नोएडा सिग्नल फ्री प्रॉजेक्ट अटकने पर सीईओ रितु माहेश्वरी का पारा हाई, कंपनी पर 10 लाख जुर्माने की कार्रवाई
नोएडा, रफ्तार टुडे।
नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ने सेक्टर-62 से 71 तक अचानक निरीक्षण किया तो चारों तरफ अव्यवस्था दिखी। इस पर उन्होंने निर्माण एजेंसी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना और ब्लैक लिस्ट की करने चेतावनी तक दे दी। वहीं सेक्टर-44 में रीसर्फेसिंग में गुणवत्ता सही नहीं मिलने पर एजेंसी पर 10 लाख जुर्माना और मैनेजर के साथ सीनियर मैनेजर को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के लिए कहा।
नोएडा में फंसे पड़े सिग्नल फ्री सड़क प्रॉजेक्ट पर कार्रवाई का सिग्नल ग्रीन हो गया है। अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी सोमवार को शहर के निरीक्षण पर निकली थीं। सीईओ ने सेक्टर-62 से 71 के बीच सिग्नल फ्री रोड के प्रॉजेक्ट को देखा। यहां पर सेक्टर-59 मेट्रो स्टेशन के पास यू-टर्न को ट्रैफिक सेल ने बंद कराया हुआ है। सड़क चौड़ी करने का काम चल रहा है, उसकी गुणवत्ता के साथ पूरे प्रॉजेक्ट में अव्यवस्था देख सीईओ ने नाराजगी जताई। मौके पर ही निर्देश दे दिया कि एजेंसी पर 10 लाख रुपये जुर्माना काम में देरी पर लगाया जाए। आगे एजेंसी को ब्लैकलिस्ट किया जाए, इसका नोटिस जारी हो। साथ ही ट्रैफिक सेल के सीनियर मैनेजर को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए और एई के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि सिग्नल फ्री प्रॉजेक्ट में तीन सड़कों का चयन वर्ष-2021 में अथॉरिटी ने किया था। 9 करोड़ 75 लाख रुपये का बजट पास हुआ था। सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट से डीपीआर तैयार करवाकर काम ट्रैफिक सेल ने शुरू भी करवा दिया था। लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है। सेक्टर-16 रजनीगंधा चौराहे से लेकर सेक्टर-56 टी पॉइंट (एमपी-1 रोड), डीएससी रोड, सेक्टर-62 गोल चक्कर से 71 चौराहा तीनों सड़कों का काम अधूरा पड़ा हुआ है। तीन से 4 महीने की इन सड़कों के काम पूरे होने थे।
यू-टर्न बना ट्रैफिक का कारण
सीईओ सोमवार को टीम के साथ सेक्टर-62 तक निरीक्षण पर गई थीं। सेक्टर-62 गोल चक्कर से 71 चौराहे तक की सड़क पर जनवरी -2022 में नोएडा अथॉरिटी ने काम शुरू करवाया था। यहां पहले से बने यू-टर्न का घेरा सड़क पर बढ़ा दिया गया। नतीजा ये हुआ कि इनसे ट्रैफिक फंसने लगा। फिर यहां तोड़फोड़ कर लीपापोती हो रही है। 1 करोड़ 60 लाख रुपये का यह प्रॉजेक्ट है। जनवरी-2022 में शुरू हुआ था। 4 महीने में काम पूरा होना था। पहले बनवाए गए यू-टर्न पर अब फिर से तोड़फोड़ शुरू कर दी गई है। सेक्टर-59 यू-टर्न बंद कर दिया गया है।
सीईओ ने वर्क सर्कल-1, 2, 3, 4, 5 के अलावा जनस्वास्थ्य विभाग-1 व 2 में साफ-सफाई का निरीक्षण किया। सेक्टर-44 में रीसर्फेसिंग के काम में देरी और कमी पाए जाने पर एजेंसी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए ब्लैक लिस्ट करने के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इस मामले में एई को हटाने और साथ में मैनेजर और सीनियर मैनेजर को प्रतिकूल प्रविष्टि के निर्देश दिए। सेक्टर-48 में पटरियों में घास उगी हुई थी। इस मामले में एजेंसी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। सेक्टर-46/48 की ग्रीन बेल्ट में गंदगी मिलने पर एजेंसी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए ब्लैक लिस्ट करने के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। डीडी-2 को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के लिए कहा।
कई लोगों पर हुई कार्रवाई
सेक्टर-33 में मुख्य सिंचाई नाले में गंदगी मिली। इसको तुरंत साफ करने और ठेकेदार की कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना देने के निर्देश दिए। सेक्टर-34 में नाली साफ नहीं मिलने पर लेबर का एक सप्ताह का वेतन काटने, सुपरवाइजर को निलंबित करने के निर्देश सीईओ दिए। सेक्टर-58 में बनाए गए वेंडर जोन के व्यवस्थित नहीं पाए जाने पर एई को हटाने और सीनियर मैनजर व मैनेजर को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के निर्देश दिए।