Noida News : संत समागम का भव्य शुभारंभ, 45वें दास धर्म संत समागम में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, संत श्री त्रिलोचन दास बोले – "ईश्वर पर विश्वास रखो और सत्कर्म करते रहो"
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📍 नोएडा, रफ़्तार टुडे। सचखंड नानक धाम में संत श्री त्रिलोचन दास जी महाराज के सानिध्य में तीन दिवसीय 45वें दास धर्म संत समागम का भव्य शुभारंभ हुआ। इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने समागम में भाग लिया और आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया।
पहले दिन का विशेष आकर्षण कलश यात्रा रही, जिसमें लगभग 1000 सुहागिन महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। साथ ही, संत श्री त्रिलोचन दास जी महाराज और गुरु माँ विभूति त्रिलोचन दास जी ने 150 बेड के मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल की नींव रखी, जिसमें गरीबों का मुफ्त इलाज किया जाएगा और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
इस संत समागम में देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु पहुंचे और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार शर्मा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
🔶 सत्संग और संत वाणी: “सत्कर्म और ईश्वर पर अटूट विश्वास ही जीवन का आधार”
समागम के दौरान संत श्री त्रिलोचन दास जी महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा:
✅ “सचखंड में तीन दिन का महाकुंभ है, जिसमें श्रद्धालु आस्था और प्रेम की डुबकी लगाकर तर जाते हैं।”
✅ “ईश्वर की कृपा जिस पर होती है, उसके लिए जीवन के कांटे भी फूल बन जाते हैं। संघर्षों से घबराने की बजाय उनका डटकर सामना करें।”
✅ “जीवन नश्वर है, लेकिन सत्कर्म ही व्यक्ति के साथ जाते हैं।”
✅ “जिसे प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, वही सच्चे अर्थों में सफल जीवन जीता है।”
संत श्री त्रिलोचन दास जी महाराज के प्रवचनों को सुनने के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे और उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान से भरपूर इस कार्यक्रम का लाभ उठाया।
🔶 सामाजिक कल्याण और धार्मिक सेवा की मिसाल: 150 बेड का अस्पताल गरीबों के लिए वरदान
समागम के दौरान संत श्री त्रिलोचन दास और गुरु माँ विभूति त्रिलोचन दास ने एक 150 बेड के आधुनिक अस्पताल की आधारशिला रखी। इस अस्पताल में –
✔️ गरीबों और जरूरतमंदों के लिए निःशुल्क इलाज की सुविधा होगी।
✔️ आधुनिक तकनीक और नवीनतम चिकित्सा उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
✔️ समाज सेवा के लिए यह अस्पताल मील का पत्थर साबित होगा।
गुरु माँ विभूति त्रिलोचन दास ने कहा कि “धर्म केवल उपदेश नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम भी होना चाहिए।” इस अस्पताल का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क और उत्तम चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है।
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🔶 आध्यात्मिक और ध्यान शिविर: ध्यान से मिलेगा आंतरिक शांति का अनुभव
इस संत समागम के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष मेडिटेशन कैंप का आयोजन भी किया गया।
📌 इसमें योग, ध्यान और आध्यात्मिक साधना पर विशेष ध्यान दिया गया।
📌 यह कैंप उन लोगों के लिए था, जो मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करना चाहते हैं।
📌 कैंप में भाग लेने वालों ने आंतरिक शांति और आत्म-साक्षात्कार का अद्भुत अनुभव किया।
यूनाइटेड किंगडम से आए हैरी दास ने बताया कि समागम में सफाई, सुरक्षा और मेडिकल सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया, ताकि सभी भक्तजन बिना किसी असुविधा के आध्यात्मिक लाभ उठा सकें।
🔶 समागम में 101 सनातनी धर्मगुरुओं का आगमन, भक्तों को मिलेगा आशीर्वाद
समागम के दूसरे दिन 101 सनातनी धर्मगुरु यहां पधारेंगे और भक्तों को आशीर्वाद देंगे। इस दौरान –
✔️ आध्यात्मिक प्रवचन होंगे, जो धार्मिक मूल्यों और मानवता की सेवा पर केंद्रित होंगे।
✔️ धार्मिक अनुष्ठान और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा।
✔️ विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं की घोषणा की जाएगी।
संत श्री त्रिलोचन दास जी महाराज ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल आध्यात्मिक शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि समाज सेवा को भी बढ़ावा देना है।”
🔶 सचखंड नानक धाम: आध्यात्मिकता और सेवा का संगम
📌 सचखंड नानक धाम संत श्री त्रिलोचन दास जी महाराज के मार्गदर्शन में सामाजिक और धार्मिक कल्याण कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
📌 यहां गरीबों की मदद, मुफ्त भोजन सेवा, चिकित्सा सहायता और आध्यात्मिक शिक्षा का कार्य वर्षों से किया जा रहा है।
📌 इस समागम के माध्यम से श्रद्धालुओं को धर्म, अध्यात्म और सेवा के महत्व से अवगत कराया जाता है।
🔶 भक्तों की भक्ति और आयोजन की भव्यता
इस पावन अवसर पर –
✔️ लाखों भक्तों ने भक्ति और श्रद्धा के साथ भाग लिया।
✔️ भव्य कलश यात्रा में 1000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।
✔️ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने इस आयोजन को वैश्विक पहचान दी।
✔️ धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक उत्थान से जुड़ी कई घोषणाएँ की गईं।
🔶 निष्कर्ष: दास धर्म संत समागम – भक्ति, सेवा और आध्यात्मिक उत्थान का पर्व
🙏 तीन दिवसीय 45वें दास धर्म संत समागम न केवल भक्ति और श्रद्धा का पर्व है, बल्कि यह सामाजिक सेवा और आध्यात्मिक उत्थान का एक अनोखा संगम भी है।
✅ यह आयोजन भक्तों के लिए आध्यात्मिक ज्ञान का खजाना साबित हो रहा है।
✅ इस दौरान शुरू किए गए सामाजिक कल्याण कार्य समाज में नई रोशनी लाने का कार्य करेंगे।
✅ ईश्वर पर विश्वास, सत्कर्म और समाज सेवा ही इस आयोजन का मुख्य संदेश है।
“ईश्वर पर विश्वास रखो, सत्कर्म करो और मानवता की सेवा में जीवन समर्पित करो।” – संत श्री त्रिलोचन दास जी महाराज
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