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Gang Leader Arrested For Cheating In The Name Of Giving Bonus On Insurance Policy – दिल्ली : इंश्योरेंस पॉलिसी पर बोनस देने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का सरगना गिरफ्तार

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Mon, 20 Dec 2021 06:34 AM IST

सार

काफी समय से था फरार। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दबोचा। आरोपी की गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस ने रखा हुआ था 25 हजार रुपये का ईनाम। 

गिरफ्त में आरोपी…
– फोटो : अमर उजाला

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एलआईसी की इंश्योरेंस पॉलिसी पर बोनस देने की बात कर ठगी करने वाले गैंग के सरगना को पुलिस ने महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान पटना, बिहार निवासी संदीप कुमार सोनी (37) के रूप में हुई है। आरोपी पिछले पांच साल से लगातार पुलिस की आंख में धूल झोंक रहा था। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने आरोपी की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया हुआ था।

वहीं पटियाला हाउस कोर्ट ने भी संदीप के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया हुआ था। पुलिस गैंग के सात सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इन लोगों ने दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के सैंकड़ो लोगों से 2.50 करोड़ की ठगी की थी। पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त मनोज सी ने बताया कि वर्ष 2015 में एलआईसी के कार्यकारी निदेशक ने पुलिस से शिकायत की थी। पीड़ित ने बताया कि कुछ लोग एलआईसी के अधिकारी बनकर लोगों से ठगी कर रहे हैं। आरोपी एलआईसी पॉलिसी के साथ मुफ्त में मिलने वाली सेवाओं (जैसे फ्री केडिट कार्ड, मेडिक्लेम सुविधाएं, पॉलिसी होल्डरों के खाते में सीधा ब्याज ट्रांसफर, लैप्स हो चुकी पॉलिसी पर बोनस) को देने का झांसा देते थे। इसके बदले आरोपी कई अलग-अलग निजी कंपनी में सीधे कैश और कंपनी के नाम चेक ले रहे थे। करोड़ों रुपये समेटने के बाद आरोपी फरार हो गए।

पुलिस ने मामला दर्ज किया तो पता चला कि चार बड़े राज्यों में ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया था। कुल आठ लोगों ने मिलकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। छानबीन के बाद पुलिस ने एक-एक कर सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन मुख्य आरोपी लगातार पुलिस को चकमा देता रहा। पुलिस ने दिल्ली के अलावा पटना स्थित उसके ठिकानों पर छापेमारी की। लेकिन आरोपी को सुराग नहीं मिला।

इस बीच एसीपी अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी व अन्यों की टीम को सूचना मिली कि आरोपी पुणे में कहीं छिपा है। टीम ने टेक्नीकल सर्विलांस के अलावा ह्यूमन इंटेलिजेंस की मदद से आरोपी की जानकारी जुटाई। इसके बाद एक टीम को पुणे भेज दिया गया। आरोपी वहां से भी फरार होने की फिराक में था। पुलिस ने छापेमारी कर आरोपी को दबोच लिया। इसके बाद उसे दिल्ली लाया गया।

पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह एमबीए पास है। आरोपी एलआईसी और कई अलग-अलग बैंक में ऊंचे पदों पर नौकरी कर चुका है। 2013 में उसने अपनी निजी कंपनी बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम देना शुरू किया। मोटी रकम ठगी करने के बाद आरोपी फरार हो गए थे। पुलिस संदीप से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

विस्तार

एलआईसी की इंश्योरेंस पॉलिसी पर बोनस देने की बात कर ठगी करने वाले गैंग के सरगना को पुलिस ने महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान पटना, बिहार निवासी संदीप कुमार सोनी (37) के रूप में हुई है। आरोपी पिछले पांच साल से लगातार पुलिस की आंख में धूल झोंक रहा था। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने आरोपी की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया हुआ था।

वहीं पटियाला हाउस कोर्ट ने भी संदीप के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया हुआ था। पुलिस गैंग के सात सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इन लोगों ने दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के सैंकड़ो लोगों से 2.50 करोड़ की ठगी की थी। पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त मनोज सी ने बताया कि वर्ष 2015 में एलआईसी के कार्यकारी निदेशक ने पुलिस से शिकायत की थी। पीड़ित ने बताया कि कुछ लोग एलआईसी के अधिकारी बनकर लोगों से ठगी कर रहे हैं। आरोपी एलआईसी पॉलिसी के साथ मुफ्त में मिलने वाली सेवाओं (जैसे फ्री केडिट कार्ड, मेडिक्लेम सुविधाएं, पॉलिसी होल्डरों के खाते में सीधा ब्याज ट्रांसफर, लैप्स हो चुकी पॉलिसी पर बोनस) को देने का झांसा देते थे। इसके बदले आरोपी कई अलग-अलग निजी कंपनी में सीधे कैश और कंपनी के नाम चेक ले रहे थे। करोड़ों रुपये समेटने के बाद आरोपी फरार हो गए।

पुलिस ने मामला दर्ज किया तो पता चला कि चार बड़े राज्यों में ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया था। कुल आठ लोगों ने मिलकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। छानबीन के बाद पुलिस ने एक-एक कर सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन मुख्य आरोपी लगातार पुलिस को चकमा देता रहा। पुलिस ने दिल्ली के अलावा पटना स्थित उसके ठिकानों पर छापेमारी की। लेकिन आरोपी को सुराग नहीं मिला।

इस बीच एसीपी अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर मंगेश त्यागी व अन्यों की टीम को सूचना मिली कि आरोपी पुणे में कहीं छिपा है। टीम ने टेक्नीकल सर्विलांस के अलावा ह्यूमन इंटेलिजेंस की मदद से आरोपी की जानकारी जुटाई। इसके बाद एक टीम को पुणे भेज दिया गया। आरोपी वहां से भी फरार होने की फिराक में था। पुलिस ने छापेमारी कर आरोपी को दबोच लिया। इसके बाद उसे दिल्ली लाया गया।

पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह एमबीए पास है। आरोपी एलआईसी और कई अलग-अलग बैंक में ऊंचे पदों पर नौकरी कर चुका है। 2013 में उसने अपनी निजी कंपनी बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम देना शुरू किया। मोटी रकम ठगी करने के बाद आरोपी फरार हो गए थे। पुलिस संदीप से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

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