फरीदाबाद3 घंटे पहले
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सरकारी विभागों की लापरवाही से शहर गैस चैंबर बनता जा रहा है। लाेगाें के लिए सांस का संकट पैदा होने लगा है। क्योंकि प्रदूषण स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 465 तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो इस समय औद्योगिक नगरी में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। हैरानी की बात ये है कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान(ग्रेप) लागू होने के एक माह बाद भी सरकारी विभाग अभी तक प्रदूषण रोकने का काम सिर्फ कागजों में ही कर पाए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डालें तो शनिवार को फरीदाबाद के सेक्टर 16ए के पास एक्यूआई 426, सेक्टर 11 का एक्यूआई 423 और सेक्टर 30 का 404 रिकार्ड किया गया। बल्लभगढ़ की बात करें तो यहां का एक्यूआई 383 रिकार्ड किया गया। शुक्रवार को बल्लभगढ़ का प्रदूषण स्तर 445 और फरीदाबाद का 420 रिकार्ड किया गया था। बीके अस्पताल के ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. गुंजन गर्ग की सलाह है कि शहर के हालात खराब है। ऐसे में लोगों को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। यदि जरूरी है तो एन-95 वाला मास्क का ही प्रयेाग करें। उनका ये भी कहना है कि जहां तक संभव हो बुजुर्गों और बच्चे बाहर निकलने से बचें। मार्निंग वॉक पूरी तरह से बंद कर दें।
विभागों ने ये की कार्रवाई
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियेां के मुताबिक वातावरण में इन दिनों धूल के कण बड़ी मात्रा में फैल रहे हैं। नगर निगम ने अभी तक कूड़ा जलाने के चार और फेकनें के महज सात चालान किए हैं। जबकि सभी 40 वार्डों के लिए 120 कर्मचारियों की ड्यटी लगाई गई है। अधिकारियों की माने तो नगर निगम के 15 पानी के टैंकर से छिड़काव करने और छह स्वीपिंग मशीन से रोड की सफाई का दावा किया जा रहा है। इसी तरह एचएसआईआईडीसी हर दिन 4 घंटे पानी का छिड़काव करा रहा है। एनएचएआई हर दिन 6 टैंकर से और एचएसवीपी भी रोज पानी छिड़काव का दावा कर रहा है।