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मुख्यमंत्री पोर्टल पर भाजपा नेता की शिकायत करने वाले व्यक्ति को ही कर दिया मुचलका पाबंद, जिस अधिकारी की शिकायत की उसे ही सौंपी थी जांच

पीड़ित ने दबंग डेरी संचालक और पुलिस के डर से घर के बाहर चस्पा किया पलायन का कागज

पीड़ित ने दबंग डेरी संचालक और पुलिस के डर से घर के बाहर चस्पा किया पलायन का कागज

गाजियाबाद, रफ़्तार टुडे। कमिश्नरेट पुलिस का एक अजब कारनामा सामने आया है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर दबंग भाजपा नेता की शिकायत करने वाले व्यक्ति पर दबाव बनाने के लिए पुलिस ने उसे ही मुचलका पाबंद कर दिया है। यहाँ तक कि पीड़ित ने पोर्टल पर जिस सब इंस्पेक्टर की शिकायत की थी, मामले की जांच भी उसे ही सौंप दी गई। इसके साथ जिस सिपाही से पीड़ित ने खतरा जताया था उसे ही मुचलका पाबंदी का नोटिस तामील करने के लिए नियुक्त किया गया है। सिपाही ने भी हाईटेक तरीका अपनाते हुए पीड़ित को व्हाट्सएप के माध्यम से नोटिस भेज दिया है। इस सबके बाद पीड़ित खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। यहां तक कि उसने पुलिस अधिकारियों पर भी मुख्यमंत्री पोर्टल का मखौल उड़ाने का आरोप लगाया है।


बता दें कि कुछ समय पूर्व गुलमोहर एन्क्लेव के एसपी 2 टॉवर निवासी गौरव बंसल ने सोसायटी में ही दूध की डेरी चलाने वाले भाजपा नेता पर आचार संहिता का उलंघ्घन करते हुए डेरी के बाहर रोजाना 15-20 कुर्सियां डालकर आने जाने वाले लोगों के मार्ग में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की थी। जिसकी जाँच नासिरपुर चौकी इंचार्ज को सौंपी गई थी। जिसके बाद दोनों पक्षों का समझौता इस बात पर हुआ था कि आगे से डेरी संचालक कुर्सियां डालकर मार्ग अवरुद्ध नहीं करेगा। लेकिन कुछ दिन बाद फिर से डेरी संचालक ने कुर्सियां डालनी शुरू कर दीं। जिसके बाद गौरव को दोबारा शिकायत करनी पड़ी। आरोप है कि नासिरपुर चौकी इंचार्ज ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर गलत आख्या लगाकर मामले का निस्तारण कर दिया। इसके बाद जब गौरव बंसल ने डेरी संचालक के साथ निस्तारण करने वाले अधिकारियों की भी शिकायत की तो उन्होंने डेरी संचालक के साथ साथ खुद को भी क्लीन चिट देकर मामला रफा दफा कर दिया।


पीड़ित गौरव बंसल ने बताया कि उन्होंने अपनी शिकायत में पहले ही फर्जी मुकदमे में फंसाने की आशंका जताई थी जो सच साबित हुई। उन्होंने बताया कि नासिरपुर चौकी इंचार्ज सुभाष सिंह और कांस्टेबल गौरव ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रच कर ये सब किया है। गौरव ने गाजियाबाद से पलायन की बात पर कहा कि वह अपनी बेटी परी की अच्छी शिक्षा के लिए जहाँगीराबाद से गाजियाबाद आये थे लेकिन अब उन्हें वापस जाना पड़ेगा।

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