📍 दादरी, रफ़्तार टुडे। दादरी के कैलाशपुर गाँव में दलित समाज की बहू कोमल और उनके गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले में अब तक किसी भी प्रशासनिक कार्रवाई न होने से नाराज पीड़ित परिवार ने समाजवादी पार्टी युवजनसभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अक्षय भाटी के नेतृत्व में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) से मुलाकात की।
➡️ सीएमओ ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, जल्द होगी सख्त कार्रवाई
➡️ परिवार का आरोप – डॉक्टर की लापरवाही से गई दो जिंदगियां
➡️ समाजवादी पार्टी ने दी चेतावनी – न्याय न मिलने पर होगा बड़ा आंदोलन
👩⚕️ क्या है पूरा मामला?
गाँव कैलाशपुर निवासी 27 वर्षीय कोमल, जो एक शिक्षिका थीं, अपनी दूसरी संतान के जन्म के लिए दादरी के कृष्णा हॉस्पिटल में भर्ती हुई थीं। उनके पहले से एक 4 साल का बच्चा भी है। परिवार का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर की लापरवाही के कारण कोमल और उनके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।
परिजनों के अनुसार –
📌 2 जनवरी, रात 8 बजे – डॉक्टरों ने डिलीवरी का समय दिया था, परिवार ने शाम 6 बजे ही अस्पताल में एडमिट करवा दिया।
📌 रात 2 बजे – दूसरे मरीजों ने परिवार को बताया कि कोमल की हालत बिगड़ रही है।
📌 परिवार ने डॉक्टर से ऑपरेशन करने का आग्रह किया, लेकिन अस्पताल ने पर्याप्त साधन और विशेषज्ञ डॉक्टर न होने की जानकारी नहीं दी।
📌 सुबह 6 बजे – जब कोमल की हालत गंभीर हो गई, तब डॉक्टरों ने दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए कहा।
📌 दूसरे अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने बताया कि ज़बरदस्ती की वजह से बच्चे की मौत हो गई और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण कोमल भी नहीं बच सकी।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने कोमल के साथ ज़बरदस्ती डिलीवरी कराने की कोशिश की, जिससे उनकी अत्यधिक ब्लीडिंग हुई और मां-बच्चे दोनों की मौत हो गई।
💬 अक्षय भाटी बोले – दोषियों पर हो कड़ी कार्रवाई, नहीं तो होगा आंदोलन
समाजवादी पार्टी युवजनसभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अक्षय भाटी ने कहा कि “यह सिर्फ़ कोमल की नहीं, बल्कि हर उस महिला की लड़ाई है, जो अस्पतालों की लापरवाही का शिकार होती हैं।”
📌 उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो समाजवादी पार्टी उग्र आंदोलन करेगी।
📌 उन्होंने सीएमओ से मिलकर माँग रखी कि अस्पताल प्रशासन पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिले।
⚖️ प्रशासन का रुख – क्या होगा अगला कदम?
🗣️ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने कहा कि
✔️ मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
✔️ अस्पताल की लापरवाही साबित होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
✔️ परिवार की शिकायत पर जल्द से जल्द रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा।
📌 सवाल जो उठ रहे हैं
❓ अस्पताल में ऑपरेशन की सुविधा न होते हुए भी मरीज को क्यों भर्ती किया गया?
❓ क्यों नहीं समय पर कोमल को दूसरे अस्पताल रेफर किया गया?
❓ क्या अस्पताल प्रशासन को बचाने की कोशिश हो रही है?
❓ मृतक के परिवार को मुआवजा कब मिलेगा?
👁️🗨️ निष्कर्ष
📢 कोमल और उनके गर्भस्थ शिशु की मौत प्रशासन की लापरवाही और अस्पताल की गैर-जिम्मेदाराना हरकत का परिणाम मानी जा रही है।
📢 अब पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए राजनीतिक दलों ने भी मोर्चा खोल दिया है।
📢 अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो इस मामले में बड़ा आंदोलन हो सकता है।
रफ़्तार टुडे इस मुद्दे पर लगातार नजर बनाए रखेगा।
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