BJP News : डॉ. मुखर्जी की विचारधारा पर एकजुट हुई भाजपा, दनकौर के बिलासपुर में बलिदान दिवस संगोष्ठी बनी राष्ट्रभक्ति का मंच, राजनीति नहीं, सांसद महेश शर्मा बोले राष्ट्रनिर्माण के योद्धा थे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
‘एक राष्ट्र, एक विधान’ के वाहक थे मुखर्जी: सुरेश राणा

दनकौर, ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे।
गौतमबुद्धनगर में भारतीय जनता पार्टी की ओर से रविवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर एक गरिमामयी जिला संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बिलासपुर स्थित एचएस गार्डन में संपन्न हुआ, जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
इस आयोजन ने न केवल भाजपा की वैचारिक प्रतिबद्धता को बल दिया, बल्कि राष्ट्रवादी मूल्यों और अनुशासन के प्रति पार्टी की आस्था को भी जन-जन तक पहुंचाया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने डॉ. मुखर्जी के बलिदान को राष्ट्र की एकता और अखंडता के प्रतीक के रूप में याद किया।
राजनीति नहीं, राष्ट्रनिर्माण के योद्धा थे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने डॉ. मुखर्जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा,
“डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन केवल एक राजनेता का नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण के महान संत का था। उन्होंने भारत की एकता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने की उनकी सोच आज भी हमें प्रेरित करती है।”
‘एक राष्ट्र, एक विधान’ के वाहक थे मुखर्जी: सुरेश राणा
मुख्य वक्ता पूर्व मंत्री सुरेश राणा ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा,
“डॉ. मुखर्जी का सपना था कि देश में एक संविधान, एक विधान और एक निशान हो। उनका बलिदान आजादी के बाद के भारत की सबसे बड़ी प्रेरणाओं में एक है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हीं के विचारों पर चलकर भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में अग्रसर हैं।”
भाजपा संगठन का दिखा शक्ति प्रदर्शन
कार्यक्रम में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ कार्यकर्ताओं की भारी उपस्थिति ने इसे संगठनात्मक एकता का प्रतीक बना दिया। संगोष्ठी की अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने की और संचालन जिला उपाध्यक्ष सत्येन्द्र नागर द्वारा किया गया।
उपस्थित गणमान्य जनों में शामिल रहे—
- दादरी विधायक मास्टर तेजपाल नागर
- जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह
- सतेंद्र नागर, ओमकार भाटी, मनोज चौधरी, संजय भैया, नरेंद्र डाढा
- राकेश चेयरमैन, ममता शर्मा, सविंदर नेता
- हरेंद्र शर्मा, धर्मेंद्र कोरी, अखिलेश नागर, शिवा
- मनोज गर्ग, दिनेश भाटी, संजय रावत
- सुनील सिंह भोयरा, अर्पित तिवारी, संजय भाटी
- राजीव सिंघल, धीर राणा, दीपक सिंह, रजनी तोमर, संगीता रावल
…और अनेक कार्यकर्ता व सामाजिक कार्यकर्ता।

श्रद्धांजलि और संकल्प
संगोष्ठी के आरंभ में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और राष्ट्रभक्ति की भावना से ओत-प्रोत नारे गूंज उठे –
“डॉ. मुखर्जी अमर रहें!”
“भारत माता की जय!”
इसके साथ ही कार्यकर्ताओं ने भारत की एकता, अखंडता और समरसता के लिए कार्य करते रहने का संकल्प लिया।
📚 डॉ. मुखर्जी: शिक्षा, सेवा और साहस का प्रतीक
डॉ. मुखर्जी की जीवन यात्रा अनेक मायनों में प्रेरक रही है। वे केवल एक राजनीतिज्ञ नहीं, बल्कि—
- कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे युवा कुलपति रहे।
- देश के पहले उद्योग मंत्री बने।
- भारतीय जनसंघ के संस्थापक रहे।
- धारा 370 के विरोध में बलिदान दिया।
उनकी विचारधारा आज भी राष्ट्रवाद और स्वावलंबन के लिए पथप्रदर्शक है।
📌 कार्यक्रम की विशेषताएं
- प्रेरणादायक वक्तव्य और ऐतिहासिक तथ्यों पर चर्चा
- भाजपा कार्यकर्ताओं का बड़ा जमावड़ा
- सामाजिक सौहार्द और एकता का संदेश
- नवयुवाओं के लिए डॉ. मुखर्जी के आदर्शों पर आधारित प्रेरणा
🎯 Rashtravaad ka Sankalp: युवाओं को जोड़ेगा ये आयोजन
यह संगोष्ठी केवल एक श्रद्धांजलि नहीं बल्कि राजनीति में विचार और नैतिकता की पुनर्स्थापना का प्रयास थी। यह आयोजन युवा पीढ़ी को देशभक्ति के मूल्यों से जोड़ने और समाज सेवा के लिए प्रेरित करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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