Special on World Stroke Day: Golden Hour is a game changer in treating stroke, rescue possible in 80% of cases
स्ट्रोक भारत में मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण, स्वास्थ्य जांच और स्वस्थ जीवनशैली से कर सकते हैं बचाव
ग्रेटर नोएडा, Raftar Today। स्ट्रोक एक ऐसा गंभीर स्वास्थ्य संकट है, जिसने भारत में व्यापक प्रभाव छोड़ा है। हर चार मिनट में एक व्यक्ति इस जानलेवा समस्या का शिकार होता है और हर बीस सेकंड में एक नया मामला सामने आता है। स्ट्रोक न केवल मृत्यु का कारण बनता है, बल्कि कई बार इससे व्यक्ति स्थायी रूप से विकलांग भी हो सकता है। आंकड़ों के अनुसार, देश में प्रतिवर्ष 2 मिलियन से अधिक लोग स्ट्रोक का सामना करते हैं और पांच में से एक व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी स्ट्रोक का सामना करना पड़ता है।
गोल्डन ऑवर का महत्व: समय पर इलाज से 80% मामलों में बचाव संभव
फोर्टिस अस्पताल ग्रेटर नोएडा के न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. चिराग गुप्ता बताते हैं कि स्ट्रोक के दौरान मस्तिष्क की प्रति मिनट करीब 20 लाख कोशिकाएं मरने लगती हैं, जिससे हर सेकंड कीमती हो जाता है। इस स्थिति में “गोल्डन ऑवर” का महत्व और बढ़ जाता है। डॉ. गुप्ता के अनुसार, स्ट्रोक आने के बाद शुरुआती साढ़े चार घंटे का समय बेहद अहम है। इस दौरान सही इलाज मिलने पर 80% मामलों में मरीज को बचाया जा सकता है।
जीवनशैली और प्रदूषण से बढ़ता स्ट्रोक का खतरा
डॉ. गुप्ता बताते हैं कि हमारी बदलती जीवनशैली स्ट्रोक के बड़े कारणों में से एक है। अस्वास्थ्यकर खान-पान, व्यायाम की कमी, पूरी नींद न लेना, और बढ़ता प्रदूषण स्ट्रोक के खतरे को और बढ़ाते हैं। उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में स्ट्रोक का जोखिम अधिक होता है। शराब का सेवन और धूम्रपान भी स्ट्रोक के प्रमुख कारणों में आते हैं।
स्ट्रोक के कारण और रोकथाम के उपाय
स्ट्रोक खून के बहाव में रुकावट की वजह से होता है। डॉ. गुप्ता बताते हैं कि अगर व्यक्ति संतुलित आहार, नियमित कसरत, और तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाए तो स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। नियमित स्वास्थ्य जांच, विशेषकर रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाकर व्यक्ति स्ट्रोक के खतरे को समय रहते पहचान सकता है। शराब और सिगरेट से परहेज़ भी स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में सहायक है।
स्ट्रोक के लक्षण: BEFAST विधि से करें पहचान
स्ट्रोक के लक्षणों की समय पर पहचान अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए BEFAST विधि याद रखें:
B = Balance – संतुलन का बिगड़ना
E = Eye Deviation – नजरें धुँधली होना
F = Facial Droop – चेहरे में असामान्यता
A = Arm and Leg Weakness – हाथ-पाँव का कमजोर पड़ना
S = Speech Change – बोलने में समस्या
T = Time to Reach Stroke Ready Hospital – तुरंत अस्पताल पहुँचाना
इन लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे तो मरीज को जल्द से जल्द स्ट्रोक उपचार के लिए योग्य अस्पताल ले जाएं।
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