गाजियाबाद, रफ़्तार टुडे। गाजियाबाद जिला अदालत में मंगलवार को जिला जज अनिल कुमार के एक फैसले को लेकर वकीलों और पुलिस के बीच गहमागहमी के बाद विवाद इतना बढ़ गया कि बात झड़प और लाठीचार्ज तक पहुंच गई। वकीलों का आरोप है कि जज अनिल कुमार धोखाधड़ी के आरोपियों को बिना पूरी सुनवाई के जमानत देने की कोशिश कर रहे थे। जब वकीलों ने इसका विरोध किया, तो जज ने पुलिस को बुलाकर लाठीचार्ज का आदेश दे दिया। इस घटना में कई वकील घायल हो गए और हालात इतने बिगड़ गए कि वकीलों ने जज का बहिष्कार करने का फैसला लिया और धरने का एलान कर दिया।
अदालत में बढ़ा तनाव: जज के फैसले पर वकीलों की नाराजगी, पुलिस की हस्तक्षेप के बाद बिगड़े हालात
मंगलवार दोपहर 12 बजे के आसपास गाजियाबाद जिला अदालत में एक धोखाधड़ी के मामले की सुनवाई के दौरान माहौल गर्म हो गया। मामला डासना में एमएलसी की जमीन से जुड़ा हुआ है, जिसमें आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता से 80 लाख रुपये लेकर जमीन का सौदा किया, लेकिन बाद में धोखाधड़ी की। जब इस मामले की अग्रिम जमानत की सुनवाई जिला जज अनिल कुमार के सामने चल रही थी, तो वकीलों ने जमानत देने के फैसले का कड़ा विरोध किया। दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक इतनी बढ़ गई कि अदालत में हंगामा होने लगा।
वकीलों का आरोप: जज पर धोखाधड़ी के आरोपियों को बचाने का आरोप, पुलिस लाठीचार्ज में कई वकील घायल
इस घटना के बाद बार सभागार में वकीलों की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें वकीलों ने जिला जज का बहिष्कार करने का फैसला किया। वरिष्ठ अधिवक्ता नाहर सिंह यादव ने आरोप लगाया कि जिला जज अनिल कुमार ने बिना उचित सुनवाई के धोखाधड़ी के आरोपियों को जमानत देने की कोशिश की। वकील नाहर सिंह का कहना है कि जब उन्होंने इस फैसले का विरोध किया, तो जज ने पुलिस को बुला लिया और लाठीचार्ज का आदेश दे दिया। इस लाठीचार्ज में कई वकील घायल हो गए, जिनमें नाहर सिंह यादव भी शामिल हैं। वकीलों ने इस पूरे मामले में जज की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
कचहरी पुलिस चौकी में हंगामा, तोड़फोड़ और बढ़ती अशांति
जिला जज की अदालत में शुरू हुआ विवाद तब और बढ़ गया, जब पुलिस ने वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की। पुलिस की सख्ती के बाद कुछ वकील कचहरी परिसर में स्थित पुलिस चौकी पर पहुंच गए और वहां हंगामा करने लगे। पुलिस चौकी पर तोड़फोड़ की गई, जहां डीवीआर, मेटल डिटेक्टर और अन्य सामान को नुकसान पहुंचाया गया। इस तोड़फोड़ के बाद पुलिसकर्मी भी वहां से स्थिति को संभालने के बजाय भागने को मजबूर हो गए। अदालत परिसर में इस प्रकार की स्थिति ने गाजियाबाद जिले की न्यायिक प्रणाली पर एक सवाल खड़ा कर दिया है।
वीडियो फुटेज में दिखा पुलिस का लाठीचार्ज: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वीडियो
गाजियाबाद अदालत में हुए इस बवाल और लाठीचार्ज का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि पुलिसकर्मी वकीलों पर लाठियां बरसा रहे हैं और माहौल अत्यधिक तनावपूर्ण है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस की इस कार्रवाई की काफी आलोचना हो रही है, और न्यायालय में कानून के रखवालों के बीच हो रही इस झड़प ने जिले के प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए हैं।
वकीलों ने किया धरने का एलान: जज का बहिष्कार और संघर्ष की चेतावनी
इस घटना के बाद बार सभागार में वकीलों की मीटिंग हुई, जिसमें जिला जज के बहिष्कार और धरना प्रदर्शन का ऐलान किया गया। वकीलों ने कहा कि जब तक जिला जज अनिल कुमार को उनके पद से हटाया नहीं जाता, वे अपना विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। यह मामला न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
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