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BJP Gautam Buddh Nagar News: भाजपा में अनुशासन और विचारधारा पर जोर, पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं का सम्मान, सपा, कांग्रेस, बसपा छोड़ आए नए नेताओं की अनुशासनहीनता

सोशल मीडिया पर निकाला दर्द एक कार्यकर्ता का कहां ऐसे नेताओं पर कार्रवाई हो जो पार्टी की नहीं हो सकते वह किसी की नहीं हो सकते उन्हें टिकट चाहिए और अपना काम चलना चाहिए वह केवल सत्ता के हैं सत्ता सपा की होगी तो वह सपा के है। और बसपा की सत्ता होगी तो बसपा के है और कांग्रेस की सत्ता होगी तो उसे कांग्रेस के हैं ऐसे कार्यकर्ताओं से बचना चाहिए और हमें पुराने भाजपा नेताओं व कार्यकर्ता को सम्मान देना चाहिए।

भाजपा की नई चुनौती: पुराने नेताओं की वफादारी बनाम नए नेताओं (सपा, कांग्रेस, बसपा) की अनुशासनहीनता, सोशल मीडिया पर निकाला दर्द एक कार्यकर्ता का, कहां ऐसे नेताओं पर कार्रवाई हो जो पार्टी की नहीं हो सकते

लखनऊ, रफ्तार टुडे। भाजपा के भीतर हाल ही में एक नई चुनौती सामने आई है, जो पार्टी के पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं की वफादारी और नए सदस्यों की अनुशासनहीनता के बीच संतुलन बनाए रखने की है। पुराने नेता और कार्यकर्ता जहां पार्टी की विचारधारा और अनुशासन के प्रति समर्पित हैं, वहीं सपा और बसपा से आए नए सदस्य अपनी व्यक्तिगत एजेंडा चलाने में लगे हुए हैं। यह स्थिति पार्टी के भीतर गंभीर चिंताओं को जन्म दे रही है।

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सोशल मीडिया पर निकाला दर्द एक कार्यकर्ता का कहां ऐसे नेताओं पर कार्रवाई हो जो पार्टी की नहीं हो सकते वह किसी की नहीं हो सकते उन्हें टिकट चाहिए और अपना काम चलना चाहिए वह केवल सत्ता के हैं सत्ता सपा की होगी तो वह सपा के है। और बसपा की सत्ता होगी तो बसपा के है और कांग्रेस की सत्ता होगी तो उसे कांग्रेस के हैं ऐसे कार्यकर्ताओं से बचना चाहिए और हमें पुराने भाजपा नेताओं व कार्यकर्ता को सम्मान देना चाहिए।

नए सदस्यों को मिलनी चाहिए कार्यकर्ता का अनुभव

  • अनुभव की अहमियत: पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि सपा और बसपा छोड़कर आए नए सदस्यों को भाजपा की विचारधारा और अनुशासन को समझने के लिए कम से कम 10-15 साल तक कार्यकर्ता के रूप में काम करना चाहिए। इससे वे पार्टी के नीतियों और सिद्धांतों का गहरा अनुभव हासिल कर सकेंगे।
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  • तत्काल टिकट का विरोध: भाजपा के पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि नए सदस्यों को तुरंत चुनावी टिकट देने से पार्टी की वफादारी और अनुशासन प्रभावित होता है। इसलिए, टिकट देने से पहले नए सदस्यों को पार्टी की सेवा में पर्याप्त समय बिताना चाहिए।

अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई की मांग

  • कड़ी अनुशासन: जो नए सदस्य पार्टी की विचारधारा और अनुशासन का पालन नहीं करते, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यदि आवश्यक हो, तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना ही उचित होगा।
  • विचारधारा का पालन: पार्टी के भीतर उन्हीं नेताओं को स्थान मिलना चाहिए, जो भाजपा की विचारधारा से जुड़े हुए हैं और उसकी नीतियों का पालन करते हैं।
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चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता

  • प्रत्याशी मॉनिटरिंग: आगामी विधानसभा चुनावों में प्रत्येक प्रत्याशी के क्षेत्र की मॉनिटरिंग की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि मॉनिटरिंग निष्पक्ष हो और उम्मीदवार के खिलाफ सही रिपोर्टिंग हो सके।
  • क्षेत्र विकास पर ध्यान: कुछ प्रत्याशी अपने व्यक्तिगत विकास पर ध्यान देते हैं और क्षेत्र के विकास की परवाह नहीं करते। ऐसे प्रत्याशियों पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

भाजपा को अपनी विचारधारा और अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। नए सदस्यों को पार्टी की सेवा में पर्याप्त समय बिताने और कार्यकर्ता के रूप में अनुभव हासिल करने की आवश्यकता है, तभी वे पार्टी के प्रति वफादार रह सकते हैं।

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