पंजाब सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से कर रही है काम, दहेजबन्दी और नशामुक्ति के खिलाफ अभियान चलाने की आवश्यकताः डा दिनेश शर्मा
सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र मे कर रही है सराहनीय कार्य, ब्राह्मण अपने लिए कम और समाज के लिए अधिक करता है काम – डॉ महेश शर्मा
पुरोहितों की बेहतरी के लिए बोर्ड बनाने के मुख्यमंत्री के प्रस्तावित निर्णय से उनके जीवन में बदलाव आना निश्चित
लखनऊ/गौतमबुद्धनगर, रफ्तार टुडे। उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही है तथा कानूनी प्रक्रिया का भी सही तरीके से पालन नही कर रही है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि तेजिन्दरपाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी में उस सामान्य प्रक्रिया का भी अनुपालन नही किया गया जिसके अनुसार दूसरे राज्य में किसी की गिरफ्तारी करने आई पुलिस को संबंधित थाना क्षेत्र को अपने आगमन और कारण की सूचना देनी होती है।उनका कहना था कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता को आनेवाले चुनाव में जनता तक इस संदेश को पहुंचाना है कि उनकी पार्टी प्रजातांत्रिक मूल्यों एवं व्यवस्था का अनुपालन करने के लिए संकल्पित है।
सरकार शिक्षा,स्वास्थ्य एवं सुरक्षा समेत सभी क्षेत्रों में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि हाल के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सफलता से कार्यकर्ता अति उत्साहित है। कार्यकर्ता के उत्साह को दिशा देकर उसे आनेवाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहने की भी जरूरत है।
भगवान परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित विशाल कार्यक्रम में बोलते हुए दादरी नोएडा में पूर्व उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि देवतुल्य वह होता है जिसमें अच्छे संस्कार हों , सत्य हो , आचरण हो तथा जो सदगुणों से भरा हुआ हो। सामान्यता ब्राह्मण संत प्रकृति का होता है क्योंकि वह अपने लिए कम और समाज के लिए अधिक काम करता है। उन्होंने ब्राह्मण के गुणों को परिभाषित करते हुए बहुत सुन्दर विवेचना की और कहा कि इन सदगुणों के कारणउसे ब्राह्मण देवता भी कहा जाता है।
जब ब्रा्ह्मण का नाम आता है तो एक आचरणयुक्त व्यवस्था से विभूषित व्यक्तित्व सामने आता है।ब्राह्मण केवल जाति न होकर एक श्रेष्ठ जीवन जीने की कला का ध्वजवाहक भी है।उन्होंने कहा कि समाज किस प्रकार से संचालित हो यह न केवल आज की आवश्यकता है बल्कि ब्राह्मणों का यह दायित्व भी है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व भारत की ओर देख
रहा है तथा भारत विश्व गुरू इसलिए बन रहा है कि यहां के पावन ग्रन्थ विश्व को दिशा देनेवाले हैं।वेदव्यास द्वारा रचित वेद पुराण, महर्षि वेदर बाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण एवं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गीता के माध्यम से अर्जुन को दिया गया संदेश हर काल में सामयिक हैं तथा मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इस सब के साथ श्रेष्ठ जीवन जीने का मार्ग ब्राह्मण ने ही प्रशस्त करने में योगदान दिया है।इन सदगुणों के कारण ही ब्राह्मण का दायित्व बढ़ जाता है।उन्होंने जन्म से लेकर युवावस्था तक विदेशियों की उस संस्कृति की चर्चा की जिसमें वृद्ध होने पर माता पिता को वृद्धाश्रम में डाल दिया जाता है।उनका कहना था कि इस पाश्चात्य संस्कृति के कुसंस्कारों ने समाज कोे बचाना ब्राह्मण का सबसे बड़ा कर्तव्य है।संयुक्त परिवार की परिकल्पना को जीवित रखना ब्राह्मण की जिम्मेदारी है।उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपरा के आदर्शों एवं विदेशी संसकृति के कुसंस्कारों में बड़ा सुन्दर अन्तर स्पष्ट करते हुए ब्राह्मण को उनकी जिम्मेदारी के प्रति आगाह किया।उनका कहना था कि पाश्चात्य संस्कृति प्रदर्शन है और भारतीय संस्कृति दर्शन है। इस दर्शन को लाने का काम ब्राह्मण ने किया है।
