विश्व को नशामुक्त बनाने का संकल्प आध्यात्म से ही है संभव : श्वेता भारती
गाजियाबाद, रफ़्तार टुडे। डीजेजेएस के नशा उन्मूलन कार्यक्रम “बोध” और युवा परिवार सेवा समिति (वाईपीएसएस) के सहयोग से विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की गाज़ियाबाद शाखा द्वारा 19 मई, 2024 को ख़ज़ान सिंह की धर्मशाला, पटेल नगर सेकंड, गाज़ियाबाद में “संकल्प” नाम से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता को तंबाकू के सेवन के दुष्परिणामों, खासकर धूम्रपान के बारे में जागरूक करना था। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी श्वेता भारती , साध्वी दिवाकरा भारती एवं संत समाज द्वारा दिए गए इस संदेश से सैकड़ों लोग प्रभावित हुए।
कार्यक्रम में द्वारा तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारियाँ और बहुत कुछ शामिल हैं। साथ ही, उपस्थित लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया।
इस कार्यक्रम में स्कूल के छात्र, युवा, वरिष्ठ नागरिक और आस-पास के समुदाय के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया गया, जिसने तंबाकू के सेवन के दुष्परिणामों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया।
साध्वी ने समझाते हुए कहा, “यह कार्यक्रम तंबाकू के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें उम्मीद है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में शिक्षित करने में सफल रहे हैं और उन्हें धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है।” साथ ही इससे बचने के उपाए सुझाते हुए बताया गया कि किस प्रकार मानसिक जागरूकता के साथ-साथ आध्यात्मिक जागरूकता भी नशे के दलदल से बचने में हमारी सहायता करता है I जहाँ मानसिक जागरूकता हमें नशे से छुटकारा पाने के लिए प्रेरित करती है, वहीं आध्यात्मिक जागरूकता हमें आंतरिक शक्ति प्रदान कर उस प्रेरणा को साकार रूप देने में सहायता करती है, और यह केवल एक पूर्ण गुरु द्वारा प्रदत्त ब्रह्मज्ञान की ध्यान- साधना से ही संभव है I
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण कुछ इस प्रकार रहे:- सेल्फी स्पॉट, सिग्नेचर बोर्ड, टग ऑफ वाॅर, पोस्टर मेकिंग, नशा: मज़ा या सज़ा, चरित्र निर्माण में परवरिश की महत्वपूर्ण भूमिका, वीडियो एवं पीपीटी प्रस्तुति इत्यादि।
यह कार्यक्रम तंबाकू मुक्त समाज के निर्माण के लिए डीजेजेएस और वाईपीएसएस की निरंतर प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।