ग्रेटर नोएडाअथॉरिटीउत्तर प्रदेश

Breaking News : सिंचाई विभाग का बड़ा घोटाला, 5 करोड़ की सफाई के नाम पर 10, 10 लाख मोहरबंद टैंडर में निपटा काम, ग्रेटर नोएडा की जनता को लगाया गया चूना!

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। उत्तर प्रदेश में विकास और पारदर्शिता की बातें करने वाली सरकार के तहत ग्रेटर नोएडा में सिंचाई विभाग और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के फाइनेंस विभाग ने नाले की सफाई के नाम पर करोड़ों का घोटाला कर दिया। 9.25 किलोमीटर लंबे हवेलियां ड्रेन नाले की सफाई के लिए 5 करोड़ रुपये का भारी-भरकम टेंडर निकाला गया, लेकिन हकीकत में काम केवल 10 लाख रुपये में ऑफलाइन पेटी कॉन्ट्रैक्ट के जरिए निपटा दिया गया।


कैसे खेला गया यह बड़ा खेल?

फर्जी कागजी सफाई: नाले की सफाई का काम केवल कागजों में पूरा दिखाया गया। हकीकत में केवल एक पोकलेन मशीन से मामूली सफाई की गई। और उसके बाद रोड का निर्माण कार्य किया जाएगा।

पेटी कॉन्ट्रैक्ट का खेल: सफाई कार्य को छोटे-छोटे 10 लाख रुपये के ऑफलाइन टेंडर में बांट दिया गया। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शिता के खिलाफ थी।

करोड़ों का गबन: ठेकेदार और अधिकारियों ने मिलीभगत से 5 करोड़ रुपये के सरकारी फंड का गबन कर लिया।


जमीनी हकीकत और स्थानीय निवासियों की नाराजगी

ग्रेटर नोएडा के निवासियों का कहना है कि नाले की सफाई पूरी तरह से दिखावा है। मानसून के दौरान जलभराव की समस्या जस की तस बनी हुई है। सफाई के अभाव में नाले में गंदगी और रुकावटें बनी हुई हैं, जो जलनिकासी की प्रक्रिया को बाधित कर रही हैं।

निवासियों ने साफ कहा कि अगर यह घोटाला ऐसे ही चलता रहा, तो भविष्य में जलभराव से क्षेत्र के विकास को बड़ा नुकसान हो सकता है।


मोदी और योगी सरकार की योजनाओं पर दाग

इस घोटाले ने केंद्र और राज्य सरकार की विकास और पारदर्शिता की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बड़ी रकम का गबन: जनता की गाढ़ी कमाई से भरे सरकारी खजाने से निकाले गए करोड़ों रुपये कहां गए?

सरकारी मशीनरी पर सवाल: यह मामला सरकार की नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है।


स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत

निवासियों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर घोटाले को अंजाम दिया।

कागजी सफाई पर फर्जी बिल: सफाई का कार्य पूरा दिखाकर बड़े-बड़े फर्जी बिल बनाए गए।

फाइनेंस विभाग की भूमिका: फाइनेंस विभाग ने भी इस घोटाले में सक्रिय भूमिका निभाई।


सरकार से जांच की मांग

स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

जांच समिति का गठन: निवासियों का कहना है कि इस घोटाले की जांच एक स्वतंत्र समिति द्वारा की जानी चाहिए।

दोषियों पर कार्रवाई: जिन अधिकारियों और ठेकेदारों ने इस घोटाले को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।

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क्या होंगे घोटाले के परिणाम?

इस घोटाले से न केवल सरकार की साख पर बट्टा लगा है, बल्कि जनता के विश्वास को भी ठेस पहुंची है।।अगर दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तो ऐसे घोटाले भविष्य में और बढ़ सकते हैं।

यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और कैसे अपनी छवि को सुधारती है।


क्या कहती है जनता?

ग्रेटर नोएडा की जनता अब इस मामले को लेकर जागरूक हो गई है। लोगों का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द ही कार्रवाई नहीं की, तो बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।


AXN सिंचाई विभाग अधिकारी का बयान

AXN सिंचाई विभाग अधिकारी का जबर रफ़्तार टुडे के संवादाता ने फोन किया गया था उन्होंने फोन नहीं उठाया और जब हमने उसके नंबर पर Msg किया था उनका फोन आया और उन्होंने कहा कि आप मेरा ऑफिस पर आ जाइए गाजियाबाद, मैं यहां बता दूंगा आपको, फोन पर नहीं बताऊंगा

क्या यह घोटाला सरकार के विकास कार्यों पर सवाल खड़े करेगा, या दोषियों पर कार्रवाई कर सरकार अपनी साख बचाएगी? यह समय ही बताएगा।


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