Footover Brij News : बड़ी ख़बर: ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण विभाग की बड़ी कार्रवाई, निर्माणाधीन फुटओवर ब्रिज के ठेकेदार पर 50,000 रुपये का जुर्माना, वायु गुणवत्ता सुधार पर जोर

ग्रेटर नोएडा, रफ़्तार टुडे। ग्रेटर नोएडा के व्यस्तम क्षेत्रों में शुमार जगत फार्म और कैलाश अस्पताल के समीप चल रहे दो फुटओवर ब्रिज निर्माण कार्य में प्रदूषण फैलाने के चलते ठेकेदार पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 50-50 हजार रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। यह कदम नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों के उल्लंघन के आधार पर उठाया गया, जिससे क्षेत्र में वायु गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ा था। ठेकेदार वर्द्धमान कौशिक की इस लापरवाही के कारण धूल-मिट्टी से आसपास का वातावरण दूषित हो गया, जिससे वहां के निवासियों और राहगीरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
निर्माण स्थल पर धूल के गुबार से लोग हुए परेशान, सड़क पर फैलाई गई मिट्टी से बढ़ी समस्याएं
ग्रेटर नोएडा के कासना रोड पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा दोनों फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, जो जगत फार्म और कैलाश अस्पताल के बीच स्थित है। इस निर्माण के दौरान भारी मात्रा में मिट्टी खोदी गई और इसे बिना किसी सुरक्षा उपायों के सीधे सड़क पर फेंक दिया गया। वाहनों की आवाजाही के चलते यह मिट्टी लगातार हवा में उड़ती रही, जिससे स्थानीय वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई। धूल के गुबार के कारण राहगीरों, स्थानीय निवासियों और खासकर बच्चों और बुजुर्गों को काफी तकलीफ हुई। एनजीटी के निर्देशों के अनुसार, निर्माण स्थलों पर धूल-धूंध को रोकने के लिए विशेष उपाय किए जाने चाहिए, लेकिन यहां सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई।
स्थानीय निवासियों की शिकायत पर जागा प्रदूषण विभाग, किया सख्त निरीक्षण
स्थानीय निवासियों ने लगातार प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर विभाग से शिकायत की, जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने स्थल का निरीक्षण किया। जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि शिकायतें पूरी तरह सही हैं। ठेकेदार ने पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करते हुए ना तो धूल नियंत्रण के उपाय किए और ना ही निर्माण के बाद सड़क की साफ-सफाई सुनिश्चित की। मौके पर निरीक्षण के बाद यह साफ हो गया कि निर्माणाधीन फुटओवर ब्रिज का कार्य एनजीटी के नियमों के विपरीत किया जा रहा है, जिससे प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा था।

जुर्माने के बाद प्रशासन ने दिए सख्त निर्देश, परियोजना में तेजी से सुधार के आदेश
प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा ठेकेदार पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भी निर्देश दिए गए कि वे निर्माण कार्य के दौरान सभी नियमों का पालन सुनिश्चित करें। ठेकेदार वर्द्धमान कौशिक को सख्त चेतावनी दी गई है कि भविष्य में अगर इस तरह की लापरवाही पाई गई, तो निर्माण कार्य को तत्काल रोक दिया जाएगा और अधिक कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसे किसी भी निर्माण स्थल पर पर्यावरणीय नियमों का सख्ती से पालन हो।
निर्माण कार्य में पहले से हो चुकी है देरी, अब जुर्माने के बाद बढ़ सकती हैं मुश्किलें
गौरतलब है कि यह फुटओवर ब्रिज परियोजना पहले से ही निर्धारित समय से लगभग 9 माह की देरी से चल रही है। इस परियोजना की देरी के चलते स्थानीय लोगों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ा है, और अब जुर्माने के बाद निर्माण कार्य में और भी बाधाएं आ सकती हैं। स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने प्रशासन से इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की है ताकि इलाके में यातायात सुचारू हो सके और प्रदूषण कम किया जा सके।
सख्त कार्रवाई से प्रदूषण नियंत्रण पर जोर, वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में उठाया कदम
उत्तर प्रदेश प्रदूषण विभाग की इस कार्रवाई को वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। एनजीटी के निर्देशों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्माण कार्यों के दौरान प्रदूषण पर पूरी तरह से नियंत्रण रखा जाए। आने वाले समय में यह कार्रवाई एक उदाहरण बनेगी, जिससे अन्य ठेकेदार और कंपनियां भी पर्यावरणीय नियमों का पालन करने के प्रति सतर्क रहेंगी।
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