डा0 शर्मा ने कहा कि दादा ,दादी, नाना, और नानी के द्वारा बच्चे में संस्कार पैदा करने की परंपरा पर आज संकट इसलिए आ गया है कि आज बच्चे के बड़ा होते ही उसे छात्रावास भेज दिया जाता है।जन्म दिवस पर सत्यनारायण की कथा सुनने का स्थान आज चाकू से अंडेवाला केक काटने एवं हैपी बर्थडे कहने की परंपरा ने ले लिया है।उनकी संस्कृति बांटने की और भारतीय संस्कृति जोड़ने की है।भारत में नारी के सम्मान का किया जाता है इसीलिए सीताराम, राधाकृष्ण, गौरीशंकर लक्ष्मी नारायण उमाशंकर पिता का संबेाधन किया जाता है इस परंपरा को डालनेवाला और कोई नही ब्राह्मण है।हिन्दू धर्म जीव जन्तुओं तक की रक्षा करता है और इस धर्म का संवाहक ब्राह्मण है।
डा0 शर्मा ने लुप्त होती जा रही प्राचीन परंपराओं का जिक्र करते हुए कहा कि पहले कुआ पूजन होता था आज कुए समाप्त होते जा रहे हैं। पहले नदियों का पूजन भाव के साथ होता था तो नदियोें के संरक्षण की प्रतिबद्धता होती थी।आज होली पर होली के गायक नही मिलने आते।यही हाल दीपावली का होने लगा है किंतु योगी जी ने जब प्रदेश की बागडोर संभाली तो वे पूरे मंत्रिमंडल को अयोध्या ले गए और पहली बार सात लाख दीपकों से फिर 11 लाख दीपकों से और अब अनगिनत दीपकों के प्रज्वलन से अयोध्या में दीपावली मनाई। हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा उसी प्रकार से हुई जिस प्रकार से माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ मर्यादापुरूषोत्तम राम वन गमन के बाद अयोध्या आए थ। इस सबके पीछे उद्देश्य प्राचीन परंपराओं और सस्कृति की रक्षा और पुनर्जीवित करना है। आज भारत का सास्कृतिक राष्ट्रवाद लौटकर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अरूणाचल प्रदेश में बहुत बड़ा काम किया है।वहां पर परशुराम कुण्ड उपेक्षित सा पड़ा था प्रधानमंत्री ने उसके जीर्णोद्धार ंएवं परशुराम स्मृति केन्द्र बनाने के लिए 40करोड़ दिया है।उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से वहां का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद वहां जाने की सलाह दी तो प्रधानमंत्री को इसलिए साधुवाद दिया कि उन्होंने सांस्कृतिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश को अरूणाचल से जोडन्ेा का काम किया है।उन्होंने भारत सरकार द्वारा हाल में परशुराम जयन्ती पर परशुराम जी का डाक टिकट जारी करने केे लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया ।शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शाहजहांपुर में परशुराम से संबंधित तीर्थस्थल का करोड़ो रूपये खर्च करके न केवल जीर्णोद्धार करने का आदेश दिया है बल्कि तीर्थ पुरोहितों के लिए भी बोर्ड बनाने का विचार उनके उत्थान का निश्चय किया है ।उनका कहना था कि वे इन दोनो कार्यों के प्रति मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त
करते हैं और उम्मीद करते हैं कि अब तीर्थ पुरोहितों का कुछ न कुछ कल्याण होगा।उनका कहना था कि यह सब इसलिए संभव हो रहा है कि ब्राह्मणों ने राष्ट्रीय सोच की सरकार बनाई। सरकार परशुराम से संबंधित हर जिलें में स्मृति चिन्ह इसलिए तैयार कर रही है कि ब्राह्मण की यह दिली इच्छा है।
सांसद डॉ महेश शर्मा का कहना था कि राष्ट्रीय सोच की सरकार ब्राह्मण ऊर्जा शक्ति को पहचानती है। ब्राह्मण ने चुनाव में बीजेपी को सहयोग करके राष्ट्र चेतना को जागृत किया है ।
परिन्दा पर नही मार सकता कहने वालों को ब्राह्मण ने अपनी शक्ति दिखा दी औैेर कहा कि राम लला हम आएंगे मन्दिर वहीं बनाएंगे। जिन्होने कभी कहा था कि तिलक तराजू औ तलवार ………….. वे ब्राह्मण की शक्ति और तेज के कारण एक की संख्या पर आ गए।
उन्होंने कहा कि समग्र भारत की कल्पना को साकार करते हुए दहेज के खिलाफ अभियान चलाना है तथा यह देखना है कि बच्चों को संस्कत भाषा की शिक्षा अवश्य दी जाय और हर बच्चा संस्कृत के कुछ श्लोक अवश्य कंठस्थ करे तथा संस्कारवान बने। उनका कहना था कि नशाखोरी और शराब के खिलाफ अभियान चलाना है। आज राम मन्दिर बन रहा है तो ब्राह्मण और आम जनमानस खुश है वह देवों के प्रति अपशब्द बर्दास्त नही कर सकता।
आज काशी में कॉरीडोर बन गया है तो मथुरा वृन्दावन के जन्माष्टमी, होली जैसे पर्वों को सरकार मना रही है। यह सब ब्राह्मण की एकता एवं राष्ट्रवादी सरकार बनाने का ही परिणाम है।
माननीय सांसद डॉक्टर महेश शर्मा,श्री सतीश गौतम,दर्जा प्राप्त मंत्री श्री सुनील भराला,सदस्य विधान परिषद श्री श्रीचंद शर्मा,विधायक श्री सुनील शर्मा, श्री तेजपाल नागर जिला अध्यक्ष श्री विजय भाटी पूर्व सदस्य विधान परिषद सतीश शर्मा श्री सत्य प्रकाश विकल एवम श्री पंडित पीतांबर शर्मा जी उपस्थित थे|