डॉ राकेश शर्मा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉक्टरेट उपाधि से किया अलंकृत, हस्तशिल्प निर्यात संगठनों द्वारा सम्मान समारोह
लखनऊ, रफ्तार टुडे। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (EPCH) के महानिदेशक एवं इंडिया एक्सपो मार्ट लिमिटेड (IEML) के अध्यक्ष, हस्तशिल्प जगत के पितामह कहे जाने वाले डॉ राकेश कुमार को तीर्थंकर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद में आयोजित भव्य उपाधि अलंकरण समारोह में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई। डॉ राकेश कुमार को यह उपाधि दिए जाने के बाद से देशभर के कारीगरों एवं निर्यातकों में हर्ष का माहौल है।
बाबत ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट लिमिटेड में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहां सैकड़ों कारीगर एवं निर्यातक एकत्रित हुए और डॉ राकेश कुमार को बधाई दी। इस दौरान मंच पर सी.पी. शर्मा, विशाल ढींगरा, नजमुल इस्लाम, दिलीप वैद, चेयरमैन राजकुमार मल्होत्रा, नीरज खन्ना, आर.के.वर्मा एवं डॉ राकेश कुमार सहित कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ राकेश कुमार को पुष्पगुच्छ भेंट कर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित करने के साथ हुआ, इस हर्ष के अवसर पर मंच से संबोधित करते हुए नीरज खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान की गई डॉक्टरेट की मानद उपाधि केवल डॉ राकेश कुमार का सम्मान नहीं है, यह सभी निर्यातकों एवं कारीगरों का सम्मान हैं। डॉ राकेश कुमार का पूरा जीवन हस्तशिल्प निर्यातकों एवं कारीगरों के लिए समर्पित है। अक्सर कहा जाता है कि सम्मान देने वाले बड़े होते हैं लेकिन आज मैं (नीरज खन्ना) कह सकता हूं कि सम्मान लेने वाले भी उतने ही बड़े हैं जितने देने वाले।
वहीं मंच से EPCH के चेयरमैन राजकुमार मल्होत्रा ने कहा कि डॉ राकेश कुमार जी के साथ हस्तशिल्प क्षेत्र में लगभग दो दशकों का साथ है। मैं बस यही कहना चाहूंगा कि इनका बस एक ही निगेटिव है की इनका कोई निगेटिव नहीं है। इन्होंने हजारों कारीगरों और निर्यातकों की मदद है, कोई ये नहीं कह सकता कि मैंने इन्हें कुछ कहा और नहीं हुआ। और इनकी जो सबसे बड़ी बात है कि ये लोगों को जो मदद करते हैं उसे फिर वहीं भूल जाते हैं।
वहीं मंच से सभी पदाधिकारियों, निर्यातकों का आभार व्यक्त करते हुए डॉ राकेश कुमार ने कहा कि वास्तव में इन सालों में मुझे नहीं पता लगा कि मैं कैसे बड़ा हो गया, आज भी मैं खुद को आपलोगो के बीच बच्चा पाता हूं। जब मैंने अपनी यात्रा शुरू की थी और टू व्हीलर स्कूटर पर जिस पैशन के साथ चलता था ईश्वर ने आज भी हमारी वही पैशन रखी है।
उन्होंने आगे कहा कि कि वास्तव जब भी मुझे कोई सम्मान मिला तो वह हमारे सेक्टर को मिला हमारे साथ काम करने वाले लोगों को मिला। आज से 15-20 साल पहले जब मैं उस समय को याद करता हूं तो जैसे ही कहते थे कि हस्तशिल्प का काम है तो लोग एक राय बना लेते थे कि छोटा सा घरेलू सा काम करता है, हाथ की मिट्टी का काम करता है, आज उसी काम में एक व्यापक बदलाव आया है और यही ट्रांसफॉर्मेशन ही जीवन का हिस्सा है। और इसमें सभी कारीगरों का, EPCH की पूरी टीम का और जुड़े सभी लोगों का योगदान है।
बता दें कि कार्यक्रम में उपस्थित सभी कारीगरों, निर्यातकों एवं गणमान्य लोगों ने पुष्पगुच्छ, शॉल एवं स्मृतिचिन्ह प्रदान कर डॉ राकेश कुमार का स्वागत किया एवं ढेर सारी बधाई दी।