Greater Noida Authority News : अल्सटोनिया सोसाइटी पर 48,800 रुपये का जुर्माना!, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बड़ा एक्शन, खुले में कूड़ा फेंकने पर सख्त चेतावनी, बोले अधिकारी- अब नहीं चलेगा ‘कूड़े’ से लापरवाही का खेल

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
स्वच्छता की राह में बाधा बनती लापरवाह सोसायटी पर आखिरकार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का गाज गिर ही गया! सेक्टर पाई-2 स्थित अल्सटोनिया सोसाइटी को खुले में कूड़ा फेंकना भारी पड़ा। 48,800 रुपये का जुर्माना लगाकर प्राधिकरण ने एक कड़ा संदेश दे दिया है – अब कूड़े के खेल में लापरवाही नहीं चलेगी!
खुले में फेंका जा रहा था कूड़ा, रोड पर बिखरे पड़े थे बैग
सोमवार को प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग की टीम जब निरीक्षण के लिए अल्सटोनिया सोसाइटी पहुंची, तो पाया गया कि वहां कूड़ा ट्रॉली में भरकर सीधे रोड किनारे फेंका जा रहा है। यह नजारा देखकर टीम ने तत्काल कार्रवाई की।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सोसायटी ने Solid Waste Management Rules 2016 के तहत तय किए गए मानकों का उल्लंघन किया है, जबकि वह Bulk Waste Generator (BWG) श्रेणी में आती है, जहां स्व-प्रबंधन अनिवार्य है।
जुर्माना देने से किया इंकार, गेट पर चस्पा हुआ नोटिस!
प्राधिकरण की टीम जब नोटिस थमाने पहुंची, तो सोसाइटी प्रबंधन ने इसे लेने से इनकार कर दिया। ऐसे में टीम ने नोटिस को सीधे सोसाइटी गेट पर चस्पा कर दिया और जुर्माना तय करते हुए 48,800 रुपये की पेनल्टी तत्काल प्रभाव से लगा दी।
3 कार्यदिवस में जुर्माना भरने का निर्देश
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि जुर्माना तीन कार्य दिवसों के अंदर जमा करना अनिवार्य है। अन्यथा, आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जरूरी हुआ तो फाइन की राशि दोगुनी भी की जा सकती है।
एसीईओ श्रीलक्ष्मी वी.एस. ने दी कड़ी चेतावनी
“सभी बल्क वेस्ट जेनरेटर यह सुनिश्चित करें कि वे स्वंय अपने कूड़े का प्रबंधन करें। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम कड़ा कदम उठाएंगे। ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ और स्मार्ट सिटी बनाने की जिम्मेदारी हम सबकी है।”
क्या हैं Solid Waste Management Rules 2016?
- हर Bulk Waste Generator (BWG) यानी बड़ी हाउसिंग सोसाइटी, होटल, कमर्शियल बिल्डिंग को अपने स्तर पर कूड़े का पृथक्करण और निस्तारण करना अनिवार्य है।
- खुले में कूड़ा फेंकना दंडनीय अपराध है।
- गीले-सूखे कचरे का अलग प्रबंधन और कंपोस्टिंग की व्यवस्था जरूरी है।
- प्राधिकरण से केवल अंतिम संग्रहण की अनुमति होती है, निर्माण स्थल या सोसायटी प्रांगण में कचरा फैलाना अपराध है।
अब बारी बाकी सोसाइटीज की!
प्राधिकरण अब सिर्फ अल्सटोनिया पर नहीं रुकेगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम अन्य सोसाइटीज़ का भी कड़ा निरीक्षण कर रही है। यदि कहीं भी खुले में कचरा फेंकना, अव्यवस्थित निस्तारण या गैर-जिम्मेदार प्रबंधन पाया गया, तो जुर्माना लगेगा और कानूनी एक्शन भी संभव है।
क्या करें सोसाइटी प्रबंधन?
- अपने परिसर में कूड़ा संग्रहण और पृथक्करण केंद्र बनाएं
- हर फ्लैट से गीला-सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित करें
- कंपोस्टिंग यूनिट लगाएं या मान्यता प्राप्त प्रोसेसर से समझौता करें
- प्राधिकरण के बनाए एसडब्ल्यूएम नॉर्म्स का पालन करें
- निवासियों को भी जागरूकता अभियान से जोड़े
जुर्माना ही नहीं, प्रतिष्ठा का भी नुकसान
किसी भी सोसाइटी के लिए जुर्माना सिर्फ आर्थिक बोझ नहीं, बल्कि उसकी छवि पर भी धब्बा होता है। ऐसी कार्यवाही से सोसाइटी के विश्वसनीयता स्कोर पर भी असर पड़ता है, जिससे रियल एस्टेट में उसका मूल्यांकन घट सकता है।
रफ़्तार टुडे की राय
ग्रेटर नोएडा जैसे विकसित शहर में स्मार्ट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट उतना ही जरूरी है जितना स्मार्ट रोड और इमारतें। जब तक हर नागरिक और संस्था स्वच्छता को जिम्मेदारी नहीं समझेगी, तब तक कोई भी मिशन सफल नहीं हो सकता।
📌 निष्कर्ष
अल्सटोनिया पर जुर्माना सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि पूरे शहर के लिए एक चेतावनी है। अब वक्त है कि हाउसिंग सोसाइटीज कूड़े के मामले में लापरवाह रवैया छोड़ें और व्यवस्थित कूड़ा प्रबंधन प्रणाली अपनाएं। अन्यथा, अगली बारी किसी और की हो सकती है।
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