Dadri Ambuja News : प्लास्टिक को हराओ, पर्यावरण बचाओ!, अंबुजा सीमेंट, दादरी में विश्व पर्यावरण सप्ताह में जागरूकता, जोश और जुनून का अद्भुत संगम!

दादरी, रफ़्तार टुडे।।
जब बात हो पर्यावरण की सुरक्षा की और प्लास्टिक प्रदूषण जैसी वैश्विक समस्या से लड़ने की, तो जिम्मेदार संस्थान कभी पीछे नहीं रहते। ऐसा ही उदाहरण पेश किया अंबुजा सीमेंट लिमिटेड की दादरी इकाई ने, जहां विश्व पर्यावरण दिवस 2025 केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि यह एक सप्ताह भर चलने वाला जन-जागरण अभियान बन गया।
थीम थी – “प्लास्टिक प्रदूषण को हराएं”, और इसे केवल नारों तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि कर्मों से निभाया गया।
सप्ताह भर चला ‘पर्यावरण संकल्प महोत्सव’, गतिविधियों में दिखा कर्मचारियों का उत्साह!
दादरी इकाई ने केवल 5 जून को ही नहीं, बल्कि पूरे सप्ताह को “पर्यावरण संकल्प सप्ताह” के रूप में मनाया।
इस दौरान कर्मचारियों, अधिकारियों, मैनेजमेंट टीम और स्थानीय निवासियों को शामिल कर कई ज्ञानवर्धक और रचनात्मक गतिविधियां आयोजित की गईं।
- पैकिंग प्लांट में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता:
यह गतिविधि केवल जानकारी बढ़ाने तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें भाग लेने वालों ने प्लास्टिक के उपयोग, उसके प्रभाव और समाधान के तकनीकी पहलुओं को गहराई से समझा। - पोस्टर और बैनर प्रतियोगिता:
यह प्रतियोगिता हर उम्र और हर विभाग के कर्मचारियों में लोकप्रिय रही। ब्रश और रंगों के ज़रिए लोगों ने “Say No to Plastic”, “Reuse-Recycle-Respect”, “Go Green” जैसे संदेशों को चित्रों में ढाला।
रचनात्मकता बनी बदलाव की भाषा – हर पोस्टर में छुपा था एक सामाजिक संदेश!
पोस्टर और बैनर प्रतियोगिता में कुछ रचनाएं इतनी प्रभावशाली थीं कि मूक चित्रों ने भी जोरदार भाषण जैसा असर छोड़ा।
कर्मचारी राजेश कुमार द्वारा बनाए गए पोस्टर में एक पृथ्वी को प्लास्टिक के जाल में फंसा दिखाया गया था, जिसके नीचे लिखा था – “Break the Trap – Save the Planet!”
वहीं, अंजलि शर्मा द्वारा बनाए गए बैनर में दिखाया गया कि किस प्रकार एक बच्चा सिंगल यूज़ प्लास्टिक छोड़कर एक मटके से पानी पी रहा है – एक छोटा कदम, बड़ा संदेश!
शिक्षा के साथ संदेश – पर्यावरण पर आधारित कार्यशालाएं भी रही खास आकर्षण का केंद्र!
पर्यावरण सप्ताह के दौरान सूचना-सत्र (Information Sessions) का भी आयोजन हुआ।
इन सत्रों में पर्यावरण विशेषज्ञों ने बताया कि:
- हर साल लगभग 40 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है।
- इसमें से सिर्फ 9% ही रीसायकल हो पाता है।
- प्लास्टिक का कचरा समुद्री जीवन, हवा, पानी और मिट्टी सभी को नुकसान पहुंचा रहा है।
विशेषज्ञों ने सस्टेनेबल जीवनशैली, हरित निर्माण (Green Construction) और ‘जीरो वेस्ट’ पॉलिसी जैसे विषयों पर भी चर्चा की।
अंबुजा ने दिखाई जिम्मेदारी – CSR पहल के तहत किया पौधारोपण
5 जून को, यानी विश्व पर्यावरण दिवस के मुख्य दिन, अंबुजा सीमेंट के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सामूहिक पौधारोपण किया।
दादरी प्लांट के आसपास स्थित ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में 300 से अधिक पौधे लगाए गए, जिनमें नीम, पीपल, गुलमोहर, अमलतास जैसी प्रजातियां शामिल थीं।
CSR हेड ने बताया:
“यह पौधारोपण एक प्रतीक नहीं, एक प्रतिज्ञा है। हमारी आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ हवा, साफ पानी और हरियाली देने की हमारी जिम्मेदारी है।“
प्रबंधन की ओर से प्रेरणादायक संदेश – पर्यावरण के लिए एकजुट होने की पुकार
अंबुजा सीमेंट दादरी के यूनिट हेड श्री आलोक त्रिपाठी ने कहा –
“हम उत्पादन के साथ-साथ सतत विकास और पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए भी कटिबद्ध हैं। प्लास्टिक से जुड़ी समस्याएं अब रुकने का नाम नहीं ले रहीं। ऐसे में हर नागरिक, हर उद्योग और हर बच्चे को आगे आना होगा।“
वहीं पर्यावरण विभाग के प्रमुख श्री शैलेश सिन्हा ने बताया कि अंबुजा सीमेंट में Waste Heat Recovery System, Water Recycling Units, और Dust Suppression Technologies जैसी इको-फ्रेंडली तकनीकों को पहले से ही अपनाया जा चुका है।
स्थानीय समुदाय की भागीदारी भी रही उल्लेखनीय
सिर्फ कंपनी के कर्मचारी ही नहीं, बल्कि दादरी के आसपास के गांवों के ग्रामीण, स्कूल के बच्चे और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस समारोह का हिस्सा बने।
स्कूलों में बच्चों ने ‘बोलते पोस्टर’ प्रतियोगिता, निबंध लेखन, और ग्रीन ड्रेस अप शो में भाग लिया।
ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने कहा –
“यदि हर उद्योग अंबुजा जैसी सोच रखे, तो गांवों की तकदीर बदल सकती है।“
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी चला जागरूकता अभियान – वायरल हुए पर्यावरण संदेश
अंबुजा सीमेंट ने सोशल मीडिया पर #BeatPlasticPollution अभियान भी चलाया।
कंपनी के इंस्टाग्राम, लिंक्डइन और फेसबुक पेज पर प्रतिदिन एक जागरूकता पोस्ट साझा की गई।
इससे जुड़े हैशटैग थे:
- #PlasticFreeAmbuja
- #GreenAmbuja
- #SustainableDadra
- #AmbujaCares
- #EcoFriendlyFactory
✅ निष्कर्ष: पर्यावरण प्रेम का यह सप्ताह बना ‘हरियाली की एक स्थायी पहल’
अंबुजा सीमेंट दादरी का यह आयोजन एक बार फिर यह साबित करता है कि यदि हर कंपनी अपने दायित्वों को समझे, तो न केवल पर्यावरण बचेगा बल्कि समाज भी जागरूक होगा।
प्लास्टिक से लड़ाई, पेड़-पौधों से दोस्ती, और हर कर्मचारी की भागीदारी ने इस आयोजन को केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हरियाली की चेतना में बदल दिया।
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