Sharda University News : शारदा यूनिवर्सिटी में 'सेल इमेजिंग और सॉर्टिंग' पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला!, जब देशभर के वैज्ञानिकों ने ग्रेटर नोएडा में साझा किया विज्ञान का अनुभव

📍 ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे |
शारदा विश्वविद्यालय एक बार फिर राष्ट्रीय और वैज्ञानिक फलक पर चमक उठा, जब यहां सेल इमेजिंग और सॉर्टिंग पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह भव्य आयोजन अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF), बायोमैटेरियल विकास केंद्र, जीवन विज्ञान विभाग एवं DST-FIST सुविधा के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यशाला ने देशभर के जैव-विज्ञान, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और बायोटेक्नोलॉजी से जुड़े छात्रों और वैज्ञानिकों को एक साझा मंच प्रदान किया।
उद्देश्य: विज्ञान में पारंगत शोधकर्ताओं का निर्माण
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य था— सेल इमेजिंग और सॉर्टिंग की आधुनिक तकनीकों पर प्रतिभागियों को प्रायोगिक और सैद्धांतिक प्रशिक्षण देना। इन उन्नत तकनीकों का उपयोग रोग पहचान, दवा खोज, और कोशिकीय संरचनाओं की समझ में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आयोजन युवा शोधार्थियों को वास्तविक प्रयोगशाला अनुभव देने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास रहा।
🧪 शुभारंभ – जब विज्ञान और अनुभव एकत्र हुए
कार्यशाला का उद्घाटन हुआ आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के उप सलाहकार डॉ. आर. मुरुगेश्वरन, चांसलर डॉ. सिबाराम खारा, प्रो वाइस चांसलर डॉ. परमानंद, डीन रिसर्च डॉ. भुवनेश कुमार, और डीन डॉ. बीसी त्रिपाठी की उपस्थिति में। सभी वक्ताओं ने आधुनिक शोध में इमेजिंग तकनीकों और सेल सॉर्टिंग की महत्ता पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों को अनुसंधान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
तकनीकी सत्र – ज्ञान और प्रयोग का गहरा संगम
दो दिनों तक चली इस कार्यशाला में प्रतिभागियों ने भाग लिया ऐसे महत्वपूर्ण सत्रों में, जिनमें शामिल थे:
- फ्लोरोसेंस माइक्रोस्कोपी (Fluorescence Microscopy)
- इमेज एनालिसिस सत्र (Image Analysis)
- FACS – फ्लोरोसेंस-एक्टिवेटेड सेल सॉर्टिंग
सभी सत्रों में हाई-एंड उपकरणों और विश्लेषणात्मक सॉफ्टवेयर के साथ गहन व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया गया। हैंड्स-ऑन प्रैक्टिकल सेशन्स ने प्रतिभागियों के आत्मविश्वास को बढ़ाया और उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को सशक्त किया।
प्रश्नोत्तर सत्र – खुलकर हुए वैज्ञानिक संवाद
हर तकनीकी सत्र के बाद आयोजित इंटरएक्टिव Q&A राउंड्स में छात्रों ने विशेषज्ञों से सीधे प्रश्न पूछे। इन संवादों में शोध के वर्तमान रुझान, करियर विकल्प, और डेटा एनालिसिस की बारीकियां प्रमुख विषय रहे। ये संवाद छात्रों और वैज्ञानिकों के बीच विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम बने।
समापन सत्र – आभार, प्रशंसा और प्रमाणपत्र वितरण
कार्यशाला के समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। आयोजकों ने कार्यक्रम की सफलता के लिए भारत सरकार के ANRF और DST-FIST का आभार व्यक्त किया और कहा कि शारदा विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस तरह के कौशल निर्माण और वैज्ञानिक सशक्तिकरण कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा।
विशेष उपस्थिति – विज्ञान क्षेत्र की अनुभवी हस्तियां एक मंच पर
कार्यशाला में डॉ. शिखा सिंह, डॉ. पीयूष कुमार गुप्ता, डॉ. संदीप कुमार शुक्ला, और विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के डीन व एचओडी उपस्थित रहे। इन सभी ने प्रतिभागियों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया और छात्रों को अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
शारदा विश्वविद्यालय – उच्च शिक्षा और शोध का आधुनिक केंद्र
इस आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि शारदा यूनिवर्सिटी केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि वैज्ञानिक नवाचार, प्रयोग और प्रशिक्षण का राष्ट्रीय केंद्र बन चुका है। यहां के आयोजनों में न केवल तकनीकी गुणवत्ता होती है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सहभागिता भी देखने को मिलती है।
निष्कर्ष – जब प्रयोगशाला बनी प्रेरणा की पाठशाला
‘सेल इमेजिंग और सॉर्टिंग’ पर आयोजित यह राष्ट्रीय कार्यशाला विद्यार्थियों के लिए ज्ञान, अनुभव और तकनीकी दक्षता से भरपूर रही। इसने न केवल शोध की संभावनाओं को उजागर किया, बल्कि प्रतिभागियों को एक ऐसा मंच भी प्रदान किया जहां वे भविष्य के विज्ञान नायक बनने की दिशा में पहला ठोस कदम उठा सकें।
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