स्वास्थ्यग्रेटर नोएडा

Yatharth Hospital Cancer News : यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने रोबोटिक सर्जरी और एबीओ-इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता को साझा किया, पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज में रोबोटिक सर्जरी, स्वास्थ्य सेवाओं में नया युग

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे। स्वास्थ्य सेवाओं में अत्याधुनिक तकनीकों के प्रयोग से असंभव को संभव बनाने का प्रयास लगातार जारी है। इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा के यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने पैंक्रियाटिक कैंसर और किडनी ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों को उजागर करने के लिए एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में अस्पताल के विशेषज्ञों ने जटिल रोगों के इलाज में नई तकनीकों के प्रभाव और सफलता की कहानियां साझा कीं।


पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज में रोबोटिक सर्जरी: सटीकता और सफलता का मेल

पैंक्रियाटिक कैंसर, जिसे सबसे घातक कैंसर में गिना जाता है, के इलाज में सटीकता और कम जोखिम की आवश्यकता होती है। इस सत्र में डॉ. नीरज चौधरी (डायरेक्टर, जीआई सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट) ने बताया कि कैसे रोबोटिक सर्जरी ने सर्जिकल प्रक्रियाओं में क्रांति ला दी है।

उन्होंने कहा:

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी में रोबोटिक्स ने हमें ऐसी सटीकता प्रदान की है, जो पहले असंभव लगती थी। पैंक्रियाटिक कैंसर के मरीजों के लिए यह तकनीक बेहतर ट्यूमर हटाने और सर्जरी के बाद जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में मददगार है।”

डॉ. चौधरी ने एक जटिल केस का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे रोबोटिक तकनीक से एक पैंक्रियाटिक कैंसर मरीज की सर्जरी को सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया। यह केस इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक तकनीक किस हद तक चिकित्सा क्षेत्र में सुधार ला सकती है।


एबीओ-इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट: ब्लड ग्रुप बाधा को तोड़ने की सफलता

किडनी ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में ब्लड ग्रुप की असमानता सबसे बड़ी बाधा रही है। लेकिन यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने इस बाधा को पार करते हुए एबीओ-इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट को संभव बनाया है।

डॉ. दुष्यंत नादर (डायरेक्टर, यूरोलॉजी, रोबोटिक्स और किडनी ट्रांसप्लांट) ने बताया:

“नई इम्यूनोथेरेपी तकनीक और उन्नत रोबोटिक्स ने एबीओ-इनकंपैटिबल ट्रांसप्लांट को एक वास्तविकता बना दिया है। यह उन मरीजों के लिए एक नई उम्मीद है, जिनके पास ब्लड ग्रुप मिलान के विकल्प सीमित थे।”

उन्होंने 45 वर्षीय एक मरीज का उदाहरण दिया, जिसका किडनी ट्रांसप्लांट एक इनकंपैटिबल ब्लड ग्रुप वाले डोनर से सफलतापूर्वक किया गया। यह केस चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।


नेफ्रोलॉजी की भूमिका और मरीजों की समग्र देखभाल

डॉ. अनिल प्रसाद भंडारी (कंसल्टेंट, रेनल साइंसेज एवं नेफ्रोलॉजी) ने किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए नेफ्रोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा:

“किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता सिर्फ सर्जरी तक सीमित नहीं है। यह नेफ्रोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल के समन्वय पर आधारित है।”

डॉ. भंडारी ने यह भी बताया कि समय पर किडनी की बीमारी का पता लगाकर और उचित उपचार शुरू करके डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की जरूरत को रोका जा सकता है।


जागरूकता सत्र का उद्देश्य और महत्व

इस सत्र का मुख्य उद्देश्य आम जनता को इन जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं के लाभों और संभावनाओं के बारे में जागरूक करना था। प्रतिभागियों को रोबोटिक सर्जरी और एबीओ-इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट के फायदे सरल भाषा में समझाए गए।


यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल: चिकित्सा नवाचार का केंद्र

यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने अपने अत्याधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञता के जरिए चिकित्सा के हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है। अस्पताल ने शोध, नवाचार और रोगी-केंद्रित देखभाल में उत्कृष्टता हासिल कर दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है।


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