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सबसे अधिक बार सांसद बनने वाले नेता का नाम बताएं? इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेई या कोई और

भारत में लोकसभा (Lok Sabha) का आम चुनाव चल रहा है। लोकसभा (Lok Sabha) के चुनाव के बीच भारत की लोकसभा का इतिहास भी खूब प्रकाश में आ रहा है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह है कि भारत में लोकसभा (Lok Sabha) के चुनाव को जीतकर सबसे अधिक बार कौन सा नेता सांसद बना है? इस सवाल का ठीक उत्तर देने वाला ना केवल इंटेलिजेंट माना जाएगा बल्कि उत्तर देने वाला का सामान्य ज्ञान भी सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा। बंगाल के नेता माकपा के वासुदेव आचार्य, महाराष्ट्र के माणिक राव होदिथा, ओडिशा के गिरधर गोमांग, मध्य प्रदेश के माधव राव सिंधिया और ओडिशा से ही खगपती प्रधानी के नाम भी नौ बार लोकसभा चुनाव जीतने वालों में से हैं।

भारत में सबसे अधिक बार लोकसभा (Lok Sabha) का चुनाव जीतकर सांसद बनने वाले नेता का क्या नाम है? इस प्रश्न के उत्तर में यदि आपका जवाब इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी अथवा चौधरी चरण सिंह है तो आपका उत्तर सरासर गलत है। हम आपको बताते हैं कि भारत में सबसे अधिक बार लोकसभा (Lok Sabha) का चुनाव जीतने वाले नेता का क्या नाम है? इस नेता के नाम पर हैं सबसे अधिक बार चुनाव जीतने का रिकार्ड।

सबसे अधिक सांसद बनने का रिकॉर्ड इंद्रजीत गुप्ता के नाम है, उसके बाद नाम आता है पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, सोमनाथ चटर्जी, पीएम सहिद

आपको बता दें कि भारत में सबसे अधिक बार लोकसभा का चुनाव जीतकर सबसे अधिक बार सांसद बनने वाले नेता का नाम इंद्रजीत गुप्ता है। भारत में सबसे ज्यादा लोकसभा चु्नाव जीतकर सांसद बनने का रिकॉर्ड आज तक इंद्रजीत गुप्ता के नाम पर है। इंद्रजीत गुप्ता ने 11 बार लोकसभा चुनाव जीता और सांसद बने। यह रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है। अपने जीवन के 60 साल उन्होंने सांसद के रूप में गुजारे। इंद्रजीत गुप्ता पश्चिम बंगाल से सीपीआई पार्टी के नेता थे। इंद्रजीत गुप्ता ने अपने जीवन में 12 बार लोकसभा चुनाव लड़ा। इसमें से सिर्फ एक बार उनकी हार हुई।  उन्होंने पहली बार 1962 में चुनाव जीता था।  उसके बाद वह अपने निधन तक सांसद बने रहे।  सिर्फ 1977 के चुनाव में उन्हें हार मिली।  इंद्रजीत गुप्ता ने बशीरहाट, कोलकाता, मिदनापुर और अलीपुर लोकसभा सीट से अलग-अलग बार चुनाव लड़ा और विजयी भी हुए।  वह पहले ऐसे सीपीआई नेता थे जो देश के गृहमंत्री भी बने।

दूसर नंबर है अटल बिहारी वाजपेयी का

भारत में सबसे अधिक बार लोकसभा का चुनाव जीतने वाली सूची में दूसरा नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का है। अटल बिहारी वाजपेयी ने 10 बार लोकसभा चुनाव जीते हैं. लेकिन उनके नाम 12 बार सांसद बनने का रिकॉर्ड है. क्योंकि वह दो बार राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव जीतने वाले नेताओं की सूची में अटल जी दूसरे नंबर पर हैं. अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने जीवन काल में छह लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की।

अटल बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के लखनऊ और बलरामपुर, गुजरात के गांधीनगर, एमपी के ग्वालियर और विदिशा और दिल्ली की नई दिल्ली संसदीय सीट से चुनाव लडक़र लोकसभा पहुंचे थे। अलग-अलग राज्यों की इतनी सीटों से चुनाव लडक़र जीतने वाले वे अकेले शख्स हैं। यह रिकॉर्ड भी अबतक नहीं टूट सका है।

तीसरा नाम है सोमनाथ चटर्जी का

अटल बिहारी वाजपेई के बाद सोमनाथ चटर्जी दूसरे ऐसे नेता हैं, जिन्होंने 10 बार लोकसभा चुनाव जीता और सांसद बने। उन्होंने पश्चिम बंगाल की बर्दमान लोकसभा सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद वह बोलपुर से छह बार सांसद चुने गए. सोमनाथ चटर्जी ने पूरी जिंदगी 11 बार चुनावी मैदान में उतरे और सिर्फ एक बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सोमनाथ चटर्जी ने जाधवपुर से भी चुनाव लड़ा और तीन बार वहां के एमपी रहे। 1984 में ममता बनर्जी ने उन्हें यहां एक बार चुनाव में हराया था. इसके अलावा हर बार सोमनाथ चटर्जी को लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई. सोमनाथ चटर्जी शुरुआती दिनों में पेशे से वकील थे। बाद में वह सीपीआईएम के साथ जुडक़र राजनीति में सक्रिय हुए।

पीएम सईद 10 बार जीते

भारत के लक्षद्वीप से कांग्रेस से सांसद रहे पीएम सईद भी दस बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचने वालों में से एक हैं। उन्होंने पहली बार 1967 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता था। इसके बाद वह लगातार कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव लड़े और जीतते भी रहे। आखिरी बार पीएम सईद ने लक्षद्वीप से 1999 में जीत हासिल की थी।

दहाई अंक में जीत दर्ज करने वाले चार नेताओं के बाद सिंगल डिजिट में अधिकतम यानी 9 बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले नेता भी गिने चुने ही हैं। इसमें पहला नाम बिहार के रामविलास पासवान का आता है। रामविलास पासवान आठ बार हाजीपुर सीट से ही चुनाव जीते। सिर्फ एक बार रोसड़ा से उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. रामविलास पासवान पहली बार 1977 में सांसद बने थे।

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