राजनीति

सपा, बसपा, कांग्रेस,आप सहित समस्त विपक्ष को नहीं मिला गौतम बुद्ध नगर से सांसद डॉ महेश शर्मा का मुकाबला करने वाला प्रत्याशी, भाजपा कार्यकर्ता सोच रहे हैं कि बिना लड़े क्या जीत जाएंगे चुनाव, निर्विरोध जीतने पर तथा चुनाव कोई खड़ा ना हो इसके लिए चल रहा है रणनीति

भाजपा सांसद डॉ महेश शर्मा का राजनीति करियर भी इसे मिलता जुलता है, 2014 में कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश चंद्र तोमर बिना लड़े चुनाव में बैठ गए थे

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। सपा, बसपा, कांग्रेस, आप को नहीं मिल रहा कोई गौतम बुद्ध नगर से प्रताशी, जो गौतम बुद्ध नगर से सांसद डॉ महेश शर्मा को कड़ा मुकाबला दे सके। गोरतबल है कि भाजपा कार्यकर्ता सोच रहे हैं कि बिना लड़े जीत जाएंगे लोकसभा, नही करनी पड़ेगी कोई मेहनत।

चुनाव निर्विरोध जीतने पर तथा चुनाव कोई खड़ा ना हो इसके लिए रणनीति चल रही है। भाजपा सांसद डॉ महेश शर्मा का राजनीति करियर भी इसे मिलता जुलता है। 2014 में कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश चंद्र तोमर बिना लड़े चुनाव में बैठ गए थे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉक्टर महेश शर्मा का व्यक्तित्व कुछ ऐसा है जैसे कोई दुश्मन भी उनके सामने आ जाता है तो वह सरल और सहज स्वभाव के कारण उनके आगे नतमस्तक होकर जाता है। यही कारण है कि डॉक्टर महेश शर्मा के सामने विरोधी पार्टियों को ढूंढने से भी कोई प्रत्याशी नहीं मिल पा रहा है। सांसद डॉक्टर महेश शर्मा का व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली है कि उन्हें चुनौती देना विपक्ष द्वारा टेढ़ी खीर है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉक्टर महेश शर्मा भारतीय जनता पार्टी से सांसद हैं उनका पार्टी में ही विरोध करने वाले बहुत नेता है। कुछ नेता डॉक्टर महेश शर्मा का टिकट कटवा कर खुद लेने की चाहत रखते थे किंतु डॉक्टर महेश शर्मा के व्यक्तित्व के आगे वह सफल नहीं हो सके। पार्टी के वही नेता अब डॉक्टर महेश शर्मा के साथ चुनाव प्रचार करने के लिए पार्टी नीति व रीति के अनुसार उनके साथ देने को कटिबद्ध हैं।

सपा, आप, कांग्रेस तथा बहुजन समाज पार्टी एवं को डॉ महेश शर्मा से मुकाबला करने के लिए गौतमबुद्ध नगर लोकसभा में उनके समानांतर प्रत्याशी ढूंढने से भी नहीं मिल रहा है। डॉ महेश शर्मा एक अति व्यस्त एवं सरल सहज स्वभाव का व्यक्तित्व रखते हैं। इसके बावजूद भी सामना होने पर वह विरोधी व्यक्ति से भी सहज भाव से मिलते हैं और उसकी समस्याओं का निराकरण भी करते हैं। ईश्वरीय कृपा से धन संपदा में इजाफा होने के बाद उनका व्यक्तित्व और भी झुकावशील हो जाता हैं। जैसे माना जाए कि फलदार वृक्ष पर फल ज्यादा आ जाते हैं तो वह झुक जाता है उसी की तरह उनका जनमानस के प्रति सहयोग का दायरा भी बढ़ जाता है तथा उदारता भी बढ़ जाती है।

डॉ महेश शर्मा की एक और खूबी भी उन्हें अन्य नेताओं से अलग बना देती है वह आमजनों के नाम याद कर लेते हैं और भरी भीड़ में उसके नाम से पुकार कर हाल-चाल पूछने की कला उनके व्यक्तित्व को और भी ज्यादा प्रभावशाली बना देती है। हैरानी तब होती है जब इतनी बड़ी लोकसभा में उनका मुकाबला करने के लिए विरोधी पार्टियों को प्रत्याशी चयन में भारी मशक्कत करनी पड़ती है। यही कारण है कि विरोधी पार्टी अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं कर सकी है।

यह तय है कि विरोधी पार्टी किसी न किसी प्रत्याशी को अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाएगी किंतु वह प्रत्याशी डॉक्टर महेश शर्मा के सामने मुकाबला करने में असमर्थ ही साबित होगा। जिस व्यक्तित्व के आगे विरोधी भी नतमस्तक हो जाते हो वहां किसी का ठहरना बहुत मुश्किल काम है। डॉ महेश शर्मा का भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ना तय हो चुका है। भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ना महज एक औपचारिकता ही कहा जाएगा उनकी जीत सुनिश्चित है। सांसद डॉक्टर महेश शर्मा का तेजी से जनसंपर्क अभियान चल रहा है एवं चुनाव के लिए कोई भी वह कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पूरी लोकसभा में विरोधी बहुत से हैं किंतु खुलकर सामना करने को कोई भी मैदान में नजर नहीं आता है।

जहां यह चर्चा है कि गौतम बुद्ध नगर की सीट आप पार्टी को जा सकती है और इसकी भी चर्चा की कोई आप प्रत्याशी किसी गुर्जर प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है सूत्रों की माने तो यह गठबंधन में यह सीट सपा के खाते की है सपा से कोई प्रत्याशी ढूंढने से नहीं मिला है इसीलिए गठबंधन की तीसरी पार्टी (आप) को यह सीट सपा दान में दे सकती है।

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