नाम से भी जाना जाता है, ने नवंबर 2022 में उद्घाटन के बाद से अब तक 15 लाख से अधिक पर्यटकों का स्वागत किया है, जो एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भगवान शिव की यह 369 फीट ऊंची मूर्ति तेजी से भारत में एक प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थल बन गई है, जो देशभर के पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।

यह जानना भी दिलचस्प होगा कि यह मूर्ति दुनिया में भगवान शिव की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है, जो 32 एकड़ में फैली हुई है और कुल ऊंचाई 112 मीटर (34 मीटर आधार सहित) है, इसे 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट से बनाया गया है। इस मूर्ति का जीवनकाल लगभग २५० वर्ष अनुमानित किया गया है। इसे २५० किमी प्रति घंटे तक की हवाओं को आसानी से झेलने और भूकंपीय क्षेत्र IV में भी स्थिर रहने के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है। प्रतिमा में 270 फीट और 280 फीट की ऊंचाई पर दीर्घाएँ हैं, जो कांच के रास्ते से जुड़ी हुई हैं।

पर्यटक ३५१ फीट की ऊंचाई पर जाकर जलाभिषेक और भू-स्तर पर चरणवंदना कर सकते हैं। साथ ही स्नो पार्क, वैक्स म्यूजियम व गेम ज़ोन में वे मनोरंजन भी कर सकते हैं; तथा ‘गो कार्टिंग’, ‘बंजी जंपिंग’ (१८५ फीट), ‘ज़िप लाइन’ जैसे खेलों का आनंद ले सकते हैं।

रोमांच बढ़ाने के लिए, 20 फीट की ऊंचाई पर एक नया अनोखा 3D अनुभव “आत्ममंथन” शुरू किया गया है। इस आकर्षण में १७ अलग – अलग दीर्घाएं है जिनकी अपनी विशेषता है। ये दीर्घाएं प्रकृति के विभिन्न तत्वों से प्रेरित है। कुछ में पाँच तत्वों – वायु, जल, पृथ्वी, अग्नि, आकाश, और ब्रह्माण्ड दर्शन का अन्वेषण किया गया है। कुछ पौराणिक कथाओं जैसे समुद्रमंथन और कल्पतरु वृक्ष से प्रेरित हैं। ‘क्रिस्टल टेरेन’, ‘द काइनेसिस ऑफ बिलीफ’ और ‘ओम बेल’ जैसी दीर्घाएं गहन और परिवर्तनकारी अनुभव प्रदान करती हैं, जबकि ‘कैलास मानसरोवर’ और ‘टनल टू इटरनिटी’ जैसी दीर्घाएं आत्मावलोकन और आत्मज्ञान को प्रेरित करती हैं और परस्पर जुड़ाव की भावनाएँ उत्पन्न करती हैं।

“यह उपलब्धि इस बात का प्रतीक है कि यह प्रतिमा विश्वभर के लोगों के लिए कितना गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। हमारे देश की मज़बूत आध्यात्मिक जड़ें हमें न केवल आगंतुकों को अद्वितीय एवं हर – एक तरह के अनुभव प्रदान करती है, बल्कि आगंतुकों के लिए एक ज्ञानवर्धक अनुभव भी बनाती है। मिराज समूह में हम सदा समाज को कुछ लौटाने में विश्वास रखते हैं, और नाथद्वारा को एक वैश्विक आध्यात्मिक स्थल के रूप में प्रतिष्ठित करने की ओर ये हमारा एक प्रयास है।” – श्री मदन पालीवाल, संस्थापक, मिराज समूह।

रफ़्तार टुडे की न्यूज
Raftar Today
Raftar Today

Related Articles

Back to top button