Breaking News : “अपहरण का झूठा नाटक, करोड़ों की सट्टेबाजी और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन”, ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने पकड़ा हाईटेक ऑनलाइन सट्टा गिरोह, खुद को अगवा बताकर वसूलना चाहते थे फिरौती, दुबई-थाईलैंड से था ऑपरेशन कनेक्शन

ग्रेटर नोएडा, रफ्तार टुडे।।
अगर आपको कोई कहे कि अपहरण की सूचना देकर किसी बेटे ने खुद अपने पिता से पैसे ऐंठने की साजिश रची – तो हैरानी होगी! लेकिन यही हुआ है गौतमबुद्धनगर जिले में, जहां एक फर्जी अपहरण की सूचना ने पुलिस को न केवल सच से रूबरू कराया, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टा गिरोह का परदाफाश भी कर दिया।
कासना थाना क्षेत्र में पुलिस ने इस गिरोह के 8 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो हर दिन लाखों रुपये का सट्टा क्रिकेट मैचों पर लगवाते थे। इनका नेटवर्क दुबई और थाईलैंड से संचालित हो रहा था और अपराध की कहानी किसी बॉलीवुड थ्रिलर से कम नहीं थी।
अपहरण की झूठी कॉल बनी पूरे रैकेट के भंडाफोड़ की चाबी
12 जून, दिन गुरुवार। राजस्थान के सुभाष चंद्र नामक व्यक्ति ने नोएडा पुलिस को बताया कि उनके बेटे भीम सिंह (22) और भतीजे नारायण (25) को अपहरणकर्ताओं ने अगवा कर लिया है और ₹7 लाख की फिरौती मांगी गई है।
थाना कासना पुलिस ने फौरन केस दर्ज कर तकनीकी सर्विलांस और लोकेशन ट्रैकिंग शुरू की।
सभी को तब हैरानी हुई जब “अपहृत” युवक गौर सिटी की दो आलीशान सोसाइटी – व्हाइट आर्किड और राधा स्काई गार्डन में मौज कर रहे थे। पुलिस टीम ने तत्काल रेड कर दी और यह मामला फर्जी अपहरण व हाईटेक सट्टेबाजी का निकला।
‘RUDRA CRIC LIVE’ ऐप से चलता था ऑनलाइन सट्टेबाज़ी का साम्राज्य
पकड़े गए आरोपियों ने खुलासा किया कि वे ‘RUDRA CRIC LIVE’ नामक मोबाइल ऐप के माध्यम से क्रिकेट मैचों में ओवर-दर-ओवर सट्टा लगवाते थे।
इस ऐप पर अलग-अलग व्हाट्सएप नंबरों के जरिए ग्राहकों से संपर्क किया जाता था। ग्राहकों को एक आइडी अलॉट की जाती थी, जिससे वह “डिजिटल जुए की दुनिया” में प्रवेश करते थे।
सट्टे के विषय:
- रन और विकेट का अंदाज़ा
- मैच का परिणाम
- लाइव ओड्स पर तुरंत दांव
हर दिन का टर्नओवर ₹25 से ₹30 लाख तक होता था, जिसे अंतरराष्ट्रीय बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था।
दुबई-थाईलैंड से मिलती थी लॉजिस्टिक सपोर्ट, फर्जी सिम और खाते भेजे जाते थे
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए कि गिरोह के कुछ सरगना दुबई और थाईलैंड में बैठे हैं। वहीं से इन्हें मिलते थे –
- फर्जी सिम कार्ड
- बैंक अकाउंट खोलने के दस्तावेज
- डिजिटल टूल्स और डार्क वेब सपोर्ट
गिरफ्तार आरोपियों ने माना कि यह सट्टा नेटवर्क कई राज्यों में फैल चुका है और सैकड़ों ग्राहकों को फंसा रखा है।

अपहरण की झूठी कहानी: फिल्मी अंदाज़ में रची गई साजिश
मुख्य आरोपी भीम सिंह ने पुलिस के सामने माना कि अपहरण की कहानी पूरी तरह झूठी थी, जिसे गिरोह के सदस्यों ने मिलकर रचा। इसका मकसद था परिजनों से लाखों रुपये की फिरौती वसूलना, ताकि सट्टेबाजी के “बिज़नेस” को और फैलाया जा सके।
8 आरोपी दबोचे गए, कई बड़े खुलासों की उम्मीद
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
- भीम सिंह (22), अलवर, राजस्थान
- नारायण (25), अलवर, राजस्थान
- ध्रुव (24), जुनागढ़, गुजरात
- मुकीम (19), फिरोजपुर झिरका, हरियाणा
- विशाल कुमार (27), कुरुक्षेत्र, हरियाणा
- सन्नी जेतवा (27), जुनागढ़, गुजरात
- हिमांशु दकान (20), द्वारका, गुजरात
- सुखदेव सिंह (31), स्वरूप नगर, दिल्ली
इनके कब्जे से पुलिस ने बरामद किए:
- 4 लैपटॉप
- 26 मोबाइल फोन
- 16 अवैध सिम
- फर्जी दस्तावेज
- पासबुक, चेकबुक
- लाखों रुपये के डिजिटल ट्रांजैक्शन की जानकारी
साइबर तकनीक और अपराध का खतरनाक मेल
यह केस एक बार फिर यह साबित करता है कि डिजिटल क्राइम और हाईटेक अपराधी अब साधारण नहीं रहे। गिरोह में शामिल युवक सिर्फ 19-31 वर्ष की आयु वर्ग के हैं, जिन्होंने तकनीक और इंटरनेट का इस्तेमाल कर बहुराष्ट्रीय सट्टा साम्राज्य खड़ा कर दिया।
अब और गिरफ्तारी की संभावना, साइबर सेल कर रही विस्तृत जांच
पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े अन्य नेटवर्क की जांच के लिए साइबर क्राइम यूनिट और ATS को भी शामिल किया है।
विदेशी बैंक ट्रांजैक्शन, फर्जी दस्तावेजों का सोर्स, और सट्टा कस्टमर नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है।
🛑 Raftar Today व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक को टच करें।
Follow the Raftar Today channel on WhatsApp
Twitter (X): Raftar Today (@raftartoday)